योगी सरकार को सुप्रीम झटका,मदरसा छात्रों का सरकारी स्कूलों में दाखिले वाले आदेश पर रोक

Supreme blow to Yogi government, stay on the order for admission of madrassa students in government schools

अजय कुमार

लखनऊ : सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मदरसा छात्रों को लेकर बड़ा आदेश दिया है. शीर्ष अदालत ने आज सोमवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) द्वारा जारी निर्देशों के अमल पर रोक लगा दी, जिसमें यूपी सहित कई राज्यों से गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों के छात्रों को सरकारी स्कूलों में शिफ्ट करने का आग्रह किया गया था.

आज यह मामला भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष आया, जिसमें जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल थे।वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद की पैरवी की। पीठ के समक्ष यह तर्क दिया गया कि बाल अधिकार निकाय के निर्देशों और कुछ राज्यों की कार्रवाइयों पर रोक लगाने की आवश्यकता है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा सरकारों की उस कार्रवाई को चुनौती दी है, जिसमें गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों के छात्रों को सरकारी स्कूलों में शिफ्ट करने का निर्देश दिया गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि इस वर्ष 7 जून और 25 जून को जारी बाल अधिकार निकाय के निर्देशों पर अमल नहीं किया जाना चाहिए तथा राज्यों के कार्रवाई आदेशों पर भी रोक रहेगी. जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि याचिकाकर्ता को याचिका में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पक्षकार बनाने की स्वतंत्रता दी जाए. सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम संगठन को उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा के अलावा अन्य राज्यों को अपनी याचिका में पक्षकार बनाने की अनुमति दी. याचिका अधिवक्ता फुजैल अहमद अय्यूबी के जरिये दायर की गई थी.