रविवार दिल्ली नेटवर्क
लखनऊ : सुप्रतिष्ठित सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था सुर ताल संगम के द्वारा संस्कृति निदेशालय के सहयोग से लखनऊ स्थित अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्थान प्रेक्षागृह में एक यादगार संगीतमयी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें यश भारती सम्मानित वरिष्ठ संगीतकार केवल कुमार के निर्देशन में नवोदित और प्रतिष्ठित गायक कलाकारों ने गायन की विशेष विधाओं में से प्रमुख रुप से ग़ज़ल, नज़्म, नग़मा, कव्वाली, सूफियाना कलाम आदि का प्रशिक्षण प्राप्त कर शानदार मंच प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम की परिकल्पना और संरचना करने में माहिर सुप्रसिद्ध गायिका और संस्था की डायरेक्टर डॉ जया श्रीवास्तव ने बताया कि इन गायन शैलियों को सीखने के लिए असंख्य लोगों ने लम्बे समय तक प्रतीक्षा की, जिनमें से लगभग आधा सैकड़ा से अधिक की संख्या में आनलाइन और आफलाइन विधिवत उपरोक्त विधाओं की गायकी के गुर सीखे और इसके लिए संस्था का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि महापौर लखनऊ श्रीमती संयुक्ता भाटिया एवं अति विशिष्ट अतिथि के रूप में भाजपा युवा मोर्चा के श्री राहुल गुप्ता एवं अभिषेक को आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था की वरिष्ठ संरक्षिका संगीत विदुषी प्रोफेसर कमला श्रीवास्तव और अध्यक्ष श्री अजय श्रीवास्तव ने की। सभी अतिथियों एवं संस्था के प्रमुख पदाधिकारियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उर्दू भाषा की विशेषताओं को समाहित करते हुए नगमे, मिर्ज़ा ग़ालिब और मशहूर अभिनेत्री मीना कुमारी की लिखी मनमोहक ग़ज़लें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाली कुसुम वर्मा और लखनऊ के सुप्रसिद्ध अभिनेता देवेंद्र कुमार मोदी की मंच अदायगी से अद्भुत रुप में प्रस्तुत की गयीं। ताजमहल को बखानती हुयी ग़ज़ल पर दीप्ति सक्सेना और भूषण अग्रवाल ने जीवंत अभिनय करके लोगों की खूब वाहवाही बटोरी। सुप्रसिद्ध नवोदित गायक कलाकारों में सीमा विरमानी, अविजित श्रीवास्तव, ऐमन जावेद फारुकी सहित पैंतीस कलाकारों ने अपनी गायन प्रतिभा का कुशल प्रदर्शन करते हुए एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दीं। संस्था द्वारा संस्कृति और संगीत के संवर्धन हेतु किए जा रहे सतत प्रयासों की सभी ने सराहना करते हुए भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजन करवाने हेतु संस्था को शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर प्रमुख पदाधिकारी सहर जावेद फारुकी, रमन, ऐमन, अंकिता, अतुल, सीमा, देवेंद्र कुमार मोदी, नमिता, अविजित श्रीवास्तव आदि ने कार्यक्रम को सुचारू रूप से संपन्न करने में योगदान दिया।
सदैव की भांति कार्यक्रम के सभी अतिथियों, कलाकारों और विशेष रूप से ग़ज़लकारों को माल्यार्पण,अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र आदि देकर सम्मानित किया गया। इस विशिष्ट कार्यक्रम का आकर्षक संचालन सुप्रसिद्ध एंकर राजेन्द्र विश्वकर्मा और डॉ जया श्रीवास्तव ने किया।