पिंकी सिंघल
दोस्तों आज के मेरे इस आलेख का शीर्षक पढ़ने के बाद आप समझ ही गए होंगे कि आज का यह आलेख किस विषय से संबंधित है ।हम सभी मानते हैं ना कि हम खुद से ज्यादा अपने बच्चों और अपने परिवार पर ध्यान देते हैं ,उनकी देखभाल करते हैं, उनकी चिंता करते हैं, उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं, उनके लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए हमें सोचना नहीं पड़ता है। बच्चों के लिए ,अपने परिवार जनों के लिए कुछ भी करने की इच्छा हमारे भीतर से ही पैदा होती है। उनकी देखभाल और उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखने में हमें एक अजीब सा सुकून मिलता है। उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी ना हो, उन्हें किसी प्रकार का कोई तनाव ना हो और वे हमेशा प्रसन्न रहें, इस बात का विशेष ध्यान हम अक्सर रखा करते हैं ।उनके अस्वस्थ होने पर उनसे अधिक चिंता हमें उनकी होने लगती है और हम हर संभव प्रयास करते हैं कि किसी ना किसी तरीके से वे जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। हम उन्हें डॉक्टर के पास लेकर जाते हैं, दवाइयां दिलाते हैं, उनके खानपान का विशेष ध्यान रखते हैं, उनकी देखभाल करते हैं आदि आदि।
बस कुछ इसी तर्ज पर आज का मेरा यह आलेख मैं आप सभी के साझा करना चाह रही हूं।हमें अपने बच्चों और अपने परिवार से जितना प्रेम और लगाव होता है उतना ही प्यार हमें अपने स्वास्थ्य से भी करना चाहिए ,अपने शरीर को स्वस्थ रखना चाहिए, अपने शरीर को होने वाली परेशानियों को पैदा होने से पहले ही दूर करने की कोशिश करनी चाहिए। जिस प्रकार हम हर समय अपने बच्चों को प्यार, स्नेह ,दुलार देते हैं, उनकी देखभाल करते हैं ,उनके खान-पान का ध्यान रखते हैं ,बस उसी प्रकार हमें अपने शरीर को भी उचित देखभाल के साथ स्वस्थ रखना चाहिए,क्योंकि उसके स्वास्थ्य का पूरा पूरा ध्यान रखना भी हमारी ही जिम्मेदारी है ।
अक्सर देखा जाता है कि हम अपने परिवार के सभी सदस्यों का बहुत अच्छे से ध्यान रखते हैं ,उनके खान-पान में कोई कमी नहीं छोड़ते, परंतु ,जब बात हमारी अपनी आती है तो हम कोताही बरतने लगते हैं और अपने स्वास्थ्य के प्रति थोड़ा लापरवाह होने लगते हैं। सभी को समय पर खाना देना ,दूध ,चाय ,नाश्ता ,लंच, डिनर इत्यादि देने की जद्दोजहद में कभी कभी हम अपने ऊपर ध्यान देना ही भूल जाते हैं ।यह अच्छी बात है कि हम अपने अपनों का ध्यान रखते हैं ,उनसे प्रेम करते हैं, उनकी देखभाल करते हैं ,परंतु हम यह क्यों भूल जाते हैं कि जैसा हम उनके लिए सोचते हैं ,जितना प्यार हम उन्हें देते हैं, उतना ही प्यार हमारे परिवार के सदस्य, हमारे अपने ,हमारे बच्चे भी तो हमसे करते हैं और वे भी बस यही चाहते हैं कि हम हमेशा स्वस्थ रहें, खुश रहें, सुखी रहें।तो दोस्तों ,अपने परिवार जनों की इस छोटी सी ख्वाहिश को क्या हम पूरा नहीं कर सकते, क्या उनकी खुशी के लिए हम अपने आप का ध्यान नहीं रख सकते ।अपने आप का ख्याल रखने के पश्चात कि हम इतना समर्थ हो पाते हैं कि हम अपनों का ध्यान रख सके ।
उदाहरण के लिए, यदि आप हर समय अपने परिवार और बच्चों की देखभाल में ही लगे रहेंगे और अपने खान-पान का बिलकुल भी ध्यान नहीं रखेंगे तो एक समय ऐसा आएगा कि आप कमजोरी महसूस करेंगे और जल्द ही बिस्तर भी पकड़ सकते हैं। जरा सोचिए ,उस स्थिति में आप अपने परिवार का ध्यान कैसे रख पाएंगे। क्या आप की उस दशा को देखकर आपके परिवार जन आपके अपने खुश रह पाएंगे।कहने का तात्पर्य है कि अपनों का ध्यान रखने के साथ-साथ हमें अपना भी उतना ही ध्यान रखना चाहिए ।यदि हम अपना ध्यान नहीं रखेंगे तो वह दिन दूर नहीं जब हम दूसरों का ध्यान रखने में भी स्वयं को सक्षम महसूस नहीं करेंगे। दूसरों का ध्यान रखने से पहले हमें अपना ध्यान रखना होगा, हमें अपने आपको इतना समर्थ और शक्तिशाली बनाना होगा कि हम अपनों की परेशानियों और कठिनाइयों को चुटकियों में हल कर सकें ,उनके स्वास्थ्य का ध्यान रख सकें, उनकी सेहत का ध्यान रख सकें।
अपने स्वास्थ्य के प्रति हमारी जागरूकता हमारे परिवार जनों के लिए सबसे बड़ा उपहार भी साबित हो सकता है। स्मरण रहे,रिश्ते कभी एकतरफा नहीं होते। प्यार प्यार को अपनी ओर खींचता है। जितना प्यार आप अपनों से करते हैं ,उससे कहीं अधिक आपके अपने आप से भी करते हैं ।वे भी यही चाहते हैं कि आप सदा स्वस्थ रहें। एक दूसरे की परवाह करते हुए जीवन जीना ही खुशहाल जीवन का सच्चा अर्थ माना जाता है। हम अपने बच्चों को स्वस्थ रखने के टिप्स देते हैं, उन्हें कुछ ऐसी क्लासेज भी ज्वाइन कराते हैं जिनसे उनका स्वास्थ्य ठीक रहे और उनमें स्फूर्ति का संचार होता रहे तो क्यों ना दोस्तों उन सभी तरीकों को हम भी अपने जीवन में अपनाना सीखें। अपने स्वास्थ्य का पूरा पूरा ध्यान रखने के लिए हमें बस कुछ छोटी-छोटी बातों का भी ध्यान रखना होगा ; जैसे समय पर सोना ,समय पर जागना ,सही समय पर खाना पीना ,साथ ही साथ प्रतिदिन व्यायाम और हल्की फुल्की कसरत करना, ऐसे लोगों से मेल जोल बढ़ाना जो सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं, दिन भर में अपनी पसंद का कोई भी एक कार्य करना, अपनों के साथ हंसी मजाक करना, कोई भी एक गेम खेलना, बागवानी करना और अपनों के साथ छोटी-छोटी आउटिंग और शॉपिंग पर जाना।
आज के मेरे इस आलेख का निचोड़ केवल यही है कि हमें अपनों के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना चाहिए जो चीजें हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, उनसे दूरी बनानी चाहिए और स्वास्थ्य वर्धक चीजों का ही सेवन करना चाहिए ।इस प्रकार हम अपने बच्चों को वह सब चीजें नहीं देते जो उनके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित होती हैं,बस वही जज्बा ,वही रवैया हमें अपने स्वास्थ्य के साथ ही अपनाना होगा ,रखना होगा और अपने स्वास्थ्य को अच्छा रखकर हमें अपने परिवार जनों को एक बेहतर तोहफा देना होगा।