रविवार दिल्ली नेटवर्क
जयपुर : चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर की पहल पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग राजस्थान को टीबी मुक्त बनाने की ओर तेजी से अग्रसर हैै। विभाग के सतत प्रयासों से भारत सरकार के केन्द्रीय क्षय अनुभाग ने राज्य की 586 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है।
चिकित्सा मंत्री श्री खींवसर ने कहा कि राज्य के लिए यह महत्वपूर्ण उपलब्धि है। चिकित्सा विभाग द्वारा टीबी रोगियों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं एवं योजनाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए यह सफलता प्राप्त की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आगे भी टीबी मुक्त राजस्थान अभियान को प्रतिबद्धता के साथ संचालित किया जाएगा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने बताया कि टीबी उन्मूलन प्रयासों को मजबूत करने के क्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 24 मार्च, 2023 को वाराणसी में आयोजित ‘विश्व टीबी रोग दिवस‘ समारोह में ‘टीबी मुुुक्त पंचायत‘ अभियान का शुभारम्भ किया था। इस अभियान का उद्देश्य पंचायतीराज सदस्यों को टीबी रोग कार्यक्रम, रोगियों की सहायतार्थ संबल प्रदान करना एवं पंचायत को टीबी मुक्त करने की दिशा में सम्मिलित प्रयास करना है। इस अभियान के तहत राजस्थान का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक ने बताया कि राज्य को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त प्रदेश बनाने के लक्ष्य को अर्जित करने हेतु चिकित्सा विभाग द्वारा वर्ष 2024 में 9,325 ग्राम पंचायतों में यह अभियान आयोजित किया जा रहा है। अभियान के दौरान आशा/स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा वर्ष में दो बार घर-घर जाकर टीबी के संभावित रोगियों की खोज की जाएगी एवं टीबी से उपचारित हो चुके ‘‘टीबी चैम्पियन‘‘ द्वारा उपचाररत् रोगियों एवं संभावित रोगियों को जागरूकता गतिविधियों द्वारा टीबी रोग के लक्षण, पूर्ण उपचार एवं उपचार के दौरान नियमितता आदि पर समझाइश की जाएगी।
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा विद्यालयों के छात्रों, ग्राम सभा आदि में ‘‘टीबी रोग-शपथ‘‘ भी दिलाई जाएगी। जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेकर क्षय रोगियों को सामुदायिक सहायता उपलब्ध कराने हेतु ‘नि-क्षय मित्र‘ बनाए जायेंगे। नि-क्षय मित्र के रूप में कोई भी व्यक्ति, भामाशाह व जनप्रतिनिधि टीबी रोगियों को अतिरिक्त पौष्टिक आहार एवं अन्य सहायता उपलब्ध करवाकर इसमें सहयोग कर सकता है।