रविवार दिल्ली नेटवर्क
- फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की ओर से मना नेशनल टेक्नो डे
- श्रीकांत बोला का उदाहरण देकर स्टुडेंट्स को किया स्टार्ट अप के लिए प्रेरित
- पूर्व पीएम श्री वाजपेयी को नेशनल टेक्नो-डे मनाने का श्रेय: प्रो. आरके द्विवेदी
- परियोजना, पोस्टर, पावर प्वाइंट प्रस्तुति के संग प्रश्नोत्तरी, कोडिंग प्रतियोगिताएं
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के कुलपति प्रो. वीके जैन ने नेशनल तकनीकी डे की थीम पर बोलते हुए कहा, इन्नोवेशन के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है। नवाचारों के विकास और उपयोग के लिए राष्ट्रीय पहल- निधि के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए बोले, यह केन्द्र सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के नवाचार और उद्यमिता प्रभाग की ओर से परिकल्पित और विकसित किया गया एक व्यापक कार्यक्रम है। सफल स्टार्टअप में ज्ञान-आधारित और प्रौद्योगिकी-संचालित नवाचार एवम् टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर- टीबीआई नवाचारों को स्टार्ट-अप में परिवर्तित करना निधि परियोजना के घटकों में से एक है। उन्होंने बताया, टीएमयू में भी जल्द ही टीबीआई स्थापित होगी, क्योंकि इसके प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। समाज की समस्याओं के समाधान के लिए टेक्नोलॉजी महत्वपूर्ण है। प्रो. जैन तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की ओर से आयोजित राष्ट्रीय तकनीकी दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इससे पहले वीसी प्रो. वीके जैन ने बतौर मुख्य अतिथि, एफओईसीएस के निदेशक प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी, कार्यक्रम समन्वयक डॉ. गुलिस्ता खान, श्री आरपी पांडे आदि ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके एलटी-6 में कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
कुलपति प्रो. जैन ने तिलक मेहता के जीवन की घटनाओं, मुंबई डिब्बा वाले की यात्रा, कागज और पेंसिल उद्यमी आदि जैसे विभिन्न उदाहरणों पर चर्चा की। उन्होंने एक उद्यमी की जीत और बलिदान की सच्ची कहानी पर आधारित श्रीकांत बोला का उदाहरण देकर स्टुडेंट्स को स्टार्ट अप के लिए प्रेरित किया। प्रो. जैन बोले, डेटा एनालिटिक्स की जरूरत हर जगह है। वर्तमान में 20 से अधिक प्रौद्योगिकियां हैं और इन पर काम करने में 20 साल लगेंगे। एफओईसीएस के निदेशक प्रो. आरके द्विवेदी बोले, राष्ट्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी दिवस हमारे लिए किसी उत्सव से कम नहीं है, क्योंकि यह दिन तमाम वैज्ञानिक उपलब्धियों से लबरेज है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी का भावपूर्ण स्मरण करते हुए बोले, नेशनल टेक्नो-डे मनाने का श्रेय उन्हें ही जाता है। पोखरण में उनकी मौजूदगी में ही पाँच परमाणु बमों का परीक्षण हुआ था। उन्होंने जीवन के प्रत्येक चरण में प्रौद्योगिकी के दायरे की व्याख्या की। प्रो. द्विवेदी ने कहा, आईटी इज आईओटी। नेशनल टेक्नो-डे पर परियोजना प्रस्तुति में हरीश, दीपक, शुभम और हरप्रीत, पोस्टर प्रस्तुति में मांडवी सिंह एंड ग्रुप, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में प्रांजल एंड ग्रुप, कोडिंग प्रतियोगिता में वैभव कुमार जैन और पावर प्वाइंट प्रस्तुति में उज्ज्वल जैन विजेता रहे। अंत में सभी विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। संचालन स्टुडेंट्स मीनाक्षी और ऋषभ ने किया।