हंगरी में आयोजित IKMF वर्ल्ड चैंपियनशिप 2025 (भाग 2) में टीम इंडिया का शानदार प्रदर्शन

Team India's impressive performance at the IKMF World Championship 2025 in Hungary (Part 2)

  • महिला-प्रधान भारतीय दल ने 25 पदक जीतकर रचा इतिहास
  • हंगरी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कैटलबेल मैराथन चैंपियनशिप में भारत का बढ़ा गौरव , 25 पदक जीते
  • वर्ष 2026 रोहतक हरियाणा में आयोजित की जाएगी “केटलबैल मैराथन चैंपियनशिप”

रविवार दिल्ली नेटवर्क

नई दिल्ली : हंगरी के सेग्लेड शहर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कैटलबैल वर्ल्ड चैंपियनशिप 2025 – भाग 2(आई के एम एफ IKMF) में टीम इंडिया ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए भारतीय केटलबेल खेल के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ा। 22 देशों के 200 से अधिक खिलाड़ियों के बीच मुकाबला करते हुए 15 सदस्यीय भारतीय दल ने अद्भुत साहस, शक्ति और दृढ़ता का परिचय दिया और कुल 25 पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया।
सेग्लेड, हंगरी में 28 से 30 नवंबर को आयोजित अंतरराष्ट्रीय कैटल बैल मैराथन विश्व चैम्पियनशिप में भारतीय केटलबेल खेल के इतिहास में पहली बार, 15 में से 9 खिलाड़ी महिलाएं थीं, जिससे यह प्रतियोगिता एक महिला-प्रधान भारतीय दल के रूप में उभरी और भारत में महिला शक्ति खेलों के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर बनी। इन खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने न केवल वैश्विक प्रतिस्पर्धा को चुनौती दी, बल्कि उम्र, लिंग और खेल में उत्कृष्टता से जुड़े पुराने दृष्टिकोणों को भी बदल दिया।

दल के प्रतिनिधि और कोच के रूप में विनय सांगवान ने नेतृत्व किया, जिनका मार्गदर्शन टीम की सफलता में निर्णायक रहा। स्वयं विनय सांगवान ने भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए एक स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीता तथा मास्टर ऑफ स्पोर्ट की प्रतिष्ठित उपाधि प्राप्त की, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वोच्च खेल उत्कृष्टता की मान्यता है।
चैंपियनशिप की सबसे प्रेरणादायक कहानियों में से एक रही सुदेश सांगवान की, जो विनय सांगवान की माता और शिष्या हैं। 70 वर्ष की आयु में उन्होंने इस स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने वाली सबसे उम्रदराज भारतीय केटलबेल खिलाड़ी बनकर स्वर्ण पदक जीता। उनकी यह जीत आजीवन फिटनेस, अनुशासन और अदम्य आत्मबल का सशक्त प्रतीक बनी।

भारत की ऐतिहासिक उपलब्धियों में एक और अध्याय जोड़ते हुए, पल्लवी सांगवान ने एक ही IKMF वर्ल्ड चैंपियनशिप में चार पदक जीतने वाली पहली खिलाड़ी बनकर इतिहास रच दिया। उन्होंने दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक अपने नाम किए — जो भारतीय केटलबेल इतिहास में अब तक अद्वितीय उपलब्धि है।
अन्य खिलाड़ियों ने भी देश को अत्यंत गौरव प्रदान किया:

  1. दिपनिता दास, (एक अनुभवी खिलाड़ी,) ने स्वर्ण पदक जीतकर मास्टर ऑफ स्पोर्ट की उपाधि प्राप्त करने वाली पहली भारतीय महिला बनने का गौरव हासिल किया।
  2. प्रेमचंद और विक्रम कैनूर राजेंद्रन ने मास्टर ऑफ स्पोर्ट (वर्ल्ड क्लास) की प्रतिष्ठित उपाधि प्राप्त की, जो भारतीय शक्ति खेलों के लिए गर्व का क्षण है।
  3. राहुल येंदुवा ने रजत पदक जीतकर भारत के पदक खाते में योगदान दिया।
  4. योगेश्वर शर्मा और यश्वी शर्मा (पिता-पुत्री की जोड़ी) ने मिलकर दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीते, जो पीढ़ियों में उत्कृष्टता का प्रतीक बना।
  5. अरुण कुमार ने कैंडिडेट ऑफ मास्टर ऑफ स्पोर्ट की उपाधि के साथ दो स्वर्ण पदक जीते।
  6. एकांकी सेठ ने रजत पदक के साथ कैंडिडेट ऑफ मास्टर ऑफ स्पोर्ट रैंक प्राप्त की।
  7. प्रियंका लैहरी ने एक रजत और एक कांस्य पदक जीतते हुए कैंडिडेट ऑफ मास्टर ऑफ स्पोर्ट की उपाधि अर्जित की।
  8. सुमन कालरा ने कांस्य पदक जीतकर टीम की सफलता में योगदान दिया।
  9. ईशानी पटेल, अनुष्का, और विक्की ने अपने-अपने इवेंट्स में रजत पदक जीतकर सराहनीय प्रदर्शन किया।
    हालाँकि ये नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं, लेकिन यह सफलता पूरी तरह सामूहिक रही। सभी 15 खिलाड़ियों ने भारत के लिए 25 पदकों की शानदार जीत के प्रदर्शन में योगदान दिया, जो भारतीय केटलबेल खेल की गहराई और बढ़ती वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को दर्शाता है।
    इस अवसर पर भारत की पहली पैरालंपिक पदक विजेता एवं एशियन पैरालंपिक कमेटी की बोर्ड सदस्या पद्मश्री डॉ. दीपा मलिक का विशेष उल्लेख आवश्यक है, जिनके निरंतर समर्थन और मार्गदर्शन ने खिलाड़ियों की पूरी यात्रा में अहम भूमिका निभाई। उनका उत्साहवर्धन, टीम पर विश्वास और समावेशी व सशक्त खेल संस्कृति के लिए उनका समर्थन खिलाड़ियों के लिए भावनात्मक शक्ति और राष्ट्रीय प्रेरणा बना। डॉ. मलिक की उपस्थिति ने यह संदेश और सुदृढ़ किया कि सीमाएँ — चाहे शारीरिक हों, सामाजिक हों या मानसिक — उन्हें तोड़ने के लिए ही होती हैं।
    कैटलबैल चैंपियनशिप में 25 पदक जीत विदेश में भारत का गौरव बढ़ाने वाले सभी खिलाड़ियों का दिल्ली विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता डॉक्टर योगानंद शास्त्री ने स्वागत किया व जीत के लिए बधाई दी ।

IKMF वर्ल्ड चैंपियनशिप 2025 में यह प्रदर्शन भारतीय केटलबेल खेलों, विशेषकर महिला खिलाड़ियों के लिए, एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हुआ है और यह वैश्विक शक्ति खेल मंच पर भारत की बढ़ती पहचान का स्पष्ट संकेत देता है।

सुश्री सुदेश सांगवान एवं कोच विनय सांगवान ने बताया कि जिस तरह से भारत के लोगों विशेषकर युवाओं में केटलबैल खेल पॉपुलर हो रहा है उसको ध्यान में रखते हुए अगले वर्ष रोहतक हरियाणा में केटलबैल मैराथन चैंपियनशिप का आयोजन किया जाएगा इस संबंध में सरकार और स्पोर्ट्स विभाग से बातचीत की जा रही है