संदीप ठाकुर
दंगा केस में जिस तीस्ता सीतलवाड़ काे गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार किया है
वह कोई मामूली महिला नहीं है। वह मुंबई के रईस और वकीलों की खानदान में
जन्मीं,पली और बढ़ी है। उसकी हैसियत इस बात से आंकी जा सकती है कि मुंबई
के सबसे महंगे इलाके जुहू में अमिताभ बच्चन के बंगले के बगल में उसका
बंगला है जिसका नाम ‘निरांत’ है। ‘निरांत’ का मतलब होता है जिसे रोका न
जा सके यानी अनस्टॉपबेबल। इस बंगले में तीस्ता सीतलवाड़ अपने पति जावेद व
बच्चों के साथ रहती हैं। दो बहनों में सबसे बड़ी तीस्ता इनदिनों गुजरात
दंगा केस काे लेकर एक बार फिर सुर्खियों में हैं।
मुंबई के जुहू तारा रोड पर तीस्ता सीतलवाड़ का बंगला निरांत, अमिताभ
बच्चन के बंगले जलसा के पास ही है। बताया जाता है कि अमिताभ बच्चन के
बंगले से यह 3-4 गुना बड़ा है। इसकी अनुमानित कीमत 500-600 करोड़ रुपए
लगाई जा रही है। अमिताभ बच्चन के बंगले का एरिया 418 वर्ग मीटर बताया
जाता है, इसकी अनुमानित कीमत 125-150 करोड़ आंकी जाती है। ‘निरांत’ नाम
के इस बंगले को तीस्ता ने खरीदा नहीं है बल्कि यह उनकी पुश्तैनी संपत्ति
है। बंगले के रोड साइड में बड़ा-सा गेट है। जिसके एक तरफ अंग्रेजी में
बंगले का नाम लिखा हुआ है तो दूसरी ओर सीतलवाड़ । तीस्ता का बचपन भी
काफी अच्छे से जुहू वाले बंगला ‘निरांत’ में गुजरा। अच्छी पढ़ाई के
साथ-साथ अच्छी परवरिश मिली। तीस्ता ने अपनी किताब में इस बात का जिक्र
किया है कि जैसे-जैसे वो बड़ी हो रही थीं, उनकी अपनी मां सीता सीतलवाड़
से थोड़ी-बहुत अनबन रहती थी। मगर पिता से खूब बनती थी। तीस्ता की सबसे
ज्यादा अपने दादा एमसी सीतलवाड़ से छनती थी। आमतौर पर पोतियों के संबंध
अपने दादा से अच्छे ही होते हैं। तीस्ता के संबंध ठीक वैसे ही थे।
दादा-पोती की चहलकदमी से जुहू का ‘निरांत’ बंगला गुलजार रहता था।
मुंबई के संभ्रांत पारसी परिवारों में सीतलवाड़ का नाम शुमार है। तीस्ता
सीतलवाड़ मोतीलाल चिमनलाल सीतलवाड़ की पोती हैं, जो पहले और देश के सबसे
लंबे समय तक अटॉर्नी जनरल रहे और चिमनलाल हरिलाल सीतलवाड़ के बेटे थे।
तीस्ता सीतलवाड़ के परदादा को अंग्रेजी शासनकाल में ‘सर’ की उपाधि हासिल
थी। जलियांवाला बाग हत्याकांड की जांच के लिए 1 अक्टूबर 1919 लॉर्ड हंटर
के नेतृत्व में कमेटी बनाई गई तो चिमनलाल सीतलवाड़ को इसका सदस्य बनाया
गया। इससे सीतलवाड़ परिवार की हैसियत का अंदाजा लगाया जा सकता है। 1947
में देश आजाद हुआ। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने
मोतीलाल सीतलवाड़ को भारत का पहला अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया था। वे
1950-1963 तक अपने पद बने रहे। इसके अलावा 1961 में स्थापित बार काउंसिल
ऑफ इंडिया के पहले अध्यक्ष भी बने थे। मोतीलाल के बेटे और तीस्ता के पिता
अतुल सीतलवाड़ देश के नामी वकीलों में गिने जाते थे।