डॉ विजय गर्ग
जैसे-जैसे भारत 21वीं सदी के तीसरे दशक में आगे बढ़ रहा है, वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं का परिदृश्य तेजी से विकसित हो रहा है। विक्सित भारत @ 2047 से लेकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), क्वांटम प्रौद्योगिकियों, अंतरिक्ष विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी में नेतृत्व तक के महत्वाकांक्षी लक्ष्य राष्ट्र ने वैज्ञानिक समुदाय के लिए रोमांचक अवसर और जटिल चुनौतियां प्रस्तुत की हैं। रणनीतिक विकास और राष्ट्रीय प्राथमिकताएं
उभरती राष्ट्रीय पहल
2025 में एक प्रमुख आकर्षण इमर्जिंग साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन कॉन्क्लेव (ईएसटीआईसी 2019) रहा है, जिसमें शिक्षा जगत, उद्योग और सरकार के 3,000 से अधिक हितधारकों को शामिल किया गया था ताकि वे भारत की वैज्ञानिक रोडमैप विक्सित भारत @ 2047 की ओर बढ़ सकें। यह टिकाऊ नवाचार, उन्नत सामग्रियों, एआई, क्वांटम प्रौद्योगिकियों, स्वच्छ ऊर्जा और जैव चिकित्सा अनुसंधान पर जोर देता है, जिससे यह संकेत मिलता है कि वैज्ञानिक ध्यान और वित्त पोषण कहां केंद्रित होने की उम्मीद है।
प्रमुख अनुसंधान और वित्तपोषण कार्यक्रम
राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ) जैसी सरकार द्वारा समर्थित योजनाएं और लक्षित फेलोशिप (वैभ फेलोशिप जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग सहित) का उद्देश्य वैज्ञानिक क्षमता को मजबूत करना, वैश्विक संबंधों को बढ़ावा देना और सहयोगी कार्य के लिए समर्थन प्रदान करना है।
2025 में भारत में वैज्ञानिकों के लिए अवसर
- रणनीतिक अनुसंधान क्षेत्रों में निवेश बढ़ाना
- भारत गहरे तकनीकी क्षेत्रों में निवेश बढ़ा रहा है, जिनमें शामिल हैं
- एआई और डेटा साइंसेज
- क्वांटम अनुसंधान
- जैव प्रौद्योगिकी और जीनोमिक्स
- अंतरिक्ष विज्ञान और एयरोस्पेस अनुसंधान एवं विकास
उन्नत सामग्री और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियां
सार्वजनिक-निजी सहयोग और उद्यमशीलता वित्तपोषण (उदाहरण के लिए, डीप-टेक फेलोशिप जो पर्याप्त इक्विटी-मुक्त सहायता प्रदान करती हैं) प्रारंभिक कैरियर वैज्ञानिकों को अनुसंधान को अभिनव उपक्रमों में बदलने में मदद कर रहे हैं।





