
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : आठ साल के लंबे अंतराल के बाद टीम में वापसी करने वाले करुण नायर इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज में अच्छे आगाज को बड़ी पारी में तब्दील न करने के कारण भारतीय टीम प्रबंधन के लिए सबसे बड़ी पहेली बन गए हैं। बुमराह के कार्यभार प्रबंधन के चलते मौजूदा सीरीज में मात्र तीन टेस्ट के लिए उपलब्ध होने के चलते यूं भी मौजूदा टेस्ट सीरीज में भारत के गेंदबाजी विकल्प भी सीमित हो गए हैं। करुण नायर के बल्ले से बेहद औसत प्रदर्शन के चलते भारतीय टीम प्रबंधन और चयनकर्ताओं के सामने बड़ा सवाल यह रहेगा कि वह उन्हें चौथे टेस्ट के लिए अपनी एकादश में बरकरार रखे ? या फिर करुण नायर की जगह उनके साथ सीरीज के पहले टेस्ट मे खेलने वाले बाएं हाथ के साई सुदर्शन को अब ओल्ड ट्रेफर्ड में 23 जुलाई से शुरू होने वाले सीरीज के चौथे टेस्ट में एकादश में शामिल करे? माना यही जा रहा है कि करुण नायर के अनुभव के चलते ही उन्हें सुदर्शन की बजाय तरजीह दे एकादश में दूसरे व तीसरे टेस्ट भी शामिल किया गया था अगर करुण नायर को चौथे टेस्ट में भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ मौका नहीं मिलता है तो उनका टेस्ट करियर लाडर्स में सीरीज के तीसरे टेस्ट में भारत की हार के साथ खत्म हुआ ही समझिए। भारत लॉडर्स में तीसरा टेस्ट हारने के साथ सीरीज में 1-2 से पिछड़ रहा है और वह मैनचेस्टर में चौथे टेस्ट में भी हारा तो फिर इंग्लैंड से 1-3से पिछड़ कर सीरीज गंवा देगा। ऐसे में भारत बहुत प्रयोग करने की स्थिति की में नही है।
दरअसल भारतीय बल्लेबाजों ने पिछली चार में से तीन टेस्ट पारियों में जिस तरह दमदार प्रदर्शन किया है क्या उसमें कोई बदलाव करने का टीम प्रबंधन जोखिम उठाना चाहेगा। भारत के लिए टेस्ट में दो तिहरे शतक जड़ने वाले वीरेन्द्र सहवाग के बार टेस्ट में तिहरा शतक जड़ने वाले दूसरे बल्लेबाज करुण नायर ने मौजूदा टेस्ट सीरीज की छह पारियों में चार में तीसरे और पहले टेस्ट की दो पारियों में छठे नंबर पर बल्लेबाजी की। हकीकत यही है कि मौजूदा टेस्ट सीरीज में करुण नायर को छोड़ भारत के शीर्ष क्रम में उसके सलामी बल्लेबाज केएल राहुल (कुल 375) ने दो, उनके जोड़ीदार यशस्वी जायसवाल(कुल 233 रन) ने एक, कप्तान शुभमन गिल (कुल 607 रन) ने एक दोहरे शतक व दो शतकों सहित तीन, उपकप्तान ऋषभ पंत (कुल 425 रन) ने पहले टेस्ट की दोनों पारियो में शतक व दो अर्द्धशतकों तथा रवींद्र जडेजा (कुल 327 रन) ने चार अर्द्धशतक जड़ बल्ले से जलवा दिखाया है जबकि करुण नायर मौजूदा टेस्ट सीरीज की छह पारियों में कुल 131 रन बना रनों के लिए जूझते दिखे। करुण नायर ने अपनी मौजूदा सीरीज की छह टेस्ट में कई बेहद दर्शनीय कवर ड्राइव जरूर लगाए लेकिन ऑफ स्टंप और उसके बाहर उठती गेंदों पर वह जिस तरह लंच अथवा दिन का खेल बंद होने से आउट हुए उससे टीम इंडिया का संतुलन ही गड़बड़ाता दिखा।
एकादश में एक से ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं : इंजिनियर
भारत के अब इंग्लैंड में बस चुके पूर्व टेस्ट विकेटकीपर बल्लेबाज फारुख इंजिनियर तक का भी अब उन्हें मौजूदा टेस्ट सीरीज के बाकी आखिरी दो मैचों में एकादश में मौका देने के पक्ष में नहीं हैं। इंजिनियर की तरह भारत के एक अन्य पूर्व टेस्ट विकेटकीपर बल्लेबाज दीपदास गुप्ता भी करुण नायर को अब चौथे टेस्ट के लिए भारत की एकादश में मौका देने के हक में नहीं है। इंजिनियर और दीप दास गुप्ता ने दोनों ही भारत से सीरीज के चौथे टेस्ट की अपनी सर्वश्रेष्ठ एकादश को उतारने की बात कही है। दीप दास गुप्ता कहते हैं, ‘भारत की ओल्ड ट्रेफर्ड , मैनचेस्टर में चौथे टेस्ट की एकादश की में मुझे एक से ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं लगती । मुझे यही लगाता ह कि भारत चौथे टेस्ट के लिए करुण नायर की जगह बस साई सुदर्शन को ही एकादश में शामिल करेगा। करुण नायर की दिक्कत यह है वह अच्छे आगाज को बड़े स्कोर में नहीं बदल पाए हैं। आप यदि भविष्य की ओर निहार हे हैं तो आपको साई सुदर्शन पर ही दांव लगाना चाहिए।’ सुदर्शन ने लीडस में सीरीज के पहले टेस्ट की पहली पारी में शून्य और दूसरी पारी में 30 रन बनाए थे और उन्हें बेहतर गेंदबाजी संयोजन भारत ने अगले दो टेस्ट के लिए एकादश से बाहर रखा।
तीसरे नंबर के बल्लेबाज ज्यादा रन की उम्मीद : दोइत्श
भारत के सहायक काच रेयन टेन दोइत्श ने कहा, ‘हमारा मानना है कि करुण नायर अच्छी लय में है लेकिन हम उनकी तरह तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले बल्लेबाज से और ज्यादा रन की उम्मीद करते हैं। हमारा ध्यान इस पर है कि हमने अब तक सीरीज में क्या अच्छा किया है और हम मौजूदा टेस्ट सीरीज के लीडस में पहले और लॉडर्स में तीसरे टेस्ट के रूप में जो दो टेस्ट हारे उनमें जो छोटी गलतियां की उन्हें मैनचेस्टर में सुधारने की जरूरत है। हमने लीडस में पहले टेस्ट की दोनों पारियों और लाडर्स में सीरीज के तीसरे टेस्ट के अंतिम दिन सुबह सस्ते में विकेट गंवाने के कारण हारे। बहुत कम समय में ज्यादा विकेट गंवाना गवारा नहीं कर सकते हैं। आप यदि भारतीय बल्लेबाजों के निजी तौर पर स्कोर को देखेंगे तो पाएंगे हमारे करीब करीब सभी बल्लेबाज बढ़िया बल्लेबाज कर हैं।