रविवार दिल्ली नेटवर्क
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कानून व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्धता बजट में भी दिखाई दे रही है। वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में 37 सौ करोड़ से अधिक की धनराशि पुलिस सुदृढ़ीकरण, इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और पुलिस सुधारों के लिए दिए गए हैं। बजट में विशेष सुरक्षा बल, पुलिस इमरजेंसी प्रबन्ध प्रणाली के सुदृढीकरण और सिटी योजना के तहत महिलाओं की सुरक्षा पर फोकस किया है।
यूपी पुलिस को देश में नंबर एक पुलिस बनाने के लिए जिस प्रकार से कार्य किया जा रहा है, उसमें बजट का महत्वपूर्ण योगदान है। पिछले पांच साल में पुलिस के बजट में करीब दुगुने और पुलिस के आवासीय, अनावसीय भवनों के बजट में चार गुने की वृद्धि हुई है। सरकार ने पुलिस महकमे में सबसे ज्यादा धनराशि आवासीय भवनों के लिए 800 करोड़ और अनावासीय भवनों के लिए 800 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। नवसृजित जिलों में पुलिस के आवासीय और अनावासीय भवनों के लिए 300 करोड़ और पुलिस लाईन निर्माण के लिए भूमि खरीद को 65 करोड़ 70 लाख रुपए की धनराशि प्रस्तावित की गई है।
इसी तरह विशेष सुरक्षा बल के लिए 276 करोड़ 66 लाख रुपए, पुलिस इमरजेंसी प्रबन्ध प्रणाली के सुदृढीकरण के लिए 730 करोड़ 88 लाख रुपए, सेफ सिटी योजना के तहत महिलाओं की सुरक्षा के लिए लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज में योजना लागू करने के लिए 523 करोड़ 34 लाख रुपए की धनराशि प्रस्तावित की गई है। जनपदीय थानों के लिए सुरक्षा उपकरणों और अस्त्र/शस्त्र के लिए 250 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। साथ ही फोरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट लखनऊ का निर्माण कराया जा रहा है।