बीजेपी नये अध्यक्ष को लेकर गहमागहमी तेज…

The buzz about the new BJP president is increasing…

गोविन्द ठाकुर

“…अप्रैल तीस तक बीजेपी के राष्टीय अध्यक्ष चुन लेने की पूरी संभावनाऐं है… इसे लेकर दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व के बीच बैठकों का दौर तेज हो गई है..प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, संगठन मंत्री बी एल संतोष एक के बाद एक बैठक कर रहे हैं… आरएसएस की ओर से इन्हें पहले ही मार्गदर्शन दिया जा चुका… अभी तक की सूत्र बताते हैं कि मनोहर लाल खट्टर, धर्मेंद्र प्रधान, सुनील बंसल, शिवराज सिंह चौहान, और निर्मला सीतारमण के नामों पर विचार चल रहा है… मगर इन नामों के बीच कोई डार्क हॉर्स जगह बना ले तो कोई बड़ी बात नहीं…. “
भारतीय जनता पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव की हलचल तेज हो गई है। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि यह हलचल प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, भाजपा के संगठन महामंत्री आदि के स्तर पर दिख रही है, जबकि कायदे से हलचल अध्यक्ष का चुनाव कराने के लिए बनी कमेटी में दिखनी चाहिए थी। लेकिन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कराने के लिए बनी के लक्ष्मण की कमेटी कुछ नहीं करती दिख रही है। उस कमेटी में भाजपा के ओबीसी नेता के लक्ष्मण के अलावा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा वर्मा, पार्टी के प्रवक्ता व लोकसभा सांद संबित पात्रा और राज्यसभा सांसद नरेश बंसल को सह चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है। लेकिन ये चारों नेता अभी कहीं सक्रिय नहीं दिख रहे हैं। जाहिर है कि पार्टी के सर्वोच्च नेता ही सब कुछ तय कर रहे हैं और उसके बाद कमेटी को बता दिया जाएगा कि उनको क्या करना है।

पिछले तीन दिन से दिल्ली में भाजपा नेताओं की जो सक्रियता दिखी है और जिस तरह की हलचल हुई है उसके बाद सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि इसी महीने राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है। बुधवार को प्रधानमंत्री आवास पर एक अहम बैठक हुई थी, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल हुए। इससे एक दिन मंगलवार को पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर भी एक उच्चस्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें राजनाथ सिंह, अमित शाह और संगठन महामंत्री बीएल संतोष शामिल हुए। बताया जा रहा है कि इन दोनों बैठकों में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम को लेकर चर्चा हुई है। इसके साथ साथ कई राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों के नाम पर भी विचार किया गया। गौरतलब है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कराने के लिए आधे राज्यों में संगठन चुनाव होना जरूरी है। अभी तक भाजपा करीब 15 राज्यों में चुनाव करा पाई है। ज्यादातर बड़े राज्यों में चुनाव नहीं हुए हैं और कई राज्यों में तो प्रदेश अध्यक्षों के पास दोहरी जिम्मेदारी है। महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, झारखंड, तेलंगाना आदि राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष दोहरी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

जानकार सूत्रों के मुताबिक एक हफ्ते के भीतर कम से कम चार या पांच राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों के नाम की घोषणा हो जाएगी। उसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए नामांकन शुरू होंगे। सूत्रों के मुताबिक 20 अप्रैल के बाद किसी दिन नामांकन शुरू हो जाएगा और 30 अप्रैल तक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा। असल में भाजपा में पहली बार ऐसा हुआ है कि अध्यक्ष का कार्यकाल खत्म हो जाने के बाद इतने लंबे समय तक चुनाव नहीं हो सका हो। जेपी नड्डा का कार्यकाल पिछले साल जनवरी में ही समाप्त हो चुका है। उसके बाद लोकसभा चुनाव के लिहाज से कार्यकाल छह महीने बढ़ाया गया था लेकिन जून 2024 के बाद तदर्थ व्यवस्था चल रही है। नड्डा खुद ही केंद्रीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष की दोहरी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। बहरहाल, अध्यक्ष पद के लिए आधा दर्जन से ज्यादा नामों का चर्चा हो रही है। धर्मेंद्र प्रधान और मनोहर लाल खट्टर से लेकर रघुवर दास और सुनील बंसल तक दावेदार बताए जा रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान के नाम की भी चर्चा है तो कई महिला नेताओं के नाम पर भी विचार हो रहा है और कहा जा रहा है कि भाजपा पहली बार किसी महिला को पार्टी का अध्यक्ष बना सकती है। संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण लागू करने से पहले महिला अध्यक्ष बनाना राजनीतिक रूप से भी अच्छा दांव होगा।