देश को मिले “मानवतावादी हिंदू राष्ट्र” की पहचान

The country should get the identity of a "humanist Hindu nation"

विजय रस्तोगी

“मानवतावादी हिंदू राष्ट्र” का विचार देश हित में एक विशेष पहचान देना है, ताकि मनुष्य की स्वयं में और दूसरे मनुष्यो में आस्था जगाने का विचार स्थापित हो सके। “मानवतावादी हिंदू राष्ट्र” भारत की पहचान, सभ्यता और संस्कृति को बचाए रखने तथा उसके विकास एवं विस्तार के लिए एकमात्र विकल्प है। जिस पर मानवतावादी हिंदू की विरासत का भविष्य निर्भर है। लगभग 1200 साल लंबी गुलामी से पूर्व भारत विदेशी प्रभावो से अछूता एक “मानवतावादी हिंदू राष्ट्र” था। देश के प्रसिद्ध प्रमुख मानवतावादी, हिन्दुत्ववादी विचारक, महात्मा गाँधी, स्वामी विवेकानंद जी ,वीर सावरकर जी, गोलवलकर जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी, डा•नागेंद्र कुमार रस्तोगी जी का मानना था कि “हिंदू राष्ट्र” का विचार देश में प्राचीन काल से ही रहा है। लेकिन “मानवतावादी हिंदू राष्ट्र” भारत के संविधान की विशेषता बनाए रखते हुए भारत की विविधता की विशेषता पर कोई प्रश्न चिन्ह नही लगने देगा। “हिंदू धर्म” मानवीय मूल्यो की धरोहर होने के कारण अन्य धर्मो में भी अपना विशेष सम्मान रखता है, इसकी उदारता की विशेषता इसे अन्य धर्मो में विशेष बना देती है। इसलिए “हिंदू धर्म” में प्रकृति, जीव व मानव सेवा को भगवान की पूजा का स्थान दिया गया है। हिंदू धर्म में आध्यात्मिकता, देश की विरासत और धरोहर है। “हिंदू धर्म” की जहाँ एक ओर आध्यात्मिकता की विशेषता है वही दूसरी ओर वैज्ञानिक युग में जीवन की गुणवत्ता, नैतिकता, शिक्षा, आर्थिक समृद्धि, समानता आदि गुणों की धरोहर अपने में समाये हुए है। हिंदू शब्द यहाँ धर्म के संकीर्ण अर्थ में नही बल्कि भारतीय मानवतावादी, सांस्कृतिक, सामाजिक और वैचारिक मूल्यो के प्रतिनिधि के रूप में उपयोग होता है। प्रत्येक व्यक्ति में जाति, भाषा, क्षेत्रवाद, सामाजिक, आर्थिक, प्रत्येक स्तर से ऊपर उठकर राष्ट्र भक्ति की भावना आखिरी स्वांस तक जीवित रहे। हिंदू शब्द का अर्थ कट्टरता नही है बल्कि इसकी मूल भावना मानवता है। इसलिए अन्य धर्मो के व्यक्तियों में छुपे इस डर को खत्म करने के लिए हमारी यह जिम्मेदारी हो जाती है हम हिंदू को उसकी मूल भावना के साथ जोड़कर कर “मानवतावादी हिंदू राष्ट्र” को स्थापित करे ताकि अन्य धर्म को मानने वाले व्यक्ति बिना किसी किन्तु परन्तु के भारत को “मानवतावादी हिंदू राष्ट्र” स्थापित करने में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करे। भारत में सभी धर्मो का सम्मान है किसी भी धर्म पर कोई अंकुश नही है। लेकिन मजहब के नाम पर आतंक फैलाने की आजादी किसी भी दशा में नही दी जा सकती है। भारत को धर्म के नाम पर कमजोर करने की साजिश रचने वाले आतंकवादियों और उनके सहयोगियो को जड़ सहित नष्ट करने का समय आ गया है।इसलिए भारत को “मानवतावादी हिंदू राष्ट्र “घोषित किया जाए ।