आतंकियों के घरों में कुर्की का ढोल बजने लगा

इंद्र वशिष्ठ

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा पाकिस्तान की सरजमीं से सक्रिय आतंकवादियों के खिलाफ हमलावर कार्रवाई करते हुए कश्मीर में उनकी संपत्तियों की कुर्की की जा रही है. घर की कुर्की- यूएपीए कानून के तहत मुश्ताक जरगर के गनी मोहल्ला, जामा मस्जिद, नौहट्टा, श्रीनगर में दो मरला जमीन पर बने घर को 2 मार्च को कुर्क किया गया. आतंकी संगठन अल उमर मुजाहिद्दीन का संस्थापक और चीफ कमांडर श्रीनगर का मूल निवासी मुश्ताक अहमद जरगर इस समय पाकिस्तान में है.

आतंकी घोषित-

भारत सरकार द्वारा यूएपीए के तहत आतंकी घोषित मुश्ताक जरगर इंडियन एयरलाइंस विमान हाईजैक कंधार मामले में रिहा होने के बाद से ही पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में है.वहीं से कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों के लिए धन भेज रहा है. मुश्ताक के आतंकी बनने की शुरूआत जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट से हुई थी.

गृहमंत्री की बेटी का अपहरण –

8 दिसंबर 1989 को तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद का अपहरण करने वाले जेकेएलएफ के आतंकियों में मुश्ताक जरगर भी शामिल था. जेकेएलएफ का प्रमुख यासीन मलिक इस मामले में मुख्‍य आरोपी है. रुबैया सईद को रिहा कराने के लिए सरकार ने पांच आतंकियों को छोड़ा था. जम्मू कश्मीर में अनेक आतंकी हमलों और हत्या जैसे जघन्य अपराध में शामिल मुश्ताक जरगर अल कायदा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों का भी खास सहयोगी है. मुश्ताक जरगर को 15 मई 1992 को गिरफ्तार किया गया था.

प्लेन हाईजैक –

आतंकवादी भारत की जेलों में बंद अपने साथियों को रिहा कराने के लिए 24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस के विमान (आईसी 814) को हाईजैक कर कंधार, अफगानिस्तान ले गए थे.

विदेश मंत्री आतंकियों को छोड़ने गए-

31 दिसंबर 1999 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने बंधक यात्रियों को रिहा कराने के एवज में जेल में बंद जैश ए मोहम्मद के चीफ मौलाना मसूद अजहर, मुश्ताक अहमद जरगर और पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश आतंकी अहमद उमर सईद शेख को छोड़ा था.तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह खुद आतंकियों को छोड़ने कंधार गए थे.

आतंकी के खेत की कुर्की-

एनआईए ने एक अन्य मामले में पाकिस्तान में छिपे बैठे आतंकवादी बासित अहमद रेशी पुत्र मोहम्मद रमजान रेशी की जिला बारामूला की संपत्ति कुर्क की है. यह कार्रवाई मुश्ताक जरगर उर्फ ​​लटरम की श्रीनगर स्थित संपत्ति की कुर्की के बाद की गई है। यूएपीए के तहत ‘सूचीबद्ध आतंकवादी’ बासित अहमद रेशी पाकिस्तान जाने के बाद से पाकिस्तान से ही आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। वह कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराता पाया गया है.

पुलिस चौकी पर हमला-

बासित सोपोर में पुलिस पोस्ट पर आतंकी हमला करने में शामिल था, जिसमें एक सिपाही की मौत हो गई थी और अन्य घायल हो गए थे. बासित पहले प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल- मुजाहिदीन से जुड़ा था और बाद में वह पाकिस्तान चला गया था
बासित अहमद रेशी वर्तमान में द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) की आतंकी गतिविधियों में शामिल है और सीमा पार से टीआरएफ के लिए हथियारों/ गोला- बारूद के साथ- साथ फंड का प्रबंधन और आपूर्ति करता है। रेशी की 9.25 मरला कृषि भूमि को कुर्क किया गया है.

5 आतंकियों की संपत्ति कुर्क –

एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि अब तक एनआईए ने 5 नामित आतंकवादियों की संपत्ति कुर्क की है, जिनमें अमेरिका स्थित गुरपतवंत सिंह पन्नू, कनाडा स्थित हरदीप सिंह निज्जर, और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी- मुश्ताक जरगर उर्फ ​​लटरम, बासित अहमद और केसीएफ (पंजवार) परमजीत सिंह उर्फ ​​पंजवार शामिल हैं. इसके अलावा, एनआईए ने हाल ही में, यूएपीए के तहत, श्रीनगर में हुर्रियत कार्यालय को कुर्क किया था, जिसका आंशिक रूप से नईम खान का स्वामित्व था, जिसे हुर्रियत टेरर फंडिंग मामले में एनआईए द्वारा चार्जशीट किया गया था.