पितरों की विदाई के साथ नवरात्रे की गूंज,बाजार में लौटी रौनक

संजय सक्सेना

लखनऊ : आज तर्पण और अर्पण के साथ ही पितर भूलोक से प्रस्थान कर जायेगें.इसके साथ ही माता के नवरात्रे की तैयारी प्रारंभ हो जायेगी। 15 अक्टूबर, रविवार से नवरात्र शुरू हो रहे हैं,23 अक्टूबर को नवमी और 24 को विजय दशमी का पर्व मनाया जायेगा। नवरात्रों की तैयारी आज शाम से भक्त करने लगे हैं। शनिवार को पितृपक्ष समाप्त होते ही बाजार में खरीदारों की भीड़ उमड़ने लगेगी, जिसको देखते हुए माता की मूर्ति, श्रृंगार और पूजा सामग्री से बाजार में रौनक आ गई हैं। घर से लेकर मंदिरों तक में रंग रोगन और सफाई का काम चल रहा है। बाजार में माता की चुनरी, फूलमाला, मूर्तियां, घंटी, पंचमेवा, माता के वस्त्रों सहित पूजा से जुड़ी सामग्री की दुकानों पर भीड़ जुटना शुरू हो गई है।शाम होते-होते भक्तों की भीड़ बाजार में उमड़ने लगेगी। नवरात्र के पहले दिन भक्तों द्वारा अपने घरों में कलश की स्थापना की जायेगी।

लखनऊ के चौक में स्थित काली माता जी के मंदिर के पास पूजा सामग्री बेचने वाले लोगों का कहना है कि नवरात्र में मां दुर्गा को लाल रंग के वस्त्र और श्रृंगार सामग्री चढ़ाई जाती है। मंदिर में आने वाले श्रद्धालु फूलों के साथ नारियल की माला भी चढ़ाते हैं। प्रसाद में पंचमेवा की डिमांड सबसे ज्यादा रहती है। लाल रंग की चुनरी की सबसे ज्यादा बिक्री होती है। बाजार में 10 रुपये से लेकर महंगी से महंगी चुनरी और वस्त्र उपलब्ध हैं। मूर्तियों के कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि माता के भक्त अपने घरों में स्थापना के लिए लिए छह इंच से लेकर एक फीट तक की मूर्तियां खरीदते हैं। बाजार से 100 से 1450 रुपये तक मूर्तियां उपलब्ध हैं। पूजा पंडाल में बड़ी मूर्तियां स्थापित की जाती हैं। मां दुर्गा के साथ भगवान गणेश, लक्ष्मी, सरस्वती और कार्तिकेय की मूर्तियों का सेट 8500 रुपये में दिया जा रहा है।

नवरात्र आते ही फलमंडी में भी उछाल आ गया है। हमेशा की तरह इस बार फलों के दाम सामान्य दिनों से बढ़ गये हैं। सेब 100 से 120, संतरा 80 से 100 और अनार 150 से 200 रुपये में बिक रहा है। केला 50 से 60 रुपये दर्जन है। हर बार की तरह इस बार भी व्रत में फलों की मांग ज्यादा रहेगी।फलों के साथ फलहारी आटा,व्रत वाले चावल,साबुत दाना,संेधा नमक की भी खपत बढ़ गई है। सब्जियों में आलू,घुइयां के दाम प्रति किलो 20 रूपये तक बढ़ गये हैं। विशेष कर जटा वाले नारियल की मांग काफी बढ़ गई है।