- ‘अली’ हटा कर ‘हरि’ लगा कर नए से होगी पहचान ताला नगरी की !!
प्रीती पांडेय
उत्तरप्रदेश में एक बार फिर से शहरों का नाम बदलने की कवायद शुरु हो गई है , इलाहाबाद-फैजाबाद के बाद अब अलीगढ़ ‘हरिगढ़’ बनने जा रहा है । जी हां ठीक सुना आपने तालानगरी के नाम से अब तक अपनी पहचान रखने वाले अलीगढ़ का नाम बदलने का प्रस्ताव पास हो गया है और जल्द, हरिगढ़ नाम से जानी जाएगी तालानगरी! , जिला पंचायत की मीटिंग में नाम बदलने का प्रस्ताव पास हो चुका है ।
अलीगढ़ के मेयर प्रशांत सिंघल के मुताबिक एक बैठक में अलीगढ़ का नाम बदलकर हरिगढ़ करने का प्रस्ताव पेश किया गया था. सभी पार्षदों ने सर्वसम्मति से इसका समर्थन किया. उन्होंने आगे कहा कि अब यह प्रस्ताव प्रशासन को भेजा जाएगा. मुझे उम्मीद है कि प्रशासन इस पर संज्ञान लेगा और अलीगढ़ का नाम बदलकर हरिगढ़ करने की हमारी मांग को पूरा करेगा. यह मांग लंबे समय से उठाई जा रही है. तालानगरी का नाम बदलने का ये प्रस्ताव बीजेपी पार्षद संजय पंडित के सुझाव पर पास किया गया है. हालांकि अलीगढ़ नगर निगम की इस बैठक में काफी हंगामा भी हुआ. हंगामे के बीच बीजेपी पार्षद ने जिले का नया नाम हरिगढ़ रखने का प्रस्ताव दिया.
देश और यूपी की सियासत में इस जिले और शहर की अपनी अहमियत रही है. अलीगढ़ उत्तर प्रदेश का एक अहम व्यापारिक केंद्र है और अपने ताला उद्योग के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. अलीगढ़ के ताले दुनिया भर में निर्यात किये जाते हैं. इसके अलावा अलीगढ़ अपने पीतल के हार्डवेयर और मूर्तिकला के लिए प्रसिद्ध है. अलीगढ़ देश का एक प्रमुख शैक्षिक केंद्र भी है. यहां 100 से अधिक स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान हैं. जिनमें अलीगढ़ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी भी शामिल है.
वैसे अलीगढ़ का नाम बदले जाने की मांग काफी पुरानी है. विश्व हिन्दू परिषद ने साल 2015 में अलीगढ़ में प्रस्ताव पास कर कहा था कि अलीगढ़ का प्राचीन नाम हरिगढ़ ही है. इसे बाद में अलीगढ़ कर दिया गया था, इसलिए इसे अलीगढ़ को हरिगढ़ किया जाना चाहिए. कल्याण सिंह ने साल 1992 में मुख्यमंत्री रहते हुए इसका नाम हरिगढ़ करने कोशिश की थी, लेकिन उस वक्त केंद्र में कांग्रेस सरकार थी, इसलिए उनकी कोशिशें परवान नहीं चढ़ सकीं.
योगी सरकार ने बदले कई जिलों के नाम
इससे पहले भी योगी सरकार में कई जिलों के नाम बदले जा चुके हैं. इस क्रम में साल 2019 में इलाहाबाद का नाम प्रयागराज और फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या किया गया था. इसके साथ ही दो रेलवे स्टेशनों के नाम भी बदले गए हैं, जिनमें मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन । फिर मुगलसराय तहसील का नाम भी बदल कर पंडित दीन दयाल उपाध्याय कर दिया गया । झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन रखा गया है.
सीएम योगी ने सभा में अलीगढ़ को हरिगढ़ नाम से पुकारा था
पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब अलीगढ़ पहुंचे थे, तो उन्होंने भी इसे हरिगढ़ के नाम से संबोधित किया था. तभी से इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार जल्द नाम बदल सकती है. अब इस संबंध में प्रस्ताव पास होने के बाद क्यास लगाए जा रहे हैं कि जल्द अलीगढ़ नाम से अपनी पहचान बनाने वाले जिले का नाम भी जल्द बदल जाएगा ।
अभी सूची में कई और नाम शामिल जिनका फिर होगा नामकरण
अलीगढ़ ही नहीं ताजनगरी आगरा का नाम भी जल्द बदला जा सकता है, हालांकि इसके लेकर पहले भी प्रयास किए गए थे , इस संदर्भ में शासन ने डॉक्टर भीम राव अंबेडकर विश्वविद्यालय से पूछा था कि क्यों न आगरा का नाम बदलकर अग्रवन कर दिया जाए. इस संबंध में इतिहास विभाग से साक्ष्य भी मांगे गए थे. आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश में दूसरी बार योगी सरकार बनते ही कई जिलों और इलाकों के नाम बदले जाने के प्रस्ताव सरकार के पास आने लगा था। इनमें –
फर्रुखाबाद का नाम बदलकर पांचाल नगर किया जा सकता है।
सुल्तानपुर का नाम बदलकर कुशभवनपुर किया जा सकता है।
शाहजहांपुर का नाम बदलकर शाजीपुर किया जा सकता है।
फिरोजाबाद का नाम बदलकर चंद्र नगर किया जा सकता है।
आगरा का नाम बदलकर अग्रवन किया जा सकता है।
मैनपुरी का नाम बदलकर मयानपुरी या मयन नगर किया जा सकता है।
गाजीपुर का नाम बदलकर गढ़ीपुरी किया जा सकता है।
कानपुर देहात के रसूलाबाद और सिकंदराबाद और अकबरपुर का नाम भी बदला जा सकता है।
संभल जिले का नाम बदलकर कल्कि नगर या पृथ्वीराज नगर किया जा सकता है।
देवबंद का नाम बदलकर देववृंदपुर किया जा सकता है।
मुजफ्फरनगर का नाम लक्ष्मी नगर,
उन्नाव जिले के मियागंज का नाम मायागंज और
मिर्जापुर का नाम विंध्य धाम रखने का प्रस्ताव है।
इतना ही नहीं लखनऊ का नाम लक्ष्मणपुरी बदलने की भी चर्चा समय समय पर जोर पकड़ती दिखाई दी है । अब जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले ही चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के बाहर लक्ष्मण की कांस्य की एक विशाल मूर्ति लगाई गई है. उस मूर्ति के वहां लगते ही इस पुरानी मांग ने जोर पकड़ लिया है. बीजेपी सांसद संगम लाल गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और सीएम आदित्यनाथ को एक चिट्ठी लिखी है. उस चिट्ठी में वे लिखते हैं कि ऐसी मान्यता है कि भगवान राम ने लक्ष्मण को लखनऊ तोहफे के रूप में दिया था. तब से ही इस शहर लखनपुर या लक्ष्मणपुर था. लेकिन फिर 18वीं सदी में नवाब असफ उद दौला ने इस शहर का नाम बदल लखनऊ कर दिया. अब देश अमृत काल में पहुंच गया है,ऐसे में गुलामी के हर प्रतीक को पीछे छोड़ना होगा
अभी बीते दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा और मथुरा का दौरा किया. आगरा में सीएम योगी ने फतेहाबाद स्थित ताज ईस्ट गेट के मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो के हाई स्पीड ट्रायल रन का शुभारंभ किया. इस दौरान सीएम योगी जामा मस्जिट मेट्रो स्टेशन को लेकर बड़ा एलान किया. उन्होंने साफ कर दिया कि जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन का नाम मनकामेश्वर मंदिर स्टेशन होगा.
बता दें कि नाम बदलने की यह सियासत उत्तर प्रदेश से शुरू होकर मध्य प्रदेश तक पहुंची जहां पर हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन कर दिया गया था। इसके अलावा दिल्ली में अकबर रोड, बाबर लेन, हुमायूं रोड आदि का नाम बदले जाने और साथ ही 40 गांवों का नाम बदले जाने की मांग भी दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता कर चुके हैं।
हालांकि मुस्लिम उच्चारित होने वाले शहरों या जिलों के नाम बदलने की कवायद पर विरोध भी खूब हो रहा समाजवादी पार्टी की तरफ से दलील दी गई कि नाम बदलना हिन्दू मुस्लिम ध्रुवीकरण की सीधी कोशिश है। पार्टी इस संबंध में आपत्ति दर्ज कराएगी। हालांकि लोगों को इससे हैरान नहीं होना चाहिए क्योंकि यह उनका एजेंडा है। उनके एजेंडे में गरीबों, वंचितों और बेरोजगारों के भविष्य के लिए कोई योजना नहीं है। कांग्रेस ने नाम बदलने की कवायद को पैसे की बर्बादी करार दिया। पार्टी की तरफ से कहा गया कि सरकार इससे क्या हासिल करेगी।
कुल मिला कर जिन शहरों, जिलों की सालों से अलग पहचान थी, दुनिया उन्हें जिस नाम से जानती थी , नाम बदलने की जुगत से सरकारों को क्या मिलेगा इसका जवाब तो सियासतदान जानें लेकिन किसी का नाम अगर उसकी पहचान है और वो बदल दी जाए तो इसका क्या असर होगा ये हर कोई भली भांती जानता है