- राजनाथ सिंह को राजस्थान भेजना दे रहा कई संकेत
गोपेंद्र नाथ भट्ट
राजस्थान में नए मुख्य मंत्री का चयन का मसला जितना कठिन होते जा रहा है तों उसे सुलझाने का दायित्व केन्द्रीय रक्षा मन्त्री राजनाथ सिंह को सौंप कर भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने इस बात के संकेत दे दिए है कि राजस्थान में इस बार भाजपा की ओर से संगठन से जुड़े किसी नेता अथवा ओबीसी नेता के साथ कोई राजपूत मुख्य मंत्री ही बनने जा रहा है,वह कौन नेता बनेगा इसका पटाक्षेप सोमवार के बाद होने की उम्मीद है।
राजनाथ सिंह को राजस्थान भेजना भी इस बात के साथ अन्य कई संकेत दे रहा है। भाजपा शीर्ष नेतृत्व द्वारा नियुक्त तीनों केन्द्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह,विनोद तावड़े और सरोज पांडे रविवार को जयपुर पहुँचेंगे और सोमवार को भाजपा विधायक दल की बैठक होंगी। भाजपा के सभी विधायकों को आगामी दो दिनों तक जयपुर रहने की हिदायत दे दी गई है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी वीसी के जरिए पार्टी के विधायकों से संवाद स्थापित किया है।इसे भी महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है क्योंकि इससे पहलें पार्टी में ऐसा कभी नही हुआ है।बताया जा रहा है कि इस वीडियो कौंफ़्रेसिंग से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी भी जुड़ें है। इधर मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जाने वाले अलवर जिले के तिजारा से निर्वाचित विधायक बाबा बालक नाथ ने उनके मुख्य मंत्री की रेस में होने की अटकलों को सिरे से ख़ारिज कर दिया है और कहा कि इन क़यासों को नज़रअंदाज किया जायें। उधर पूर्व मुख्य मंत्री वसुन्धरा राजे के केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाक़ात करने और अपना पक्ष रखने के बाद नई दिल्ली से जयपुर पहुँचने की उम्मीद है। नई दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय महामन्त्री सुनील बँसल की भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से भेंट को भी सियासी रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
राजस्थान में नए मुख्यमंत्री को चुनने को लेकर नई दिल्ली से जयपुर तक गहमागमी का माहौल है। मुख्यमंत्री के साथ ही दो उप मुख्यमंत्री बनाने के क़यासों को भी नजर अंदाज नही किया जा रहा है और बताया जा रहा है कि दो उप मुख्यमंत्रियों में से एक राजपुत और एक आदिवासी नेता को मौक़ा दिया जा सकता है। भाजपा राजस्थान सहित मध्य प्रदेश और छत्तीस गढ़ में नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह को भव्य रूप देना चाह रहा है जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता और भाजपा शासित मुख्य मंत्री गण आदि नेता भाग लेंगे।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में नई विधान सभा का गठन 14 जनवरी तक किया जाना है लेकिन भाजपा आने वाले लोकसभा आम चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए सभी पहलुओं पर विचार विमर्श कर यथा शीघ्र नए मुख्यमंत्री और भाजपा की नई सरकार का गठन कर देना चाहती है ताकि सभी के सहयोग से मोदी सरकार की हेट्रिक लगाने और इण्डिया गठबन्धन को रोकने के मिशन में पूरी ताकत लगाई जा सके ।
देखना है आने वाले दिनों में देश के सबसे बड़े सूबे राजस्थान पर राज करने वाला खुश किस्मत नेता अथवा नेत्री कौन बनेगी?