ऐतिहासिक प्रदूषक है ग्लोबल नॉर्थ : डॉ. अरविंद कुमार, इंडिया वॉटर फाउंडेशन

“The Global North is a historical polluter” – Dr Arvind Kumar, India Water Foundation

रविवार दिल्ली नेटवर्क

जिनेवा में आयोजित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 60वें सत्र के दौरान ‘राइट टू डेवलपमेंट’ पर आयोजित इंटरैक्टिव संवाद में इंडिया वॉटर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. अरविंद कुमार ने ग्लोबल नॉर्थ (विकसित देशों) को “ऐतिहासिक प्रदूषक” करार देते हुए उस पर जलवायु परिवर्तन की ज़िम्मेदारी लेने का आह्वान किया।

डॉ. कुमार ने कहा कि जलवायु न्याय (Climate Justice) को लिंग-संवेदनशील (Gender-Responsive), पर्याप्त रूप से वित्तपोषित (Adequately Funded), और अंतरराष्ट्रीय एकजुटता (International Solidarity) पर आधारित होना चाहिए, ताकि जलवायु कार्रवाई के लाभ और बोझ सभी देशों के बीच समान रूप से साझा किए जा सकें — विशेष रूप से उन लोगों को ध्यान में रखते हुए जो सबसे अधिक संवेदनशील हैं।

उन्होंने जोर देकर कहा कि चूंकि ग्लोबल नॉर्थ ने औद्योगीकरण के लंबे इतिहास के दौरान सबसे अधिक प्रदूषण फैलाया है, इसलिए जलवायु परिवर्तन के संकट की जिम्मेदारी भी उसी की बनती है।

भारत का दृष्टिकोण:

भारत की जलवायु नीतियों में महिलाओं की भागीदारी को प्राथमिकता दी जा रही है — चाहे वह जल प्रबंधन हो, नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाना हो या फिर जलवायु-लचीला कृषि।

भारत का नेशनल एडेप्टेशन फंड ऑन क्लाइमेट चेंज (NAFCC) समुदाय-आधारित समाधानों को समर्थन देता है। इसके अतिरिक्त, महिला किसानों और उद्यमियों को सतत् (Sustainable) प्रथाओं को अपनाने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है।

भारत ने 100 अरब डॉलर की मौजूदा प्रतिबद्धता से अधिक जलवायु वित्त (Climate Finance) की मांग की है, ताकि विकासशील देश अपने विकास लक्ष्यों से समझौता किए बिना, निम्न-कार्बन और जलवायु-लचीले मार्गों पर आगे बढ़ सकें।

दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देते हुए, भारत अपने साझेदार देशों के साथ सस्ती नवीकरणीय तकनीकें, आपदा जोखिम न्यूनीकरण विशेषज्ञता, और प्रकृति-आधारित समाधान साझा कर रहा है।

इंडिया वॉटर फाउंडेशन ने यह भी कहा कि जलवायु न्याय केवल एक आदर्श नहीं, बल्कि एक व्यवहारिक वास्तविकता होनी चाहिए — जो कि समावेशी, वित्तपोषित, और प्रभावी रूप से क्रियान्वित हो — ताकि यह पृथ्वी को सुरक्षित रखने के साथ-साथ सभी के लिए विकास के अधिकार (Right to Development) को भी सुनिश्चित कर सके।