राजस्थान में आ रहा है पर्यटन का स्वर्णकाल… कोई ऑफ सीजन नहीं ,बारह मास टूरिज्म सीजन !

The golden age of tourism is coming in Rajasthan ... No off-season, twelve months tourism season!

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

राजस्थान में इस साल बहुत अच्छी वर्षा होने के बाद पर्यटन विकास का स्वर्णकाल… भी आ रहा है। प्रदेश की भजन लाल सरकार विशेष कर पर्यटन मंत्री दिया कुमारी राज्य में कोई ऑफ सीजन नही, बारह मास टूरिज्म सीजन की अवधारणा पर कार्य कर रही है। इस वर्ष दिसंबर में होने वाले राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में भी निवेशकों के समक्ष इस अवधारणा को रखने की तैयारिया की जा रही हैं ।

इस वर्ष प्रदेश में आने वाले पर्यटकों का आंकड़ा पहली बार 20 करोड़ के जादुई आंकड़े को पार कर जाएगा, ऐसा विश्वास जताया जा रहा हैं।

चालू वर्ष के पहले छह महीने में ही प्रदेश में 8 करोड़ 41 लाख 86 हजार से ज्यादा पर्यटकों की आमद यह साबित कर रही है कि इस बार पिछले सभी रिकॉर्ड धराशाही होने वाले हैं। एक सितम्बर से राज्य में नया पर्यटन सत्र भी शुरू हो गया है ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार राजस्थान में रिकार्ड संख्या में देशी विदेशी मेहमान आयेंगे। राजस्थान को पावणों (मेहमान) का प्रदेश भी कहा जाता है। यहां हर सात कोस पर पगड़ी का रंग और उसका प्रकार बदल जाता है। भाषा बदल जाती है और खानपान में भी बदलाव हो जाता है।इसलिए ही राजस्थान को सतरंगी संस्कृति का रंग रंगीला प्रदेश कहा जाता है। हमारी समृद्ध ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, सांस्कृतिक विरासत. कला एवं संकृति,स्थापत्य और शौर्य एवं बलिदान से भरा इतिहास देश विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर लुभाता रहा है। यही कारण है कि कोरोना के अवसान के साथ ही राजस्थान के पर्यटन में एक प्रकार से सैलाब आ गया और पर्यटकों को संख्या में तेजी से बदलाव देखने को मिला। विगत सरकार ने प्रदेश में 1500 करोड़ रु का पर्यटन विकास कोष गठित किया था और पर्यटन को उद्योग का दर्जा भी दिया था। वहीं सूबे में सरकार बदलते ही भजन लाल सरकार ने पर्यटन विकास की पूरी योजना बनाकर उस पर काम शुरू कर दिया है। भजन लाल सरकार पर्यटन विकास को प्राथमिकता दे रही है। मुख्यमंत्री शर्मा ने हाल ही जयपुर के समीप फिल्म सिटी बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। प्रदेश में अगले छह महीनो में बहुत से मेले-उत्सव समारोह आदि आयोजित होंगे, पर्यटन के बड़े-बड़े ईवेंट होंगे। दीपावली, क्रिसमस और न्यू ईयर जैसे मेगा इवेंट भी आयोजित होंगे। 25 सितंबर से पैलेस ऑन व्हील्स का संचालन भी शुरू हो जाएगा। इसलिए माना जा रहा है कि ट्रेवल इंडस्ट्री के लिए अगले छह महीने व्यस्त रखने वाले और मोटा राजस्व कमाने वाले होंगे।

राज्य की पर्यटन मंत्री दिया कुमारी और प्रमुख पर्यटन सचिव गायत्री राठौड़ का कहना है कि पर्यटन विभाग ने राज्य की नई पर्यटन साइट्स एक्सप्लोर की हैं, इवेंट्स का पूरा कैलेंडर तैयार किया गया है और योजनाबद्ध तरीके से कार्यक्रमों को आयोजित किया जाएगा। उनका कहना है कि देश विदेश में राजसथान पर्यटन के उत्पादों को लेकर रोड शो आयोजित होंगे जिनका फायदा प्रदेश को मिलेगा। उन्होंने बताया कि स्मारकों पर सुविधाओं का विकास और नवाचार पर्यटकों को हमारी संस्कृति से जोड़ने में कामयाब रहा है। अतः आने वाले छह महीने राजस्थान पर्यटन के लिए मील का पत्थर साबित होंगे। कुल मिलाकर कहा जा सकता है राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है और आने वाले दिनों में प्रदेश में पावणों की संख्या में जोरदार इजाफा होगा।पिछले कुछ महीनों में राजस्थान पर्यटन को मानो पंख लग गए है।

उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने पर्यटन क्षेत्र में अपने विजन से कम समय में ही नए प्रतिमान स्थापित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी हैं। प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ और पर्यटन निदेशक डॉ रश्मि शर्मा और पूरी टीम ने जो मेहनत की है उसका परिणाम सभी के सामने है। वर्ष 2022 में राजस्थान में रिकॉर्ड 10 करोड़ 87 लाख पर्यटक पहुंचे। वर्ष 2023 में यह आंकड़ा 18 करोड़ 6 लाख से ज्यादा रहा। इस वर्ष के पहले 6 महीने में प्रदेश में 8 करोड़ 41 लाख से ज्यादा पावणें आए हैं। आम तौर पर राजस्थान में मई से अगस्त के चार महीने को पर्यटन के लिहाज से ऑफ सीजन माना जाता है, लेकिन इस बार यह मिथक भी टूट गया है। इन चार महीनों में भी प्रदेश में करीब 6 करोड़ पर्यटक आए। इससे साबित हो गया है कि प्रदेश में अब ‘नो ऑफ सीजन, ऑल सीजन टूरिज्म सीजन’ के नए युग का सूत्रपात हो रहा हैं, ऐसा कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं हैं ।

आजादी के सात दशकों के बाद भी राजस्थान में कई ऐसे स्थान है जिनके बारे में लोग विशेष कुछ नही जानते। इसलिए पिछली सरकार के वक्त जाने क्या दिख जाए? की टैग लाइन भी दी गई थी। राजस्थान एक खुली कला दीर्घा है। खुले आकाश के नीचे तरह तरह की हेरिटेज संपदा बिखरी हुई है। भजन लाल सरकार यदि प्रदेश के अनजाने पर्यटन स्थलों को प्रकट करती है और इन लेसर नॉन स्थानों तक देशी विदेशी पर्यटकों को पहुंचाने के लिए आधार भूत सुविधाएं विकसित करती है तो अकेले कुंभलगढ़ दुर्ग की इंडिया वॉल जैसी दुर्लभ हेरिटेज संपदाएं प्रदेश के पर्यटन विकास को इन विरासत के सहारे बुलंदियों तक पहुंचा सकती है। भजन लाल सरकार को भारत सरकार से राजस्थान को हेरिटेज की दृष्टि से विशेष श्रेणी का प्रदेश घोषित कराना चाहिए ताकि राज्य को केंद्र सरकार से 100 प्रतिशत केंद्रीय अनुदान का लाभ मिल सके।

देखना है राजस्थान सरकार इस दिशा में आने वाले दिनों में क्या कदम उठाती है?