मालासेरी डूंगरी पर मोदी वाणी के निहितार्थ गहरे हैं…

नीति गोपेंद्र भट्ट

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवनारायण भगवान की1111 वीं जयंती के मौके पर राजस्थान के भीलवाड़ा जिले केआसींद क्षेत्र स्थित मालासेरी डूंगरी पर आयोजित विशालजनसभा को संबोधित करते हुए यह कर एक बड़ा सन्देश दियाकि भगवान देवनारायण का अवतरण भी कमल पर हुआ था औरहमारी पैदाइश भी कमल के साथ ही हुई है।प्रधानमंत्री ने पिछलेंकुछ महीनों में राजस्थान के कुल तीन दौरे किए है और चौथादौरा शीघ्र ही अलवर दौसा जिले में प्रस्तावित है। राजस्थान मेंइस वर्ष के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनाव के कारणभाजपा और कांग्रेस के अलावा आप तथा अन्य पार्टियाँ भीचुनावी मोड़ में आ गई है।

विशेष कर प्रधानमंत्री मोदी के राजस्थान दौरों का विश्लेषणकरते हुए राजनीतिक जानकार कहते है कि भाजपा का इस बारसारा ध्यान आध्यात्मिक देवों के देवरों की ओर रहा है। इसबहाने भाजपा राजनीतिक रुप से जातिगत समीकरणों को भीसाधने का प्रयास कर रही है। गुजरात चुनाव से पूर्व बाँसवाड़ाजिलें में आदिवासियों के गुरु गोविन्द गिरी के मानगढ धाम परप्रधानमंत्री मोदी की विशाल सभा के पीछें राजस्थान गुजरातऔर मध्य प्रदेश के आदिवासी वोटरों को साधना रहा था।इसीप्रकार की सभाएँ पूर्व में आदिवासियों के कुम्भ और प्रयाग राजमाने जाने वाले बेणेश्वर धाम भी होती रही है।

इस बार प्रधानमंत्री मोदी की मालासेरी डूंगरी की यात्रा राजस्थानऔर निकटवती प्रदेशों के गुर्जर मतदाताओं को साधना बताई जारही है। राजस्थान में गुर्जरों के लम्बे आंदोलनों के पश्चात भाजपाऔर कांग्रेस की सरकारों ने गुर्जरों के लिए कई कल्याणकारी घोषणाएं की है। वसुन्धरा राजेके कार्यकाल में मालासेरी में भगवान देव नारायण का पैनारोमा बना और अन्य कई लोक लुभावनी घोषणाएँ हुई।इसी प्रकार अशोक गहलोत हमेशा यह कहते है कि कांग्रेस ही गुर्जरों की सबसे बड़े हितेषी है और हमारे शासन काल में हमनेउन पर एक लाठी भी नही चलाई और कर्नल बेसला को सम्मानदेकर उनकी सभी वाजिब माँगों का समाधान करने का प्रयासकिया । गहलोत ने इस बार भी प्रधानमंत्री की राजस्थान यात्रा सेठीक पहलें देव नारायण जयन्ती पर अवकाश घोषित कर एकबार फिर अपना मास्टर स्ट्रोक चल दिया है।

इधर भाजपा विशेष कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछलें आठवर्षों के अपने शासन काल में देश विदेश में भारत के आध्यात्मिकएवं सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का प्रसार कर भारत के बहु संख्यक वर्गका विश्वास जीतने में कामयाबी हासिल की है। अयोध्या में राममन्दिर, बनारस में काशी विश्व नाथ कोरिडोर उज्जेन मेंमहकालेश्वर कोरिडोर और अन्य धार्मिक कोरिडोर विकसितकरने के काम हाथ में लेकर भारतीय संस्कृति का झण्डा गाढ़ने केकाम को तेज़ी से आगे बढ़ाया है। इसकी झलक नई दिल्ली केकर्तव्य पथ इस बार गणतंत्र दिवस पर निकाली झांकियों में भीपरिलक्षित हुई ।जम्मू कश्मीर की झाँकी में बर्फ़ानी बाबाअमरनाथ को पहली बार दर्शाया गया । इसी प्रकार यू पी केझाँकी में अयोध्या में राम दरबार तथा हरियाणा की झाँकी मेंकुरुक्षेत्र में महाभारत के कृष्ण गीता के उपदेश की झाकियाँ छाईरहीं।

कुल मिला कर लगता है कि लोकसभा के आम चुनावों तकभाजपा अपने एजेंडे के माध्यम से अपने लक्षय की पूर्ति में सफलहोने में कोई कसर बाकी नही रखेंगीं। इधर कांग्रेस राहुल गाँधीकी भारत जोड़ो यात्रा और हाथ से हाथ मिलाने जैसे अभियान सेभारतीय मत दाताओं को एक बार फिर अपनी ओर मोड़ने केप्रयासों में जुटी है ताकि मोदी जी को उनकी तिकड़ी बनाने सेरोक उनके विजयी अश्वमेघ रथ को थामा जा सके। देखना होगाकि आने वाले वक्त में राजनीतिक दल और कौन कौन सीरणनीति बना भारतीय मतदाताओं को लुभायेंगे?