ऋषभ पंत की अगुआई वाली भारतीय टीम में है द. अफ्रीका से दूसरा टी-20 जीत बराबरी पाने का दम

  • भारत के गेंदबाजों को कॉक, प्रिटोरियस, मिलर व रॉसी पर लगानी होगी लगाम
  • भुवी व हर्षल की जगह भारत उमरान को कर सकता है एकादश में शामिल
  • भारत के बल्लेबाजों को रबाड़ा,नोकिया व परनैल को भी निशाना बनाना होगा
  • भारत को ज्यादा चुस्त-दुरुस्त करनी होगी अपनी फील्डिंग

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : विस्फोटक विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को भारत और दुनिया के पूर्व क्रिकेट धुरंधर बहुत समय से दनादन और फटाफट क्रिकेट का टीम इंडिया का ‘भविष्य का कप्तानÓ बता रहे हैं।ऋषभ पंत को मेहमान दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत की कप्तानी मौजूदा पांच टी-20 क्रिकेट मैचों की सीरीज में किस्मत के सहारे ही उम्मीद से पहले ही मिल गई। तीनों फॉर्मेट में टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा को आराम दिए जाने पर कप्तान नियुक्त किए गए केएल राहुल के जांघ की मांसपेशी में चोट के चलते दिल्ली में पहले टी-20 से ठीक पहले पूरी सीरीज से बाहर होने पर कप्तानी ऋषभ पंत की झोली आ गिरी। ऋषभ की कप्तानी में भारत दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में दक्षिण अफ्रीका से अंतिम ओवर में बड़े स्कोर वाला सीरीज का पहला मैच सात विकेट से हार पांच टी-20 मैचों की सीरीज में 0-1 से पिछड़ गया है। भारत के युवा तुर्कों ने बेखौफ क्रिकेट खेल यह जरूर बता दिया कि उनमें बहुत दम है। ऋषभ पंत की अगुआई वाली भारत की ‘नौजवान टीम’ में दक्षिण अफ्रीका से कटक के बाराबती स्टेडियम में रविवार को दूसरा टी-20 जीत बराबरी पाने का दम है। भारत कटक में दूसरे टी-20 में जरा ढील गवारा नहीं कर सकता क्योंकि इसमें चूका तो फिर उसे सीरीज जीतने के लिए अंतिम तीनों मैच जीतने होंगे।

बतौर कप्तान मात्र एक टी-20 से ऋषभ पंत की कप्तानी को आंकना मुनासिब नहीं होगा। पूरी उम्मीद है कि अब बाराबती स्टेडियम में टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपनी रणनीति को अमली जामा पहनाने में सफल होगी। पहले टी-20 में हार के बाद भारत के कप्तान ऋषभ पंत ने ठीक कहा, ‘हमने अच्छा स्कोर बनाया लेकिन अपनी रणनीति को अमली जामा पहनाने से चूक गए। दक्षिण अफ्रीका जरूर हमसे बेहतर खेली। जब हम बल्लेबाजी कर रहे थे तब धीमी गेंद कारगर रही थी लेकिन बाद में जब दक्षिण अफ्रीका ने बल्लेबाजी तो तब पिच कुछ आसान हो गई थी।’

यह नहीं भूलना चाहिए कि रोहित, विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह जैसे धुरंधरों को आराम दिए जाने और चोट के कारण बाहर रवींद्र जडेजा, दीपक चाहर और केएल राहुल सहित नियमित एकादश में बराबर जगह पाने के हकदार आधा दर्जन धुरंधरों की गैरमौजूदगी के बावजूद ऋषभ पंत की अगुआई में भारत ने अनुभवी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टी-20 में 211 रन का बड़ा स्कोर बनाया। डेविड मिलर (64*)और रॉसी वान डेर डुसेन (75*)के तूफानी अद्र्बशतकों से पांच गेंद के बाकी रहते दक्षिण अफ्रीका ने भारत के खिलाफ सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा कर पहले टी-20 में सात विकेट से जीत दर्ज की।

भारत को श्रेयस अय्यर द्वारा पारी के 16 वें और आवेश खान के चौथे व अंतिम ओवर में रॉसी वान डे का कैच टपकाना महंगा पड़ा। यह कैच टूटने से पहले रॉसी वान डेर ने30 गेंदों पर 29 रन बनाए। इस जीवनदान के बाद रॉसी वान डेर रने 16 गेंदों में 46 रन और बना 75 रन पर अविजित राह दक्षिण अफ्रीका को जीत दिला कर दम लिया। भारत को अपनी फील्डिंग भी ज्यादा चुस्त दुरुस्त करनी होगी। इस हार से भले ही भारत का टी-20 में लगातार 12 जीत का सिलसिला टूट गया लेकिन उसके युवा तुर्कों ने यह जरूर दिखाया की वे बेखौफ क्रिकेट खेलते हैं। पहला टी-20 हारने के बावजूद हारने के बावजूद इशान किशन(76) ने विस्फोटक अद्र्बशतक जड़ा और उनके सलामी जोड़ीदार ऋतुराज गायकवाड़, श्रेयस अय्यर, खुद कप्तान ऋषभ पंत और हार्दिक पांडया सहित भारत के सभी बल्लेबाजों ने बेखौफ होकर बल्लेबाजी की। भारत के बल्लेबाजों ने खासतौर पर दक्षिण अफ्रीका के दोनों लेफ्ट आर्म स्पिनर तबरेज शम्सी और केशव महाराज को निशाना बनाया। भारत को फिर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बड़ा स्कोर खड़ा करने के लिए उसके रफ्तार के सौदागर कसिगो रबाड़ा, एनरिख नोकिया ,प्रिटोरियस और वेन परनैल को भी खासतौर पर पहले पॉवरप्ले और आखिर के मारधाड़ वाले ओवरों में निशाना बनाना होगा।

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों ने समान रूप से पहले टी-20 में दोनों ही टीमों ने समान रूप से 14-14 छक्के और 16-16 चौके जड़े। यह आंकड़ा यह बताने के लिए काफी है कि दक्षिण अफ्रीका की टीम भारत की इस ‘दूसरी पंक्तिÓ की टीम से पहला टी-20 बस अपने अनुभव से ही जीत पाई।

भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कटक में दूसरे टी-20 में जीत दर्ज करनी है तो उसके बल्लेबाजों को बेखौफ आक्रामक बल्लेबाजी करनी ही होगी और खासतौर पर गेंदबाजी इकाई के रूप में भी बेहतर प्रदर्शन करना होगा। ऋषभ पंत की पहले टी-20 में भारत के तुरुप के लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल से उनके कोटे के पूरे चार ओवर न फिंकवाने के लिए कुछ आलोचना भी हुई। भारत को जीत की राह पर लौटना है तो फिर उसके गेंदबाजों को अपनी रणनीति बदल कर किलर द मिलर और रॉसी वान डेर पर खासतौर पर बीच के आखिर ओवर में लगाम लगाने के साथ पॉवरप्ले में क्विंटन डी कॉक और तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतर कर मात्र 13 गेंद में 29 रन बनाने वाले पिंच हिटर डवेन प्रिटोरियस को सस्ते में पैवेलियन लौटाना होगा।

भारत के लिए तेज और स्विंग गेंदबाजों के रूप में भुवनेश्वर कुमार और हर्षल पटेल, दोनों ने सीरीज के पहले मैच मे2 43-43 रन देकर और लेफ्ट आर्म स्पिनर अक्षर पटेल ने 40 रन देकर एक-एक विकेट लिया। हार्दिक ने अपने एक ही ओवर में 18 रन डे डाले थे अैर दस प्रति ओवर की औसत से अकेले आवेश खान ने ही दिए। भारत ऐसे में बहुत मुमकिन है भारत भुवनेश्वर कुमार और हर्षल पटेल में किसी एक की जगह रफ्तार की नई सनसनी के रूप में उभरे उमरान मलिक को एकादश में शामिल करे। दक्षिण अफ्रीका के कप्तान तेंबा बाउमा भले ही यह कहें कि उनके बल्लेबाज रफ्तार से खौफ नहीं खाते लेकिन भीतर से यह भी जानते हैं तो उमरान जैसे बराबर 150-155 किलोमीटर से ज्यादा की रफ्तार से गेंद फेंकने वाले उमरान की जितनी गेंद सीधे स्टंप पर सीधी आएंगी उन्हें खेलना जरूर मुश्किल होगा।
मैच का समय : शाम सात बजे से।