अध्यात्म के आनंद ने बदला विराट कोहली को

The joy of spirituality changed Virat Kohli

अभी कुछ दिन पहले खत्म हुए टी-20 वर्ल्ड कप क्रिकेट चैंपियनशिप के फाइनल में अपने शानदार प्रदर्शन और उसके बाद इस फॉर्मेट से सन्यास लेने के बाद सारा देश विराट कोहली की उपलब्धियों पर ही चर्चा कर रहा है। हालांकि, इस बहस के दौरान एक पक्ष नजरअंदाज हो रहा है कि कुछ साल पहले तक बात-बात पर आवेश में आने वाले विराट कोहली अब इतना शांत कैसे हो गये हैं? विराट कोहली की पर्सनेल्टी में आख़िरकार इतना आमूल-चूल बदलाव कैसे आ गया?

आर.के. सिन्हा

अभी कुछ दिन पहले खत्म हुए टी-20 वर्ल्ड कप क्रिकेट चैंपियनशिप के फाइनल में अपने शानदार प्रदर्शन और उसके बाद इस फॉर्मेट से सन्यास लेने के बाद सारा देश विराट कोहली की उपलब्धियों पर चर्चा कर रहा है। हालांकि, इस बहस के दौरान एक पक्ष नजरअंदाज सा हो रहा है कि कुछ साल पहले तक बात-बात पर आवेश में आने वाले विराट कोहली अब इतने शांत कैसे हो गये हैं? विराट कोहली की पर्सनेल्टी में आखिरकार इतना आमूल-चूल बदलाव कैसे आ गया? इस सकारात्मक बदलाव में मुझे उनका अध्यात्म की तरफ बढ़ना एक बड़ी वजह समझ आता है। वो आजकल लगातार सपरिवार विभिन्न तीर्थ स्थलों पर जाकर अच्छा सा वक्त बिताने लगे हैं। उन्हें वृंदावन जाना खास पसंद है। विराट कोहली वृंदावन में श्री परमानंद जी का आशीर्वाद लेने जाते हैं। वो पिछले साल जनवरी में भगवान कृष्ण की नगरी वृंदावन में अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ बाबा नीम करौली की समाधि के दर्शन करने के लिए गए थे। पहले दोनों बाबा नीम करौली की समाधि पर गए और फिर आनंदमयी आश्रम पहुंचे, जहां उन्होंने कई संतों से मुलाकात की। साथ ही दोनों ने बांके-बिहारी के मंदिर के साथ कई अन्य प्रमुख मंदिरों के भी दर्शन किए। वे ऋषिकेश में दयानंद गिरि आश्रम में भी जाते हैं। दयानंद गिरि आश्रम में विराट और उनकी पत्नी अनुष्का कई बार यात्रा कर चुके हैं। विराट और अनुष्का ने यहां पहुंचकर ब्रह्मलीन दयानंद सरस्वती की समाधि के भी दर्शन किए और गंगा घाट पर संत-पंडितों के साथ आरती में भी शामिल हुए। विराट कोहली ने यहां योग करने के बाद पूजा अर्चना की थी और फिर सार्वजनिक धार्मिक अनुष्ठान कर भंडारे का आयोजन करवाया था। स्वामी दयानंद गिरि का सितंबर, 2015 में निधन हो गया था। वो ऋषिकेश में दयानंद सरस्वती आश्रम और कोयंबटूर में अर्श विद्धा गुरुकुलम के शिक्षक थे। उन्होंने करीब 50 सालों तक देश और विदेश में वेदांत की शिक्षा दी थी। इस बीच, विराट कोहली अपनी पत्नी के साथ पिछले साल उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे थे। उन्होंने सुबह चार बजे भस्म आरती की और भगवान का आशीर्वाद लिया। विराट कोहली ने आरती के बाद मंदिर के गर्भगृह में जाकर पंचामृत पूजन अभिषेक किया। विराट कोहली ने गले में रुद्राक्ष की माला भी धारण की। शायद ही विराट कोहली के कद का कोई अन्य खिलाड़ी इतनी तीर्थ यात्राएं करता हो।

एक समय था जब विराट कोहली की शख्सियत का एक श्याम पक्ष उनका मैदान के अंदर और बाहर बेहद उग्र और तपाकी होना भी था। वो फौरन आवेश में आकर झगड़ा करने लगते थे। उनका मैदान के भीतर भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी गौतम गंभीर से कई बार झगड़ा हुआ। विराट कोहली के गुस्से का शिकार आस्ट्रेलिया में एक पत्रकार भी हुआ था। विराट कोहली ने एक बार इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के एक मैच में अंपायर कुमार धर्मसेना को अपशब्द कहने शुरू कर दिए थे। धर्मसेना श्रीलंका के टेस्ट खिलाड़ी थे। उनके इस तरह के व्यवहार के कारण विराट कोहली की छवि बहुत खराब बन रही थी। पर अब वो अपनी उस खराब छवि को बहुत पीछे छोड़ चुके हैं। वो अपने क्रोध पर काबू पा चुके हैं। वो मैदान के अंदर-बाहर शांत रहते हैं। क्रोध का न होना मन को शांत रखने का सबसे प्रभावशाली उपाय है। क्रोध की उत्पत्ति केवल अधूरी इच्छाओं से होती है। जो इंसान दूसरों से कोई अपेक्षा नहीं रखता, वह अपने संगी-साथियों से नाराज नहीं हो सकता। विराट कोहली अध्यात्म के रास्ते पर चलने से विनम्र भी हुए हैं। वो बिशन सिंह बेदी के सार्वजनिक रूप से चरण स्पर्श करते थे। दिल्ली क्रिकेट के गढ़ फिरोजशाह कोटला मैदान में होने वाले कार्यक्रमों में विराट कोहली बेदी पाजी के चरण स्पर्श करते हुए कई बार देखे गए थे। आप बता दीजिए कि विराट कोहली के अलावा कितने खिलाड़ी गुजरे दौर के खिलाड़ियों के चरण स्पर्श करते हैं। तो बहुत साफ है कि उन्होंने अपने में सकारात्मक बदलाव किए। इससे वो एक बेहतर मनुष्य के रूप में सामने आए हैं।

अपनी जीवनशैली को बदलते हुए विराट कोहली अब शाकाहारी भी हो चुके हैं। उनका शाकाहारी हो जाना आश्चर्यजनक है क्योंकि अधिकांश खिलाड़ी मांसाहारी और शाकाहारी खाद्य पदार्थों के मिश्रण को ही भोजन में पसंद करते हैं। विराट कोहली अपनी फिटनेस का श्रेय शाकाहारी भोजन को देते हैं। इसके अलावा, वो मुख्य रूप से उबले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, जिनमें किसी प्रकार के तेल का प्रयोग नहीं होता है। लेकिन, खास अवसरों पर वो जैतून के तेल में पकाए गई डिशेज को खा लेते हैं। टीम इंडिया के टी20 विश्व कप 2024 का खिताब जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीम के कप्तान रोहित शर्मा के अलावा विराट कोहली से भी बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने विराट से कहा , ”आपसे बात करके खुशी हुई। आपने फाइनल में जिस तरह की पारी खेली, उसी तरह से भारतीय बल्लेबाजी को शानदार तरीके से आगे बढ़ाया है। आप हर फॉर्मेट में चमके हैं। टी20 क्रिकेट में आपकी कमी खलेगी। लेकिन मुझे यकीन है कि आप नई पीढ़ी को प्रेरित करते रहेंगे।”

विराट कोहली आज सारे देश के रोल मॉडल बन चुके हैं। वो मात्र पैसे के लिए शीतल पेय या पान मसाला जैसे उत्पादों का विज्ञापन स्वीकार नहीं करते। उनसे हमारे कई फिल्मी सितारे सीख ले सकते हैं। वो अपनी फिटनेस पर भरपूर ध्यान देते हैं। उन्होंने कई वर्षों से अपना वज़न 70 किलो से नीचे रखा है। 34 साल की उम्र में भी उनकी फिटनेस अपने से कम उम्र के खिलाड़ियों से बेहतर है।

वो एक दौर में घनघोर भोजन भट्ट हुआ करते थे। वो तब उन सभी चीजों को खाते थे, जो खिलाड़ियों को वर्जित होती हैं। अब वो एक दिन भी व्यायाम नहीं छोड़ते। विराट कोहली को करीब से जानने वाले जानते हैं कि करीब 12 साल पहले उन्होंने अपनी फिटनेस को बहुत गंभीरता से लेना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपनी जिम ट्रेनिंग और खाने की आदतों को पूरी तरह से बदला। उन्होंने अपने को तीनों फॉर्मेट में खेलने के लिए तैयार किया। हालांकि वो अब क्रिकेट के दो प्रारूपों क्रमश: टेस्ट मैच और एकदिवसीय मैच ही खेलेंगे। यानी वो आने वाले कुछ सालों तक देश को आनंद और गौरव के लम्हें प्रदान करते रहेंगे।

(लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं)