प्रत्यक्षदर्शियों और भुक्तभोगियों के हृदय को झकझोर देती है झीरम नरसंहार की याद

The memory of the Jheeram massacre shakes the hearts of eyewitnesses and victims

रविवार दिल्ली नेटवर्क

  • लाल आतंक के तांडव में रक्तरंजित हो गई थी कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा
  • झीरम नरसंहार की 12वीं बरसी पर छलका दंश झेल चुके लोगों का दर्द
  • माता का दर्शन कर खोए हुए अपनों को दी अश्रुपूरित श्रद्धांजलि: शिव नारायण द्विवेदी
  • भयानक नरसंहार के शिकार परिवारों को 12 वर्षों से न्याय का इंतजार : शिव नारायण द्विवेदी

मानवता के दुश्मनों ने 25 मई 2013 को देश के सबसे बड़े राजनीतिक हत्याकांड को अंजाम दिया था। बस्तर की झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा को निशाना बनाया था। लाल आतंक के इस तांडव में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, विद्याचरण शुक्ल और महेंद्र कर्मा जैसे फ्रंटलाइन नेताओं की हत्या कर दी गई थी। इस नृशंस हत्याकांड की 12 वीं बरसी पर वारदात की दंश झेल चुके लोगों का दर्द छलका। झीरम हमले के प्रत्यक्षदर्शी और भुक्तभोगी शिव नारायण द्विवेदी ने नम आंखों से कहा कि इस घटना की याद आते ही हृदय पीड़ा से व्याकुल हो उठता है। हमने सभी अपनों को अपने सामने ही अपने से विदा होते देखा। शिव नारायण द्विवेदी ने कहा कि गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 6 में हम दो लोग थे, दोनों लोगों को गोली मारी गई, हमारे एक साथी ने हमारे सामने ही छटपटा कर दम तोड़ दिया। इसी तरह से हमारे सामने गेस्ट हाउस में रुके सभी लोगों को हत्यारों ने गोली मार दी। गेस्ट हाउस के कमरों से सभी के शव निकले, मां की कृपा से केवल मुझे जिंदगी मिली। शिव नारायण द्विवेदी ने कहा कि इस त्रासदी की 12वीं बरसी पर मुझे अपनों की याद में बहुत पीड़ा हुई, मैं उन्हें हृदय से याद किया। झीरम घाटी पहुंचा और माता के मंदिर में मत्था टेककर मां आशीर्वाद का प्राप्त किया और अश्रुपूरित नेत्रों से अपने खोए हुए लोगों को याद किया, उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी और पीड़ित परिवारों को शीघ्र न्याय प्राप्त होने की कामना की। बहुत दुख हुआ कि इस भीषण त्रासदी का दंश चुके लोगों के परिवारों को आज तक न्याय नहीं मिल सका। शिव नारायण द्विवेदी ने बताया कि नवंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अंतिम फैसला दिया। कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार इसकी फिर से जांच कर सकती है। इस नरसंहार के पीड़ित आज भी हिंसा के जख्म को धारण किए हुए हैं। शिव नारायण द्विवेदी ने बताया कि कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा में नक्सलियों ने हमारे नेताओं और सुरक्षाकर्मियों को मार दिया। लेकिन अब तक यह खौफनाक वारदात पहेली बनी हुई है। इस वारदात के दोषियों को दंडित करना ही इस भीषण नरसंहार के दौरान जान गंवाने वाले लोगों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।