पशुपालकों की समस्याओं के निदान एवं पशुधन से आय बढाने में ‘मोबाइल वेटनरी यूनिट्स योजना’ मील का पत्थर साबित होगी – जनरल डॉ. वी.के. सिंह

दीपक कुमार त्यागी

  • भारत सरकार की “पशुचिकित्सालयों एवं पशुसेवा केन्द्रों की स्थापना एवं सुदृढीकरण योजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मोबाइल वेटनरी यूनिट वाहनों का संचालन हापुड़ जनपद में जनरल डॉ. वी.के. सिंह की उपस्थिति में प्रारम्भ किया गया।
  • ‘मोबाइल वेटनरी यूनिट्स योजना’ का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा किया गया शुभारंभ।

हापुड़ : गाजियाबाद लोकसभा के सांसद एवं केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग राज्यमंत्री एवं केंद्रीय नागर विमानन राज्यमंत्री जनरल डॉ. वी.के. सिंह ने आज हापुड़ जनपद के कलेक्ट्रेट भवन में भारत सरकार की “पशुचिकित्सालयों एवं पशुसेवा केन्द्रों की स्थापना एवं सुदृढीकरण योजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मोबाइल वेटनरी यूनिट वाहनों का संचालन प्रारम्भ का एक कार्यक्रम में उपस्थित रहे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा इस योजना का शुभारंभ किया गया। इस योजना के अंतर्गत प्रति 01 लाख पशुधन पर 01 मोबाइल वेटनरी यूनिट उपलब्ध हुई है। मोबाइल वेटनरी यूनिट के द्वारा पशुपालकों के द्वार पर आकस्मिक पशुचिकित्सा सेवाऐं प्रदान की जायेंगी। योजनान्तर्गत 01 पशुचिकित्सक, 01 मल्टीटास्क पर्सनल तथा 01 ड्राईवर कम अटेन्डेन्ट की व्यवस्था सेवा प्रदाता फर्म जिकित्सा हेल्थ केयर द्वारा प्रत्येक एम०वी०यू० पर करायी गयी है। चिकित्सा सेवाओं के लिए दवाईयां व अन्य लोजिस्टिक की उपलब्धता पशुपालन विभाग द्वारा करायी जायेंगी।

प्रारम्भिक चरण में मोबाइल वेटनरी यूनिट्स का संचालन पूर्व निर्धारित भ्रमण मार्ग चार्ट के अनुसार किया जायेगा, जो प्रातः 08:00 बजे से प्रारम्भ होकर अपराह्न 02:00 बजे तक चलाया जायेगा। प्रत्येक फिक्स रूट पर वाहन 03 स्थानों पर स्टेशन कैम्प करेगा, जहां पर सम्बन्धित ग्राम में पूर्व प्रेषित सूचना के आधार पर अपने पशुओं के साथ पहुंचे हुए पशुपालकों को हर प्रकार की पशुचिकित्सा सेवा, कृत्रिम गर्भाधान सेवा लघु शल्य चिकित्सा, कृमिनाशक दवापान, गर्भ परीक्षण बधियाकरण एवं टीकाकरण की सेवाओं के साथ-साथ रक्त व मलमूत्र की जांच की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी।

किसी आकस्मिकता की स्थिति में पशुपालकों को इस सुविधा को प्राप्त करने के लिए एवं आवश्यक जानकारी व सलाह लेने हेतु 1962 नम्बर का कॉल सेन्टर बनाया गया है, जिसका संचालन 24×7 आधार पर किया जायेगा। जहां कॉल सेन्टर प्रतिनिधि पशुपालक की समस्या को सुनेगें एवं आवश्यकता पड़ने पर कॉल सेन्टर पर उपस्थित पशुचिकित्सकों से वार्ता करायेंगे। पशुचिकित्सक द्वारा टेलीमेडिसन के माध्यम से पशुचिकित्सा सम्बन्धी सलाह व उपचार बताया जायेगा व यदि पशुपालक की समस्या का स्तर अधिक है तब उसकी समस्या का समाधान किस स्थान पर तथा किस समय किया जायेगा, इस सम्बन्ध में उसे सूचित किया जायेगा। आकस्मिक सेवा का समय प्रातः 08:00 बजे से सायं 8:00 बजे तक रहेगा। वाहन में जी०पी०एस० सिस्टम लगा है, जिससे वाहन की लोकेशन ट्रेस की जा सकेगी तथा पशुपालक को सेवा उपलब्धता का सम्भावित समय दे दिया जायेगा। इस योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार के बाद पशुपालकों से प्राप्त कॉल के आधार पर 50 प्रतिशत वाहन का संचालन इमरजेन्सी सेवाओं हेतु किया जायेगा। इस योजना का लाभ उठाने वाले पशुपालकों से शुल्क के आधार पर पशुचिकित्सालयों एवं पशुसेवा केन्द्रों पर लिये जा रहे सेवा शुल्क को ही लिया जायेगा। योजना की सुविधा पशुचिकित्सालयों एवं पशुसेवा केन्द्रों से 02 किलोमीटर के क्षेत्र में रहने वाले पशुपालकों को उपलब्ध नहीं होगी। यह योजना दूर दराज में रहने वाले गरीब पशुपालकों के लिए समस्याओं के निदान एवं पशुधन से आय बढाने में मील का पत्थर साबित होगी।

इस कार्यक्रम में हापुड़ जनपद की जिलाधिकारी प्रेरणा शर्मा, मुख्य विकास अधिकारी प्रेरणा सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा नागर, धौलाना ब्लॉक प्रमुख निशांत सिसोदिया एवं अन्य अधिकारी और संगठन पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही।