कांग्रेस-भाजपा के दिग्गज नेताओं ने अपनी पूरी ताकत झोंकी
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
मौसम के उतार चढ़ाव के बावजूद राजनीतिक गर्मी अपने परवान पर चढ़ी हुई है और कांग्रेस,भाजपा और अन्य दलों के दिग्गज नेताओं ने लोकसभा चुनाव के पहले चरण के चुनाव के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
सात चरणों में होने वाले 18 वीं लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए प्रचार का शोर बुधवार शाम 6 बजे थम गया है। पहले चरण में 19 अप्रैल को 21 राज्यों की कुल 102 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। राजस्थान की 25 सीटों पर दो चरणों में चुनाव संपन्न होंगे। प्रथम चरण में राजस्थान की 12 सीटों पर मतदान होगा। वहीं तमिलनाडु की 39 सीटों पर ,सिक्किम और त्रिपुरा की 1-1 सीट पर ,उत्तराखंड की 5 सीटों पर, उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर ,प.बंगाल की 3 सीटों पर , नागालैंड की 1 ,अंडमान निकोबार की 1, पुड्डुचेरी की 1, मेघालय की 2, मध्यप्रदेश की 6, मणिपुर की 2, महाराष्ट्र की 5, अरुणाचल प्रदेश की 2, असम की 5, बिहार की 4, छत्तीसगढ़ की 1, जम्मू-कश्मीर की 1, लक्ष्यद्वीप की 1 सीट पर मतदान होगा। चुनाव आयोग ने प्रथम चरण के मतदान की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसके लिए मतदान दल गुरुवार को गंतव्य स्थानों के लिए रवाना होंगे।
राजस्थान में पहले चरण की 12 सीटों श्रीगंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनूं, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर शहर, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा और नागौर के चुनाव का प्रचार के अंतिम दिन कोई बड़ा नेता प्रदेश में नही आया और भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी सहित प्रदेश के नेताओं ने ही चुनाव प्रचार की कमान संभाली। मुख्यमंत्री शर्मा ने बांदीकुई में रोड शो और अलवर के खैरथल में जनसभा की वहीं कांग्रेस और इंडी गठबंधन की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नागौर और चौमू तथा जैसलमेर में,प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने शेखावाटी के सीकर,झुंझुनू और चूरू तथा पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने धौलपुर में चुनाव सभाएं की। राजस्थान में पहले चरण की 12 सीटों को लेकर 19 अप्रैल को मतदान होगा।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में राजस्थान में जिन 12 लोकसभा सीटों पर मतदान होना हैं, उसमें गंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनूं, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर शहर, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा और नागौर की सीटे शामिल हैं। 12 लोकसभा सीटों पर आमने-सामने की टक्कर भी तय हो गई है। जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र से सर्वाधिक 15 प्रत्याशी और सबसे कम करौली-धौलपुर लोकसभा क्षेत्र से 4 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।राजस्थान में पहले चरण में जिन 12 सीटों पर मतदान होना है उनमें 9 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस में सीधी टक्कर है,जबकि एक सीट पर भाजपा और लेफ्ट तथा दूसरी पर भाजपा और आरएलपी के मध्य टक्कर तथा होगी। कांग्रेस ने दोनों ही सीटें लेफ्ट और आरएलपी के लिए छोड़ दी है।
पहले चरण के चुनाव प्रचार के लिए कांग्रेस के मुकाबले भाजपा के स्टार प्रचारकों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और अन्य नेताओं ने अधिक संख्या में प्रदेश का दौरा किया।
कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में प्रियंका गांधी सबसे ज्यादा सक्रिय रही। प्रियंका गांधी ने प्रदेश में 3 सभाएं और एक रोड़ शो किया।
वहीं राहुल गांधी औऱ राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दो-दो सभाएं की।इसके अलावा सोनिया गांधी ने एक सभा की यानि पहले चरण के चुनाव के प्रचार की कमान राजस्थान के नेताओं के हाथों में ही ज्यादा रही। इस प्रकार राजस्थान के रण में भाजपा के मुकाबले कांग्रेस की सभाएं कम हुई। प्रियंका गांधी ने जयपुर,जालौर औऱ दौसा में तीन चुनावी सभाएं की. इसके अलावा अलवर शहर में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में रोड शो किया।वहीं राहुल गांधी सिर्फ एक बार राजस्थान आएं और उन्हीने एक दिन में अनूपगढ़ औऱ फलोदी में दो सभाएं की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी दो बार ही राजस्थान के दौरे पर आए। उन्होंने पहली सभा चित्तौड़गढ़ में कांग्रेस प्रत्याशी उदयलाल आंजना के समर्थन में की वहीं जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में प्रताप सिंह खाचरियावास के समर्थन में सभा को संबोधित किया।
पार्टी की पूर्व अध्यक्ष और संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी राजस्थान में एक सभा में हिस्सा लिया। उन्होंने जयपुर शहर लोकसभा क्षेत्र मे मेनिफेस्टो सभा को संबोधित किया था। हालांकि राजस्थान के अलावा अभी सोनिया गांधी ने अन्य किसी राज्य में अभी तक कोई सभा नहीं की है।
कांग्रेस ने राजस्थान के लिए 40 स्टार प्रचारक बनाए थे. जिसमें 21 केंद्रीय नेताओं को शामिल किया था. लेकिन अभी तक उनमें से केवल 6 नेता ही प्रचार करने राजस्थान के रण में उतरे हैं। अब दूसरे चरण की 13 सीटों पर 26 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए 24 अप्रेल तक प्रचार कार्य होगा। ऐसे में अब देखने वाली बात यह होगी कि दूसरे चरण की सीटों के लिए कांग्रेस के दिग्गज नेता कितनी सभाएं करने राजस्थान में आते हैं।
भाजपा के धुंआधार और नियोजित प्रचार अभियान के बावजूद कांग्रेस ने विधान सभा चुनाव में हार के बाद भी अपने मनोबल को बनाने की कोशिश कर , इंडिया गठबंधन के दलों के साथ समझौता कर तथा सोशल इंजीनियरिंग कर चुनाव को कड़ी टक्कर का बना दिया है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि राजस्थान में पहले चरण की 12 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस ने दौसा, चूरू,सीकर, झुंझुनू,श्री गंगानगर, जयपुर ग्रामीण,करौली-धौलपुर आदि सीटों पर मुकाबले को रोचक बना दिया है।
देखना है 19 अप्रेल को मतदाताओं की ऊंगली ई वी एम वोट मशीन पर किसके पक्ष में मतदान के लिए बटन दबाएंगे?