रविवार दिल्ली नेटवर्क
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के समेकित विकास की पटकथा लिख रही योगी सरकार प्रदेश की अनुपम प्राकृतिक छटा को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए भी लगातार प्रयासरत है। उत्तर प्रदेश के वन्य क्षेत्रों, अभ्यारण्यों व रिजर्व सैंक्चुरीज के विकास के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार प्रदेश में बाघों व हाथियों समेत विभिन्न प्रकार के जीव-जंतुओं के संरक्षण को लेकर भी कृत संकल्प है। इसी का परिणाम है कि प्रदेश में टाइगर व एलिफेंट रिजर्व्स में जीव-जंतुओं के संरक्षण के साथ ही यहां छुपी पर्यटन की असीमित संभावनाओं को भी चिह्नित कर उन्हें विकसित करने की प्रक्रिया जारी है। इससे एक ओर राज्य में पर्यटन विकास के जरिए राजस्व में वृद्धि का अवसर प्राप्त हुआ है वहीं, बाघों-हाथियों व अन्य संरक्षित जीव-जंतुओं के संरक्षण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इसी क्रम में, अब सीएम योगी की मंशा अनुसार प्रदेश में बाघों व हाथियों के संरक्षण को लेकर जारी विभिन्न परियोजनाओं को गति देने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
‘प्रोजेक्ट टाइगर एंड प्रोडेक्ट एलीफेंट’ के लिए जारी हुई 5.31 करोड़ की धनराशि
उल्लेखनीय है कि डबल इंजन की सरकार द्वारा देश में बाघों व हाथियों के संरक्षण के लिए प्रोजेक्ट टाइगर एंड प्रोजेक्ट एलीफेंट की शुरुआत गई है और इस परियोजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के विभिन्न रिजर्व्स में भी यह परियोजना क्रियान्वित है। प्रदेश में परियोजना के अंतर्गत विभिन्न स्तरों पर कार्य हो रहा है और इन्हीं कार्यों को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने केंद्र से प्राप्त सहायता को राज्यांश संग समाहित करते हुए जनराशि जारी कर दी है। वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक तथा विभागाध्यक्ष को इस विषय में शासनादेश जारी करके अवगत करा दिया गया है। परियोजना के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल मिलाकर 5.31 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की गई है।
निर्माण कार्य समेत कई अन्य मदों में व्यय होगी धनराशि
परियोजना के अंतर्गत जो धनराशि अवमुक्त की गई है उसका कई मदों में उपयोग होगा। आवंटित धनराशि के जरिए मशीनों, संयंत्रों व उपकरणों के क्रय तथा निर्माण कार्यों की पूर्ति का मार्ग प्रशस्त होगा। इसके अतिरिक्त, कार्यालय व्यय तथा मजदूरी समेत विभिन्न मदों में धनराशि का उपयोग हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में रिजर्व फॉरेस्ट रीजंस के टूरिस्ट एरिया में तमाम प्रकार की पर्यटक सुविधाओं के विकास के कार्य तो जारी हैं ही, वहीं क्षेत्रों में वनों के कोर एरिया रीजंस में भी कुछ निर्माण कार्य जारी हैं। इनमें जलाशय निर्माण समेत जीवों के संरक्षण के उद्देश्य से विभिन्न कार्यों को पूर्ण किए जाने की प्रक्रिया जारी है और धनावंटन के जरिए इन कार्यों की पूर्ति में तेजी आएगी।