- मैक्सवेल के गेंद से ‘चौके’ से ऑस्ट्रेलिया ने तीसरा व अंतिम वन डे जीत सम्मान बचाया
- भारत ने अंतिम मैच में हार के बावजूद तीन वन डे मैचों की सीरीज 2-1 से जीती
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : कप्तान रोहित शर्मा और सदाबहार विराट कोहली के आतिशी अर्धशतक भी भारत के काम न आए। शीर्ष क्रम में सलामी बल्लेबाज मिचेल मार्श, डेविड वॉर्नर, स्टीव स्मिथ और मरनस लबुशेन के अद्र्बशतकों तथा मैन ऑफ द मच ऑफ स्पिन ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल (4/40) के गेंद से चौके की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने भारत को राजकोट की सपाट पिच पर तीसरे और अंतिम अंतर्राष्टï्रीय वन डे क्रिकेट मैच में बुधवार को 66 रन से हरा सीरीज में पूरे सफाया करने की उसकी हसरत पर पानी फेर कुछ सम्मान बचा लिया। भारत ने बुधवार को अंतिम मैच हारने के बावजूद शुरू के दो मैच दमदार अंदाज में जीतने के साथ तीन वन डे अंतर्राष्ट्रीय मैचों की सीरीज 2-1 से जीत ली। भारत और आस्ट्रेलिया अब 8 अक्टूबर को चेन्नै में आईसीसी वन डे विश्व कप के पहले मैच में भिड़ेंगे। तीसरे और सीरीज के अंतिम मैच के लिए भारत ने दूसरा वन डे अंतर्राष्ट्रीय मैच जीतने वाली अपनी टीम में आधा दर्जन और ऑस्ट्रेलिया ने पांच बदलाव किए। शुभमन गिल भारत के लिए शुरू के दो वन डे मैचों में बल्ले से दमदार प्रदर्शन कर एक शतक और अद्र्धशतक सहित सीरीज में कुल सबसे ज्यादा 178 रन बना मैन ऑफ द सीरीज रहे।
मिचेल मार्श (96 रन,84 गेंद, 13 चौके , 3 छक्के) ने अपने सलामी जोड़दार डेविड वॉर्नर (56 रन, 34 गेंद, छह चौके, चार छक्के) के साथ पहले विकेट के लिए 78 और बाएं हाथ के लेग स्पिनर कुलदीप यादव की फ्लिपर मात खा उनकी गेंद को उड़ाने के फेर में प्रसिद्ध कृष्णा को कैच थमा आउट होने से स्टीव स्मिथ(74 रन, एक छक्का, आठ चौके) के साथ दूसरे विकेट के लिए 138 रन जोड़ ऑस्ट्रेलिया को निर्धारित 50 ओवर में सात विकेट पर 352 रन के विशाल स्कोर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। प्रसिद्ध कृष्ण ने वॉर्नर को विकेटकीपर केएल राहुल कैच कराया। स्मिथ को सिराज ने एलबीडब्ल्यू आउट किया।भारत के सबसे कामयाब तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह (3/81) ने अलेक्स कैरी(11) को विराट कोहली के हाथों और ग्लेन मैक्सवेल (5)को बोल्ड कर अपना दूसरा विकेट किया। कुलदीप यादव (2/48) ने कैमरून ग्रीन (9) को श्रेयस अय्यर के हाथों कैच करा अपना दूसरा विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया का स्कोर छह विकेट पर 299 कर दिया। बुमराह ने मरनस लबुशेन(72 रन, 58 गेंद 9 चौके) को श्रेयस अय्यर के हाथों अंतिम पूर्व में लपकवा कर ऑस्ट्रेलिया का स्कोर सात विकेट पर345 रन कर दिया:। कप्तान पैट कमिंस 22 गेंद खेल एक चौके की मदद से 19 रन बनाकर अविजित रहे।
कप्तान रोहित शर्मा(81 रन, 57 गेंद, छह छक्के व पांच चौके ) और वाशिंगटन सुंदर (18 रन, एक छक्का एक चौका) की सलामी जोड़ी की 74 रन भागीदारी तथा विराट कोहली (56 रन,61 गेंद, एक छक्का , पांच चौेके) के साथ 70रन की भागीदारी तथा निचले क्रम में रवींद्र जडेजा(35 रन, 35 गेंद, एक छक्का, तीन चौके) की उपयोगी पारीके बावजूद भारत की टीम दो गेंद के बाकी रहते 286 रन पर ढेर रहे। भारत के शुरू के तीनों बल्लेबाजों-सुंदर, रोहित और विराट कोहली को ऑस्ट्रेलिया के ऑफ स्पिनर ग्लेन मैक्सवेल ने आउट किया और भारत ने शुरू के तीन विकेट 27 ओवर में171 रन पर गंवाया। केएल राहुल(26 रन, 30 गेंद, दो चौके) श्रेयस अय्यर (48 रन,43 गेंद, दो छक्के, एक चौका) चौथे के विकेट के लिए 52 रन जोड़ भारत के स्कोर को223 रन पर पहुंचाने के बाद बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क की ऑफ स्टंप विकेटकीपर अलेक्स कैरी को कैच थमा बैठे। श्रेयस ने इसी स्कोर पर मैक्सवेल की तेजी से स्पिन लेती गेंद को खेलने से चूके और बोल्ड हो गए। हेजलवुड ने कुलदीप यादव(2) को बोल्ड किया, जसप्रीत बुमराह (5) कमिंस की गेंद को उड़ाने के फेर में लबुशेन के हाथों लपके गए और भारत का स्कोर 46 वें ओवर में आठ विकेट पर 270 हो गया। जडेजा के लेग स्पिनर तनवीर सांगा की गेंद को उड़ाने के फेर में बोल्ड होने के साथ भारत ने नौवां विकेट 286 पर अंतिम पूर्व को खोया और सिराज (1) के इसी स्कोर पर ग्रीन की गेंद को उड़ाने के फेर में कमिंस को कैच थमा के साथ भारत की पारी समाप्त हुई।
अपनी 15 सदस्यीय टीम को लेकर हमारी सोच एकदम साफ : रोहित
भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने कहा, ‘मैं अपनी खुद की फॉर्म से खासा खुश हूं। मैं बेशक बड़ा स्कोर कर अपनी टीम को जीत दिलाना चाहता था। फिर मैं जब इस तरह गेंद पर प्रहार कर रहा हूं, तब खुश हूं। पिछले छह सात वन अंतर्राष्ट्रीय मैचों में हम वाकई ही अलग अलग स्थितियो में बढिय़ा खेले। हम अलग-अलग जगह अलग अलग चुनौतियां मिली और हमने चुनौती को बढिय़ा ढंग से स्वीकारा। यह जरूर है हम तीसरा और आखिरी वन डे भी हारना नहीं चाहते थे। लेकिन इस मैच के नतीजे को मैं बहुत तवज्जो नहीं देना चाहूंगा। हम वाकई अच्छा खेल रहे हैं। हमारी अपनी 15 सदस्यीय टीम को लेकर सोच एकदम साफ है। हम अपनी टीम से :क्या चाहते हैं और वे कौन से खिलाड़ी है जो हमें मंजिल तक पहुंचाएंगे। हम कतई भी असमंजस में नहीं हैं। हमें मालूम है हम किस अेर बढ़ रहे है।