
रविवार दिल्ली नेटवर्क
देहरादून : राजभवन में सड़क सुरक्षा गोष्ठी आयोजित की गयी। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए ले.जन. गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा कि सड़क सुरक्षा का दायरा केवल यातायात नियमों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जन-जागरूकता, सामूहिक जिम्मेदारी और नागरिकों के जिम्मेदार व्यवहार से गहराई से जुड़ा हुआ है। उन्होंने सभी विभागों, शैक्षणिक संस्थानों, मीडिया और सामाजिक संगठनों से अपील की कि वे सड़क सुरक्षा को एक जन-आंदोलन का रूप दें, जिससे आमजन में नियमों के प्रति स्वाभाविक अनुशासन और जिम्मेदारी विकसित हो। राज्यपाल ने विशेष रूप से स्कूली बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि वे सड़क सुरक्षा के ब्रांड एम्बेसडर बनें, अपने परिवार व समुदाय को जागरूक करें और नियमों का पालन स्वयं कर दूसरों के लिए प्रेरणा बनें। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जैसे पर्वतीय राज्य में सड़क सुरक्षा की चुनौतियाँ और भी अधिक जटिल हैं। यहां की भौगोलिक बनावट, संकरी व घुमावदार सड़कें, तीव्र ढलान और बदलते मौसम – ये सभी सड़क दुर्घटनाओं की संभावनाओं को बढ़ाते हैं। ऐसी स्थिति में वाहन चलाते समय सतर्कता, संयम और नियमों का पालन जीवन रक्षा के लिए अनिवार्य है। हेलमेट पहनना, सीट बेल्ट लगाना और गति सीमा का पालन करना हमारी जीवन रक्षा की गारंटी हो सकता है। राज्यपाल ने सभी लोगों से यातायात नियमों का पालन करने और उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई किए जाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल सरकार या प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक का नैतिक कर्तव्य है।