वाटर ट्रेन के लिए प्रतिदिन 16 लाख रुपये की राशि वहन करेगी राज्य सरकार

रविवार दिल्ली नेटवर्क

जयपुर। पाली शहर में लोगों को सुचारू पेयजल आपूर्ति के लिए राज्य सरकार की विशेष पहल के तहत रविवार को वाटर ट्रेन 50—50 हजार लीटर क्षमता के 40 टैंकरों में 20 लाख लीटर पानी के साथ जोधपुर से रवाना होकर पाली पहुंची। वाटर ट्रेन द्वारा प्रतिदिन चार फेरे किए जाएंगे, इस प्रकार जोधपुर से पाली को रोजाना 80 लाख लीटर की जलापूर्ति होगी। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग(पीएचईडी)द्वारा आगामी मानसून में जंवाई बांध में वांछित मात्रा में जल आवक होने तक जोधपुर से पाली शहर के लिए वाटर ट्रेन का निर्बाध संचालन होगा।

जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार गर्मी के मौसम में प्रदेश के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध एवं सुचारू पेयजल आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के निर्देशन में पीएचईडी द्वारा प्रदेश में विशेष चिन्हित गांव, शहर और कस्बों में जनता की पेयजल आवश्यकताओं के मद्देनजर अग्रिम तैयारियां करते हुए व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं। इसी के तहत पाली शहर के लिए विशेष ट्रेन से जल परिवहन आरम्भ कर दिया गया है। वहीं प्रदेश के सभी क्षेत्रों में संचालित पेयजल परियोजनाओं के माध्यम से नियमित आपूर्ति के साथ ही अतिरिक्त आवश्यकता वाले क्षेत्रों में सड़क मार्ग पर टैंकरों के माध्यम से भी जल परिवहन किया जा रहा है। राज्य सरकार ने प्रदेश में रोड टैंकर्स से जल परिवहन के लिए 11580 लाख रुपये की स्वीकृति दी है।

डॉ. जोशी ने बताया कि पाली शहर में वाटर ट्रेन से जल परिवहन के लिए रेलवे द्वारा प्रत्येक फेरे का शुल्क 4 लाख 5 हजार 972 रुपये निर्धारित किया गया है। पीएचईडी द्वारा व्यापक जनहित में किये जा रहे पेयजल प्रबंध के लिए रेलवे को नि:शुल्क परिवहन के संदर्भ में लिखित में आग्रह किया है, परन्तु रेलवे की ओर से इसका कोई जवाब प्राप्त नहीं होने के कारण राज्य सरकार द्वारा जोधपुर से पाली नगर को पेयजल परिवहन के लिए रेलवे शुल्क सहित राज्य आपदा प्रबन्धन मद से 17.71 करोड़ रुपये की स्वीकृति जारी की गई है। इस प्रकार पाली शहर में वाटर ट्रेन से जल परिवहन के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रतिदिन 16 लाख रुपये की राशि वहन की जाएगी। सरकार की ओर से रेलवे को 50 हजार रुपये की आरंभिक रजिस्ट्रेशन फ़ीस के अलावा छ: फेरों की अग्रिम राशि जमा करवा दी गई है। इसके अलावा जोधपुर से रोहट के मध्य नई पाईप लाईन के लिए भी 28 करोड़ रुपये की स्वीकृति जारी की गई है।
पहले भी 6 बार हो चुका वाटर ट्रेन का संचालन

उल्लेखनीय है कि पिछले साल (वर्ष 2021)के मानसून में जंवाई बांध में अपेक्षा के अनुरूप जल की आवक कम हुई। इस कारण जवाई बांध पर आधारित पेयजल योजनाओं से पाली ज़िले के 8 शहर, 561 गांव एवं सिरोही ज़िले के शिवगंज कस्बे को 16 मार्च 2022 तक गुरुत्व आधारित प्राप्त होने वाले जल से पेयजल आपूर्ति की जा सकी। इसके बाद जंवाई बांध से वर्तमान में डेड स्टोरेज पम्पिंग द्वारा पेयजल आपूर्ति की जा रही है। डेड स्टोरेज पम्पिंग द्वारा आगामी माह मई 2022 के प्रथम सप्ताह तक पाली नगर को पेयजल आपूर्ति संभव होने की सम्भावना है। इसे देखते हुए पीएचईडी द्वारा गत दो—तीन माह से की गई अग्रिम प्लानिंग और व्यवस्थाओं के अनुरूप पाली शहर को जोधपुर स्थित भगत की कोठी रेलवे स्टेशन पर तख्त सागर से प्राप्त जल को वाटर ट्रेन से परिवहन की व्यवस्था शुरू की गई है। इससे पहले पाली के लिए जोधपुर से वर्ष 2000, 2001, 2002-03, 2005, 2009 एवं वर्ष 2019 में भी रेल से जल परिवहन की व्यवस्था की गई थी।

राज्य सरकार द्वारा पाली शहर के लिए इस वाटर ट्रेन के संचालन के लिए जोधपुर में रेल टैंकरों में जल भरने के लिए तखत सागर एवं न्यू पावर हाउस डिस्कॉम में पम्प की स्थापना की गई है। वहीं भगत की कोठी स्थित रेलवे यार्ड में हाईड्रेंट स्थापित किये गए हैं। इसी प्रकार पाली मारवाड़ रेलवे स्टेशन पर टैंकरों को खाली कर पाली-जोधपुर मार्ग स्थित विभागीय हैड वर्क्स की डिग्गी में एकत्र करने की व्यवस्था की गई है। वहां पर पम्प की स्थापना कर पाली नगर के सिटी टैंक के पास स्थित फ़िल्टर प्लान्ट को आपूर्ति करने के लिए मौके पर सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं।