
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 मई को बीकानेर दौरे पर आ रहे है जहां वह 26,000 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। मोदी बीकानेर के देशनोक में सुप्रसिद्ध करणी माता मंदिर के दर्शन करेंगे।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की पश्चिमी सीमा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह पहला दौरा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एयरफोर्स के नाल हवाई अड्डे पर स्थित एयरबेस पर तैनात वायुसेना के जवानों से भी मुलाकात भी करेंगे ।ऑपरेशन सिंदूर के समय पाकिस्तान ने इसी एयरबेस को ड्रोन और मिसाइल से निशाना बनाने की काफी कोशिश की थी. जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने राजस्थान प्रवास में बीकानेर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। साथ ही विद्युतीकरण, सौर ऊर्जा और जल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। साथ ही राजस्थान के 12 राज्य राजमार्गों के उन्नयन की आधारशिला रखेंगे। इसके अलावा चार नए नर्सिंग कॉलेजों का उद्घाटन भी करेंगे। वे अमृत 2.0 से 7 शहरी क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल योजनाओं की भी शुरुआत करेंगे। ये विभिन्न योजनाएं विकसित भारत, विकसित राजस्थान की दिशा में एक और बड़ा कदम हैं.
पीएम मोदी के बीकानेर दौरे का मिनट-टू-मिनट शेड्यूल भी जारी हो गया है। वे राजस्थान में करीब तीन घंटे रुकेंगे। पीएम मोदी सुबह 9:45 बजे नाल एयरपोर्ट पहुंचेंगे और विभिन्न कार्यक्रमों तथा पलाना में एक जनसभा को संबोधित करने के बाद दोपहर 1 बजे दिल्ली के लिए रवाना होंगे.
राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में कई चुनौतियाँ हैं, जिनमें सीमा क्षेत्रीय विकास सबसे अहम है।
हालांकि बीकानेर और में प्रधानमंत्री मोदी बीकानेर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे और कई रेलवे परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। लेकिन राजस्थान सरकार को इस अंचल को बिहार रेल लिंक से जोड़ने और अधिक रेलवे परियोजनाओं की मांग रखनी चाहिए । सीमावर्ती जिलों जैसे बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर में बुनियादी सुविधाओं की कमी है, जिससे पलायन, बेरोजगारी और सुरक्षा संबंधी समस्याएं बढ़ती हैं।सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है, जिसे लेकर सरकार और सेना को सतर्क रहना पड़ता है।सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रदूषण की समस्या दूर करने के लिए अधिक केन्द्रीय सहायता की जरूरत है।सीमा पर प्लास्टिक सहित अन्य कचरे को जलाने से प्रदूषण फैलता है, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम का योजना का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे सड़क निर्माण, बिजली और पानी की व्यवस्था को मजबूत करना और लोगों की जीवन गुणवत्ता में सुधार करना है। इसी प्रकार कई लोग पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि योजना राजस्थान के सीमावर्ती जिलों के लागू कराने की जरूरत बताते है।
इन कदमों के बावजूद, सीमावर्ती क्षेत्रों की चुनौतियों से निपटने के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीकानेर जिले के दौरे पर राजस्थान सरकार को सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास, रेलवे परियोजनाओं का विस्तार,स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार*: सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना और अस्पतालों के उन्नयन की मांग रखनी चाहिए। साथ ही जल संसाधनों का प्रबंधन के लिए केन्द्र से अधिक धन दिए जाने की मांग भी करनी चाहिए ।राजस्थान एक शुष्क प्रदेश है, इसलिए सरकार को जल संसाधनों के प्रबंधन और संरक्षण के लिए परियोजनाओं की मांग रखनी चाहिए, जैसे कि जल संचयन और फ्लोरोसिस शमन परियोजनाएं आदि।इसके अलावा राज्य सरकार को सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विस्तार की मांग रखनी चाहिए जो बीकानेर और आसपास के क्षेत्रों में स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करें और कार्बन उत्सर्जन को कम करें।
प्रदेश सरकार को सीमावर्ती इलाकों में सड़क अवसंरचना में सुधार के लिए और अधिक सड़क परियोजनाओं की मांग रखनी चाहिए जो इन इलाकों को मजबूत सड़क तंत्र से जोड़ें और सुरक्षा बलों के लिए आवाजाही में सुगमता बढ़ाएं।
राज्य सरकार निश्चित रूप से प्रधानमंत्री की पश्चिम राजस्थान की यात्रा का राज्य के विकास और हितों को साधने का प्रयास करेगी ।