आज़ाद भारत’ के ज़रिए नेरा आर्या और रानी झांसी रेजीमेंट को नया सम्मान
मुंबई (अनिल बेदाग): रूपा अय्यर की फ़िल्म ‘आज़ाद भारत’ नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अमर विरासत और उनके द्वारा गठित रानी झांसी रेजीमेंट को एक भावनात्मक श्रद्धांजलि है। यह फ़िल्म न केवल आज़ादी की लड़ाई के इतिहास को जीवंत करती है, बल्कि उन अनसुनी महिला योद्धाओं की कहानी भी सामने लाती है, जिनका योगदान समय के साथ गुमनाम रह गया। फ़िल्म के केंद्र में है नेरा आर्या की प्रेरणादायक गाथा, जो साहस, त्याग और देशभक्ति का प्रतीक बनकर उभरती है।
ज़ी स्टूडियोज़ द्वारा निर्मित इस फ़िल्म में श्रेयस तलपड़े नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भूमिका में नज़र आएंगे, वहीं सुरेश ओबेरॉय क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी छाजू रामजी के किरदार में दिखाई देंगे। फ़िल्म की निर्देशक, निर्माता और मुख्य अभिनेत्री रूपा अय्यर ने नेरा आर्या के रूप में तीनहरी ज़िम्मेदारी निभाई है। इसके साथ ही अमृता फडणवीस ने फ़िल्म के एंथम के लिए अपनी आवाज़ देकर इसे और भी विशेष बना दिया है।
अमृता फडणवीस ने कहा, “‘आज़ाद भारत’ एक बेहद सुंदर फ़िल्म है, जो नेरा आर्या की कहानी को गौरवपूर्ण ढंग से प्रस्तुत करती है। रूपा अय्यर का एक ही प्रोजेक्ट में अभिनय, निर्देशन और निर्माण करना काबिल-ए-तारीफ है। सुरेश जी हम सभी के लिए प्रेरणा हैं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विरासत को सम्मान देने वाले इस प्रोजेक्ट में मेरी छोटी-सी भागीदारी भी मेरे लिए सौभाग्य की बात है। महिलाओं को सशक्त कर रानी झांसी रेजीमेंट का गठन करना नेताजी की सबसे प्रेरक विरासत रही है। इतिहास में नेरा आर्या का उल्लेख नहीं मिलता, ऐसे में इस अनकही कहानी को सामने लाने के लिए रूपा को सलाम। फ़िल्म 2 जनवरी को रिलीज़ हो रही है, उसी महीने जिसमें हम नेताजी का जन्मदिन मनाते हैं। इस फ़िल्म को देखकर हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं।”
वहीं रूपा अय्यर ने भावुक होते हुए कहा, “यह फ़िल्म ईश्वर के आशीर्वाद से बनी है। कलाकारों के चयन से लेकर हर कदम पर मुझे मार्गदर्शन मिला। श्रेयस जी की बहुमुखी प्रतिभा उन्हें नेताजी के किरदार के लिए एकदम उपयुक्त बनाती है। ‘आज़ाद भारत’ आज की युवा पीढ़ी के लिए ज़रूरी फ़िल्म है, जो सुविधाओं के बावजूद असंतोष जताती है। यह कहानी उन युवाओं की है, जिन्होंने किशोरावस्था से ही बिना किसी साधन के मातृभूमि के लिए सब कुछ समर्पित कर दिया।”
‘आज़ाद भारत’ 2 जनवरी 2026 को दुनियाभर में रिलीज़ होने जा रही है, उसी महीने में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 129वीं जयंती (23 जनवरी) भी मनाई जाएगी। देशभक्ति, बलिदान और प्रेरणा से भरी यह फ़िल्म दर्शकों के दिलों में एक गहरी छाप छोड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है।





