
‘अशोक भाटिया
जब भारत के पर्यटक कश्मीर के एक दर्शनीय स्थल पहलगाम में सैर पर थे, तो बिना किसी अपराध के उनका सिर कलम कर दिया गया और वह भी बेरहमी से। अपने धर्म के बारे में पूछकर, उन्हें कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया गया। इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया और पूरे देश को आतंकवादियों के खिलाफ प्रज्वलित कर दिया। अप्रैल 2025 में, नरसंहार हुआ और 26 नागरिक मारे गए। 26 महिलाओं के सिन्दूर मिटा दिए गए । इस क्रूर नरसंहार के लिए जिम्मेदार तीन आतंकवादी हाल ही में कश्मीर के एक राष्ट्रीय उद्यान में मारे गए थे। मारे गए आतंकियों में पहलगाम नरसंहार का मास्टरमाइंड सुलेमान मारा गया।
इसलिए, जब लोकसभा ऑपरेशन सिंदूर पर बहस कर रही थी, यह खबर तब आई जब विपक्ष, विशेष रूप से कांग्रेस के बीच बहस हार गई। समाजवादी पार्टी के रमाशंकर राजभर सरकार पर सवाल उठाने के लिए अच्छी तरह से तैयार थे। उनके दावे की धार खत्म हो चुकी थी। बेशक, विपक्ष की चिंताएं आतंकवादियों की हत्या के लिए अप्रासंगिक थीं। उन्होंने पूछा कि नरसंहार के लिए जिम्मेदार आतंकवादी अभी तक कैसे आजाद हैं। सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों को मारकर बड़ी जीत हासिल की। हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी सुलेमान शाह बताया जा रहा है।
बताया जाता है कि पहलगाम आतंकी हमले से जुड़ी एक कम्युनिकेशन डिवाइस ने सुरक्षाबलों को श्रीनगर के दाचीगाम वन क्षेत्र में छिपे आतंकियों तक पहुंचाया। इस क्षेत्र में इसके सक्रिय होने के बाद से ही सेना और सुरक्षा एजेंसियां इसे ट्रैक कर रही थीं। सोमवार को तीन आतंकियों के मारे जाने की कामयाबी के पीछे भी इसी डिवाइस का एक्टिवेट होना रहा। इसी के साथ ‘ऑपरेशन महादेव’ सफल हुआ।
22 अप्रैल, 2025 को हुए पहलगाम आतंकवादी हमले की जांच के दौरान एक कम्युनिकेशन डिवाइस के दोबारा से एक्टिवेट होने से इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी के संकेत मिले थे। इसके आधार पर सेना द्वारा लगातार इस क्षेत्र में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा था। सोमवार को इस ऑपरेशन के दौरान बड़ी कामयाबी मिली और सेना की 24 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) और 4 पैरा स्पेशल फोर्सेज ने सुबह तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया।
सूत्रों के अनुसार तीनों पाकिस्तानी आतंकवादी बताए जा रहे हैं और इनके नाम अबू हमजा उर्फ हारिस, यासिर और सुलेमान बताए जा रहे हैं। ये लश्कर- ए-ताइबा के हैं। हालांकि, इसको लेकर सुरक्षाबलों की ओर से कोई पुष्टि नहीं की गई है। उनके अनुसार शिनाख्त होने के बाद ही पुष्टि की जाएगी। सैन्य सूत्रों ने अमर उजाला को बताया कि पहलगाम हमले के बाद से कम्युनिकेशन डिवाइस की जांच की जा रही थी। करीब दो सप्ताह पहले अचानक से इस डिवाइस पर संदिग्ध संचार का पता चला।
इसके बाद तुरंत ही सेना ने अपनी यूनिट को सतर्क कर दिया। गौरतलब है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा पहले गिरफ्तार किए गए परवेज और बशीर अहमद नामक दो आतंकवादियों ने भी बताया था कि पहलगाम आतंकवादी हमले में तीन पाकिस्तानी लश्कर आतंकवादी शामिल थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजीपी वीके बिरदी ने कहा कि शवों को नीचे लाने में समय लगेगा। उसके बाद उनकी शिनाख्त हो पाएगी।
एजेंसियों का मानना है कि जिस कम्युनिकेशन डिवाइस के सिग्नल दोबारा से एक्टिवेट हुए हैं। यह डिवाइस पहलगाम हमले में आतंकियों द्वारा इस्तेमाल में लाई गई थी। इसके कॉर्डिनेट्स जांच के दौरान पाया गया कि आतंकी इस डिवाइस का इस्तेमाल दाचीगाम के ऊपरी क्षेत्र में कर रहे हैं। इसके बाद से लगातार इस क्षेत्र में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान शुरू किया गया। सूत्रों ने बताया कि रविवार देर रात लिदवास क्षेत्र में आतंकवादियों की मूवमेंट की सूचना मिली। इसके बाद 24 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) और 4 पैरा स्पेशल फोर्सेज के जवानों ने ऑपरेशन को तेज किया।
सुरक्षा बलों ने कई बार घोषणा की थी कि ‘ऑपरेशन महादेव’ शुरू किया गया था, लेकिन ये आतंकवादी नहीं मिले थे, इसलिए सरकार की शक्तिशाली सेनाएं रडार के नीचे आ गई थीं। इस बीच, राहुल गांधी और सपा जैसी पार्टियों ने सरकार की आलोचना करके सवाल पूछना शुरू कर दिया था। सरकार को अब विपक्ष के सवालों के जवाब देने में अधिक आत्मविश्वास का सामना करना पड़ेगा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कल संसद में कहा था। वो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी खत्म नहीं हुआ है। भारतीय सेना ने बिना किसी को जाने ऑपरेशन को सफल बना दिया। जब ऑपरेशन सिंदूर को लेकर चर्चा चल रही थी, तब विपक्ष की हवा हटाने की इस खबर से न सिर्फ सरकार को काफी राहत मिली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कहा था।एयर डिफेंस सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के जरिए भारतीय वायुसेना के विभिन्न उपकरणों के जरिए ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया और पाकिस्तान में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए। लेकिन हत्याओं के लिए जिम्मेदार आतंकवादी खुले घूम रहे थे और इसलिए भारत सरकार विपक्ष के रडार पर थी। लेकिन कहा जा सकता है कि सुरक्षाबलों ने इन आतंकियों का सफाया कर भारतीय सुरक्षा में एक अध्याय पूरा कर लिया है। पहलगाम नरसंहार में 26 पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी और उन्हें पेन पढ़ने और यह देखने के लिए गोली मार दी गई थी कि क्या कुछ पर्यटकों का खतना हुआ है। भारत ने तब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। आतंकवादियों को मारने के लिए ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन महादेव’ नाम दिया गया था। पहलगाम एक पर्यटन स्थल है लेकिन आतंकवादियों ने इस तरह के नरसंहार को अंजाम देकर बढ़ते पर्यटन को बाधित करने की कोशिश की। उनके प्रति भारतीयों की प्रतिक्रिया बढ़ना तय है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने ‘ऑपरेशन महादेव’ में पहलगाम नरसंहार में तीन आतंकियों के मारे जाने का ऐलान करते हुए देश में खुशी की लहर दौड़ गई है।
स्पष्ट है कि भविष्य में ऐसी कोई हत्या नहीं होगी क्योंकि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तानी आतंकवादियों की कमर तोड़ दी है और भारतीय सेना ने साबित कर दिया है कि हम कितने शक्तिशाली हैं। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत की ओर से किए गए हमलों में पाकिस्तान के मुरीदके और अन्य जगहों पर आतंकी कैंप तबाह हो गए, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने सतलुज नदी का पानी पाकिस्तान जा रहा था और पाकिस्तान को आज ‘त्राह-मैम’ कहने पर मजबूर कर दिया था। भारत ने पहले ही कड़ा भरोसा दिलाया है कि अगर पाकिस्तान भविष्य में इसी तरह की कोई आतंकी हरकत करता है तो इसे भारत के खिलाफ युद्ध माना जाएगा। मुझे आशा है कि यह चोट नहीं करता है। लेकिन अगर वह ऐसा करते हैं, तो भारतीय सेना सक्षम है। यह अच्छा है कि इस ऑपरेशन के दौरान पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड मारा गया। अब कहा जा सकता है कि भारत ने पाकिस्तान का पूरी तरह से बदला ले लिया है। अब समय आ गया है कि भारत उन मिनी पाकिस्तानियों से सावधान रहे जो भारत में हैं और उन लोगों को सबक सिखाएं जो अभी भी भारत में रहते हैं और पाकिस्तान की प्रशंसा करते हैं। ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा और कहा जा सकता है कि जिन लोगों ने अपने पतियों को खोया उन्हें न्याय मिला। पीएम मोदी की सरकार और भारतीय सेना की सफलता को सलाम।
बताया जाता है कि ऑपरेशन महादेव में 3 आतंकियों के मारे जाने पर पाकिस्तान बिलबिला कर रह गया है. पाकिस्तान ने कहा है कि भारत की एजेंसियां डिटेन कर रखे गए पाकिस्तानियों को एनकाउंटर में खत्म कर इन्हें सीमा पार आतंकी बता रही हैं. पाकिस्तान की सरकारी एजेंसियां इन आतंकियों को ‘निर्दोष’ और ‘मासूम पाकिस्तानी’ बता रही हैं.पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार डॉन ने अपनी रिपोर्ट में पाकिस्तानी सुरक्षा सूत्रों के हवाले से लिखा है कि भारत ऑपरेशन महादेव के नाम पर फेक एनकाउंटर कर रहा है. अखबार ने लिखा है कि भारत की एजेंसियां कथित रूप से निर्दोष पाकिस्तानियों को जिन्हें इंडिया ने जबरन डिटेन कर रखा है स्टेज्ड एनकाउंटर में यूज करने की तैयारी कर रही हैं और उन्हें सीमा पार आतंकी बता रही है.
हास्यास्पद रूप से अखबार ने ये नहीं बताया है कि एक पाकिस्तानी नागरिक कश्मीर के जंगलों में सैटेलाइट फोन और हथियारों के जखीरे के साथ क्या कर रहा था. सेना ने मुठभेड़ स्थल से एक एम4 कार्बाइन राइफल, दो एके राइफल और अन्य हथियार बरामद किए हैं. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद चौधरी शरीफ ने दावा किया है कि 723 पाकिस्तानी नागरिक भारत के जेलों में बंद हैं. लेकिन पाकिस्तानी सेना ने यह नहीं बताया कि ये 723 पाकिस्तानी नागरिक बॉर्डर पार कर भारत की सीमा में कैसे पहुंचे. डॉन ने पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के हवाले से लिखा है कि डिटेन किए गए इन लोगों को पाकिस्तान के खिलाफ बयान देने पर मजबूर किया जा सकता है.
जिओ न्यूज ने बचकाना दावा करते हुए लिखा है कि एनकाउंटर की थ्योरी को साबित करने के लिए भारतीय एजेंसियों ने आतंकवादियों की तस्वीरें और हथियार पहले ही जारी कर दिए थे. जिओ के अनुसार ISPR ने अपनी एक ब्रीफिंग के दौरान कहा था कि भारत की खुफिया एजेंसियों ने 56 पाकिस्तानियों को हिरासत में रखा है. लेकिन ये पाकिस्तानी भारत की सीमा में कैसे पहुंचे हैं इस बारे में पाकिस्तान ने चुप्पी साध रखी है. पाकिस्तान के न्यूज चैनल 365 प्लस ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत ने अब ऑपरेशन महादेव शुरू किया है और इसके नाम पर हिरासत में रखे ‘मासूम’ पाकिस्तानियों का इस्तेमाल एनकाउंटर में कर रहा है. इस चैनल ने कहा है कि भारत ने ऑपरेशन को कामयाब सैन्य कार्रवाई के तौर पर पेश कर रहा है.
अशोक भाटिया, वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार ,लेखक, समीक्षक एवं टिप्पणीकार