- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में यह भारत का पहला मेगा इवेंट
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 जुलाई को करेंगे उद्घाटन
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
नई दिल्ली : केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा है कि विश्व धरोहर समिति का 46वां सत्र 21 से 31 जुलाई तक नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में आयोजित होगा। इसका उद्घाटन 21 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में यह भारत का पहला मेगा इवेंट है जिसमें बीस से अधिक देशों के संस्कृति मंत्री सहित 195 देशों के 3000 प्रतिनिधि भाग लेंगे। भारत पहली बार इसकी मेजबानी कर रहा है। उद्घाटन समारोह में यूनेस्को की महानिदेशक मैडम ऑड्रे अज़ोले और यूनेस्को विश्व धरोहर सचिवालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न देशों के संस्कृति मंत्री, राजदूत और डोमेन विशेषज्ञ जैसे अन्य उच्च-स्तरीय गणमान्य व्यक्ति भी शामिल होंगे।
शुक्रवार को नई दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में एक प्रेस वार्ता में शेखावत ने कहा कि, “46वीं विश्व धरोहर समिति की यह बैठक भारत की विविध और अनूठी सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को दुनिया के सामने प्रदर्शित करेगी, तथा भारत के सांस्कृतिक गौरव को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री के साथ विश्व धरोहर समिति के अध्यक्ष और यूनेस्को में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि विशाल वी. शर्मा और एएसआई के महानिदेशक यदुवीर सिंह रावत भी शामिल हुए। प्रेस वार्ता का संचालन प्रेस सूचना ब्यूरो के प्रिंसिपल महा निदेशक धीरेन्द्र ओझा ने किया। शेखावत ने 40 दिनों की छोटी अवधि के भीतर पूरे समग्र दृष्टिकोण के साथ इस बैठक का आयोजन करने के लिए संस्कृति मंत्रालय की सराहना की। उन्होंने कहा, “इस पैमाने की अंतरराष्ट्रीय बैठक दुनिया में भारत की सॉफ्ट पावर को और मजबूत करेगी और वैश्विक दर्शकों और आउटरीच के लिए अवसर प्रदान करेगी।” 46वीं विश्व धरोहर समिति की बैठक के प्रतीक चिन्ह पर प्रकाश डालते हुए संस्कृति मंत्री शेखावत ने कहा कि यह हम्पी के विश्व धरोहर स्थल से प्रेरित है। विजया विट्ठल मंदिर का पत्थर का रथ भारत की स्थापत्य कला की भव्यता और मूर्तिकला की उत्कृष्टता का प्रमाण है। प्रतीक चिन्ह की टैगलाइन है सह नौ यशः जिसका अंग्रेजी में अर्थ है ‘हमारा गौरव बढ़े’। “यह टैगलाइन प्राचीन संस्कृत ग्रंथ ‘तैत्तिरीय उपनिषद’ से ली गई है जो हमारे पूर्वजों की सभी के विकास की इच्छा का प्रमाण है। शेखावत ने कहा कि आदर्श वाक्य ‘हमारा गौरव बढ़े’ इस वर्ष की समिति की बैठक की मेजबानी करके विश्व धरोहर सम्मेलन के दायरे को और भी आगे बढ़ाने में भारत की आकांक्षाओं और वास्तविक प्रयासों को खूबसूरती से दर्शाता है।”
उन्होंने बताया कि संस्कृति मंत्रालय की ओर से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा आयोजित 46वीं विश्व धरोहर समिति की इस बैठक में दुनिया भर के प्रतिनिधि हमारी साझा सांस्कृतिक, प्राकृतिक और मिश्रित विरासत के संरक्षण पर चर्चा और सहयोग करने के लिए एक साथ मिल कर चर्चा करेंगे। यह वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने और हमारी विश्व धरोहर संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारत के लगातार बढ़ते कद की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। एएसआई के अतिरिक्त महानिदेशक श्री जान्हवीज शर्मा ने मीडिया को विश्व धरोहर सम्मेलन और विश्व धरोहर समिति के इतिहास और कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि 1972 के विश्व धरोहर सम्मेलन ने विश्व धरोहर सूची में शामिल करने के लिए संभावित सांस्कृतिक/प्राकृतिक स्थलों की पहचान करने में विभिन्न देशों के कर्तव्यों को निर्धारित किया। भारत ने नवंबर 1977 में कन्वेंशन की पुष्टि की। आदिनांक तक, 168 राज्य दलों द्वारा 1199 संपत्तियों को विश्व धरोहर सूची में अंकित किया गया है। विश्व धरोहर समिति में यूनेस्को की आम सभा द्वारा चुने गए विश्व धरोहर सम्मेलन (1972) के 21 देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं। वर्तमान में अर्जेंटीना,बेल्जियम,बुल्गारिया,ग्रीस,भारत, इटली,जमैका,जापान,कजाकिस्तान,केन्या, लेबनान,मेक्सिको,कतर,कोरिया गणराज्य,रवांडा,सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस,सेनेगल,तुर्किये,यूक्रेन,वियतनाम, जाम्बिया इसके सदस्य हैं।
श्री शर्मा ने 46वीं विश्व विरासत कांग्रेस बैठक के एजेंडे के बारे में भी विस्तार से बताया।उन्होंने बताया कि विश्व विरासत युवा पेशेवर मंच भी 14 जुलाई से 23 जुलाई 2024 तक चलने वाला यह मंच युवाओं और विरासत विशेषज्ञों को अंतर-सांस्कृतिक शिक्षा और आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए एक साथ लाता है। यह युवाओं को आम संरक्षण चिंताओं की खोज करने और उन पर चर्चा करने और विरासत संरक्षण में नई भूमिकाएँ तलाशने के अवसर प्रदान करता है।भारत सरकार द्वारा पूर्ण रूप से वित्तपोषित युवा पेशेवर फोरम, जो ग्रेटर नोएडा में पंडित दीनदयाल पुरातत्व संस्थान में आयोजित किया जा रहा है, में 31 देशों से 50 युवा पेशेवर भाग ले रहे हैं। इसके साथ ही विश्व धरोहर स्थल प्रबंधकों का फोरम भी इसमें शामिल होगा।यह 18 जुलाई से 25 जुलाई, 2024 तक आयोजित किया जा रहा है, यह सहयोगात्मक और टिकाऊ प्रबंधन प्रथाओं के महत्व पर केंद्रित है। इस वर्ष फोरम के सत्र का विषय है “विरासत और समुदाय: विश्व धरोहर संपत्तियों के सतत प्रबंधन के लिए समावेशी और प्रभावी दृष्टिकोण।”इस वर्ष फोरम के 6वें संस्करण में लगभग 35 देशों के 82 विश्व धरोहर स्थल प्रबंधक भाग ले रहे हैं।
शेखावत ने संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि भारत की समृद्ध और विविध संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करने के लिए, से बैठक के दौरान साइड इवेंट और प्रदर्शनियों का आयोजन भी किया जायेगा। ये साइड इवेंट और प्रदर्शनियाँ भारत सरकार और राज्य सरकारों के विभिन्न मंत्रालयों द्वारा आयोजित की जायेगी। इन प्रदर्शनियाँ द्वारा भारत की प्रचुर सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत, डिजिटल परिवर्तन में भारत की छलांग और उपचारात्मक औषधीय प्रथाओं को उजागर करेंगी।पर्यटन मंत्रालय द्वारा विभिन्न राज्यों के पारंपरिक शिल्प और कलात्मकता के व्यावहारिक प्रदर्शन के साथ-साथ हस्तशिल्प उत्पादों की बिक्री पर केंद्रित भारतीय प्रदर्शनियों की योजना भी बनाई गई है। आयुष मंत्रालय द्वारा आयुर्वेद की विश्व प्रसिद्ध प्राचीन परंपरा और मानव जाति के निदान, उपचार और समग्र कल्याण में इसके समग्र अभ्यास पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया जायेगा। इसके अलावा, सर्वे संतु निरामया के संदेश को और अधिक फैलाने के लिए होटलों में प्रतिनिधियों के लिए सुबह के योग और ध्यान सत्र आयोजित किए जायेंगे।
समिति की बैठक में भारत और कई अन्य मेजबान देशों द्वारा कई साइड इवेंट भी आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा, कुछ दलों द्वारा कुछ अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियाँ भी आयोजित की जा रही हैं। भारत की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने के लिए समिति की बैठक के दौरान और उसके समापन के बाद प्रतिनिधियों के लिए विरासत स्थलों पर कई स्थानीय पर्यटन और भ्रमण की योजना भी बनाई गई है। एक सवाल पर केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने स्वीकार किया कि विश्व के विभिन्न देशों विदेशों में बसे सभी प्रवासी भारतीय भारत के सांस्कृतिक राजदूत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें यह संज्ञा दी है और ऐसे आयोजनों में उनकी सक्रिय भागीदारी को वे सदैव प्रोत्साहन देते है। उनका मन्त्रालय इस दिशा में और भी अधिक प्रयास कर प्रधानमन्त्री की भावना के अनुरूप प्रवासी भारतीयों को विभिन्न कार्यक्रमों के लिए यथा संभव सहयोग प्रदान करेगा। उल्लेखनीय है कि भारत को 2021 में 23वीं आम सभा में चार साल (2021-2025) की अवधि के लिए 21 सदस्यीय विश्व विरासत समिति के लिए चुना गया था। विश्व विरासत समिति में यह भारत का चौथा कार्यकाल है। भारत इससे पहले तीन कार्यकालों के लिए 1985-1991, 2001-2007 और 2011-2015 में विश्व धरोहर समिति का सदस्य था। भारत ने विश्व धरोहर सूची में 42 संपत्तियां शामिल की गई हैं, जिनमें 34 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक, 1 मिश्रित विरासत स्थल शामिल हैं पिछले 10 वर्षों में 12 स्थल जोड़े गए हैं, जिनमें पिछले वर्ष रियाद (सऊदी अरब) में आयोजित विश्व धरोहर समिति के विस्तारित 45वें सत्र के दौरान शांतिनिकेतन (पश्चिम बंगाल) और होयसल (कर्नाटक) के पवित्र स्थलों को शामिल किया गया था।विश्व धरोहर सूची की संख्या के आधार पर भारत सूची में 6वां देश और एशिया प्रशांत क्षेत्र में दूसरा देश है। इसके अलावा, भारत के पास अभी भी विश्व धरोहर की संभावित सूची में 57 स्थल हैं।