
जनजाति विकास मंत्री बाबू लाल खराड़ी जनजाति बालिकाओं के लिए 12वीं के स्थान पर 11 वीं कक्षा से कराई जा रही नीट की कोचिंग
नीति गोपेन्द्र भट्ट
नई दिल्ली : राजस्थान में जनजाति बालिकाओं के लिए 12वीं कक्षा से कराई जा रही नीट की कोचिंग को अब 11वीं कक्षा से शुरू करवाया जाएगा जिससे उन्हें कोचिंग के लिए ज्यादा समय मिल सके।
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ के नेशनल कॉन्क्लेव में राजस्थान का पक्ष रखते हुए राजस्थान के जनजाति विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया की जनजाति विकास विभाग अब आदिवासी बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग भी करवाएगा इससे आर्थिक रूप से पिछड़े आदिवासी बहुल इलाकों के बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ ही नौकरी पाने के बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे। अभी तक यह कोचिंग सामाजिक अधिकारिता विभाग करवा रहा था लेकिन हमारे विभाग की ओर से प्रस्ताव दिया गया है कि कम से कम 25 बच्चों की कोचिंग हम अपने स्तर पर शुरू करवाएंगे।
खराड़ी ने बताया कि ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ और केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे ‘धरती आभा’ कार्यक्रम के तहत प्रदेश में जनजाति विकास के क्षेत्र में बहुत तेजी से काम हो रहा है। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार आने के बाद सभी जनजातीय आवासीय विद्यालयों में न्यूनतम तीन सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए जा चुके हैं जिससे खाने की गुणवत्ता और बच्चों की सुरक्षा पर फोकस किया जा सकेगा।
खराड़ी ने बताया कि राजस्थान सरकार आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस दिशा में हम निरंतर काम कर रहे हैं।