
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
जयपुर : राजस्थान विधान सभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ के तत्वावधान में 17 से 25 जून तक फ्रांस और जर्मनी की अपनी अध्ययन यात्रा को सार्थक उपयोगी, लाभप्रद और ज्ञानवर्धक बताया है। उन्होंने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि मेरी यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों की संसदीय प्रक्रियाओं पद्धतियों तथा परम्पराओं एवं स्थानीय संस्कृति का अध्ययन करना था।
देवनानी ने इस यात्रा के अनुभव और संस्मरणों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दोनों देशों में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत में हो रही प्रगति और नवाचारों को लेकर सकारात्मक भाव देखा गया और भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और काउन्टकर टेररिज्म पर दोनों देश भारतीय दृष्टिकोण के साथ एक मत दिखाई दिये।
देवनानी ने बताया कि फ्रांस और जर्मनी दोनों देशों में भारत की संसद की तरह लोअर हाउस और अपर हाउस की लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं है लेकिन इन देशों में संसदीय चुनाव की पद्धतियां पृथक-पृथक है। फ्रांस में चुनावों में मिलने वाले मत प्रतिशत के आधार पर अपर हाउस के सदस्यों का मनोनयन होता है। वहीं जर्मनी में स्थानीय निकाय के मेयर ये कार्य करते है । साथ ही स्थानीय प्रशासन को भी वे ही संचालित करते है । वहां पृथक से कोई राज्यों की व्यवस्था नहीं है।
विधान सभा अध्यक्ष श्री देवनानी ने बताया कि यूरोप के देशों में विशेषकर जर्मनी में योग और पर्यावरण के प्रति विशेष समर्पण और अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए भारत के प्रति आभार का भाव देखा गया। वहां विशेष रूप से योग को स्वास्थ्य से जोडकर देखा जाता है। जर्मनी में अधिकांश नागरिक सडकों पर साईकिलों से आवागमन करते है तथा वे अपने आप को स्वस्थ रखने के प्रति अधिक जागरूक है। साथ ही पर्यावरण और स्वच्छता के लिए जागरूक रहते है ।
देवनानी ने बताया है कि दोनों देशों की इस संसदीय अध्ययन यात्रा के दौरान मैंने वहां की नेशनल एसेम्बली और अन्य संसदीय संस्थाओं का अवलोकन करने के साथ ही दोनों देशों के सांसदों, प्रशासनिक अधिकारियों और प्रवासी भारतीयों से भी मुलाकात की और वहां की ऐतिहासिक धरोहरों को भी देखा तथा भारतीय दूतावासों में आयोजित कार्यक्रमों में भाग लिया। इसके अलावा दोनों देशों में बसे हुए प्रवासी भारतीयों से भी आत्मीय मुलाकात की। विशेषकर प्रवासी राजस्थानियों से भेंट कर उनसे विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने बताया कि फ्रांस और जर्मनी की यात्रा में लोगों ने राजस्थान विधान सभा में हुए नवाचारों को भी सराहा।
देवनानी ने बताया कि प्रवासियों ने भारत के विभिन्न स्थानों से इन देशों के लिए सीधी हवाई सेवाएं शुरू करवाने में सहयोग करने का आग्रह किया है, ताकि उन्हें भारत आने के लिए एक से अधिक फ्लाईटस नहीं बदलना पडे। साथ ही प्रवासियों ने भारत के विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में फ्रांस और जर्मनी भाषा के पाठयक्रम आरम्भ करवाने की आवश्यकता भी बताई ताकि इन देशों में रोजगार की सम्भावनाओं को देखते हुए भारत से जाने वाले युवाओं को इन भाषाओं का ज्ञान होने से रोजगार के अधिक अवसर मिल सके। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि मेरी यह यात्रा ‘राजस्थान-2047: वैश्विक नेतृत्व की ओर’ दृष्टिकोण के तहत राज्य के युवाओं, नीति-निर्माताओं और नागरिक समाज के लिए उपयोगी साबित होगी ।
देवनानी ने बताया कि दोनों देशों के प्रवासी राजस्थानियों ने राइजिंग राजस्थान ग्लबल इन्वेंस्टरमेंट समिट की चर्चा की और इसे एक अच्छी पहल बताते हुए समिट में हुए एमओयू को यथा शीघ्र धरातल पर लाने के लिए विशेष प्रयास किये जाने की आवश्यकता बताई।
देवनानी ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि दोनों देशों के नागरिक और प्रवासी भारतीय संस्कृति तीज त्यौहारों आदि को आगे बढाने के लिए मिल-जुलकर प्रयास कर रहे है तथा शिक्षा,तकनीकी, एआई, प्रमाणु ऊर्जा विकास आदि विभिन्न क्षेत्रों में भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्साहित है।