मोहित त्यागी
- श्रीमहंत हरि गिरी, श्रीमहंत प्रेम गिरी व श्रीमहंत नारायण गिरी के मार्गदर्शन में श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा सनातन धर्म के लिए संघर्ष को तैयार
- सनातन बोर्ड जब बने तब बनता रहे पर वक्फ बोर्ड तुरंत समाप्त होना चाहिए है – जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती
- सनातन पर लगातार हो रहे आघातों से विचलित श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा खुल कर मैदान में उतरने की तैयारी में
- महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज के नेतृत्व में जूना अखाड़े के संन्यासी जिहाद को वैचारिक चुनौती देंगे
- संत समाज में अछूत समझे जाने वाले अपने महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज के साथ खुल कर आया जूना अखाड़ा
- धर्म संसद का नाम बदलकर धर्म संवाद करके महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी को उसकी कमान सौंपना अखाड़े की दूरगामी नीति का संकेत
- पहली बार जूना अखाड़े के साथ दिखाई दिए सम्पूर्ण भारत के हिंदूवादी कार्यकर्ता
- जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के अनिल चौधरी, ममता सहगल और उनके साथियों की विशेष भागीदारी रही
प्रयागराज महाकुंभ : संगम तट पर श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के तत्वाधान में चला दो दिवसीय धर्म संवाद आज सनातन वैदिक राष्ट्र के संकल्प के साथ सम्पन्न हो गया। धर्म संवाद में हजारों की संख्या में संतों और सनातनियों ने भाग लिया। महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी के आह्वान पर हजारों लोगों ने सनातन वैदिक राष्ट्र के लिए अपने प्राणों तक का बलिदान देने का संकल्प लिया।
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज की अध्यक्षता में आज धर्म संवाद में सम्पूर्ण विश्व में जिहाद के द्वारा हिंदुओं की निर्मम जनसंहार पर चिंता जताई गई। जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज ने समस्त हिंदू समाज से बांग्लादेश के हिंदुओं के लिए आवाज उठाने और संघर्ष करने का आह्वान किया। उन्होंने सम्पूर्ण संत समाज से कहा कि सनातन बोर्ड जब बने बनता रहे पर वक्फ बोर्ड तुरंत समाप्त होना चाहिए।
सनातन धर्म पर लगातार हो रहे आक्रमणों और आघातों से सनातन धर्म की सबसे बड़ी धार्मिक संस्था श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा आहत और विचलित है और सनातन धर्म की रक्षा के लिए संघर्ष को भी तैयार हो रहा है। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के वरिष्ठ संत अब युवा संन्यासियों को धर्म की रक्षा की ओर लगाने की तैयारी में जुट गए हैं। भारत के सबसे विवादास्पद संत यति नरसिंहानंद गिरी महाराज को महामंडलेश्वर बनाना भी इस दिशा में जाने का ही संकेत था। सबको यह आशा थी कि महामंडलेश्वर बनने के बाद यति नरसिंहानंद गिरी महाराज के स्वभाव में कुछ परिवर्तन होगा और वो अतिवाद छोड़कर समाज की मुख्यधारा में में सम्मिलित होने का प्रयास करेंगे परन्तु ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ और महामंडलेश्वर बनने के बाद यति नरसिंहानंद गिरी ने और भी ज्यादा आग उगलनी शुरू कर दी। स्थिति इस तरह बिगड़ी कि सर्वोच्च न्यायालय तक को उनके द्वारा आयोजित होने वाली धर्म संसद पर निगरानी का आदेश अधिकारियों को देना पड़ा।
जूना अखाड़े के वरिष्ठ संत लगातार यति नरसिंहानंद गिरी के क्रिया कलापों को देखते रहे और उनकी निगरानी करते रहे। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के मुख्य संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरी महाराज व प्रधान श्रीमहंत प्रेम गिरी महाराज व प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज के मार्गदर्शन व नेतृत्व में प्रयागराज महाकुंभ से श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के वरिष्ठ संतों ने हर परिस्थिति में जिहाद से वैचारिक लड़ाई में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज के साथ देने का संकल्प लिया।
श्रीमहंत हरि गिरी महाराज ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए पूरी तरह से महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी का साथ हर संघर्ष में देने का संकल्प लेते हुए कहा कि हमारा मानना है कि विश्व के सभी समुदाय सनातन से ही निकले हैं परन्तु आज जिहादी सनातन धर्म सहित सम्पूर्ण मानवता को समाप्त करने पर तुल गया है। अब जिहादियों को वैचारिक रूप से पराजित किए बिना अब मानवता का बचना संभव नहीं है।
धर्म संवाद में बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा पर चिंता जताते हुए सभी संतों ने एक स्वर में भारत के बीबी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बंगलादेश में सेना भेजकर वहां हिंदुओ के लिए अगल राष्ट्र बनाने की मांग की।
धर्म संवाद में जगद्गुरु परमहंसाचार्य महाराज, जगद्गुरु गर्गाचार्य महेन्द्रानंद गिरी, महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती, करौली सरकार, महामंडलेश्वर जय अंबानंद गिरी सहित अनेक संतों ने अपने विचार रखे। धर्म संवाद में यति रामस्वरूपानंद, यति सत्यदेवानंद, यति यतींद्रानंद, यति अभयानंद और यति निर्भयानंद सहित अन्य यति संन्यासियों ने सहयोग किया।
धर्म संवाद में डॉ उदिता त्यागी, दिनेश अग्रवाल, राकेश गोयल, विनोद सर्वोदय, राजेश पहलवान, प्रवीण त्यागी, रविन्द्र त्यागी, राकेश सरावगी, सुनील त्यागी, संजय विज, अक्षय त्यागी, अनिल यादव, बिट्टू त्यागी, मोहित गुप्ता, राजीव त्यागी, नीरज त्यागी, अतुल ओमर, राजेश गुप्ता, संजय त्यागी, महेश आहूजा, मुकेश त्यागी, नरेंद्र त्यागी तथा अन्य भक्तगणों की भूमिका सराहनीय रही।