सिंथेटिक ड्रग्स का चलन बढ़ेगा : गृहमंत्री अमित शाह

The use of synthetic drugs will increase: Home Minister Amit Shah

इंद्र वशिष्ठ

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सिंथेटिक ड्रग्स और लैब्स का चलन आने वाले दिनों में बढ़ेगा। हर राज्य के एएनटीएफ प्रमुख को अपने यहां पैनी नज़र रखते हुए इस प्रकार की लैब्स या सिंथेटिक ड्रग्स को पहचान कर नष्ट करने की कार्रवाई करनी चाहिए। लैब्स या सिंथेटिक ड्रग्स बने ही नहीं, हमें इस दिशा में काम करना होगा। जब ड्रग्स की उपलब्धता समाप्त हो जाएगी तभी नशा करने वाला व्यक्ति मेडिकल सहायता के लिए आगे आएगा।

अमित शाह ने मंगलवार को एंटी-नार्कोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) प्रमुखों के सम्मेलन में कहा कि ड्रग्स की सप्लाई चेन तोड़ने के लिए रूथलेस अप्रोच, डिमांड रिडक्शन में स्ट्रैटेजिक अप्रोच और हार्म रिडक्शन में ह्यूमन अप्रोच की एक त्रिकोणीय रणनीति के तहत कदम उठाने होंगे।

गृह मंत्री ने कहा कि आज देशभर में 11 जगहों पर करीब 4800 करोड़ रुपये मूल्य के लगभग एक लाख 37 हज़ार 917 किलोग्राम ड्रग्स को नष्ट किया गया है। हमें साइंटिफिक तरीके से हर तीन माह में हर राज्य में ज़ब्त की गई ड्रग्स को नष्ट करने की परंपरा बनानी चाहिए। पुलिस के कब्ज़े में पड़ी ड्रग्स भी हमारे लिए खतरनाक है। नशे की समस्या के निवारण के लिए टॉप टू बॉटम और बॉटम टू टॉप अप्रोच अपनाना बेहद ज़रूरी है।

ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में अब एक्शन और एक्ज़ीक्यूशन में स्केल को बदलने का समय आ गया है। देश में ड्रग की एंट्री, डिस्ट्रीब्यूशन और लोकल सेल से लेकर इनके सरगनाओं तक कठोर आघात किया जा रहा है। अब हमारी लड़ाई ड्रग्स का खुदरा व्यापार करने वालों को पकड़ कर इसका व्यापार कम करने की जगह तीन प्रकार के कार्टेल के खिलाफ है। देश के सभी एंट्री पॉइंट्स पर ऑपरेट करने वाले कार्टेल, एंट्री पॉइंट से राज्य तक वितरण करने वाले कार्टेल और राज्यों मे छोटे स्थानों तक मादक पदार्थ बेचने वालों तक कार्टेल पर कठोर आघात करने का अब समय आ गया है। कार्टेल पर लगाम लगाने के लिए डार्कनेट, क्रिप्टो करेंसी, कम्युनिकेशन पैटर्न, लॉजिस्टिक्स, फायनेंशियल फ्लो का एनालिसिस, मेटा डाटा एनालिसिस और मशीन लर्निंग मॉडल जैसी तकनीकों को अपनाना होगा।

गृह मंत्री ने कहा कि भगोड़ों का निर्वासन और प्रत्यर्पण बहुत ज़रूरी है। अब विदेश में बैठकर यहां ड्रग्स का व्यापार करने वाले लोगों को भारतीय कानून की पकड़ में लाने का समय आ गया है। एएनटीएफ प्रमुख सीबीआई निदेशक से संपर्क कर प्रत्यर्पण के लिए अपने यहां एक सुनिश्चित व्यवस्था खड़ी करें जो न सिर्फ ड्रग्स, बल्कि आतंकवाद और गैंग तक सभी के लिए कारगर सिद्ध हो।

गृह मंत्री ने कहा कि जिस तरह प्रत्यर्पण ज़रूरी है उसी प्रकार से प्रैक्टिकल अप्रोच से निर्वासन भी ज़रूरी है। निर्वासन की प्रक्रिया के प्रति एक लिबरल अप्रोच अपनाकर अपराधियों को डिपोर्ट करने की व्यवस्था के लिए रास्ता सुनिश्चित करना चाहिए। मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त विदेशी अपराधियों और भगोड़ों को वापिस लाने के लिए एनसीबी, सीबीआई और राज्य पुलिस का एक संयुक्त तंत्र बनाना बेहद ज़रूरी है।

अमित शाह ने कहा कि कॉमन स्ट्रक्चर और ऑपरेशनल यूनिफॉर्मिटी बहुत ज़रूरी है। बेस्ट प्रैक्टिसिस के एक्सचेंज और इसे खुले मन से स्वीकार करने के आधार पर ही राज्य की स्थिति के अनुकूल एसओपी बने और राष्ट्रीय एसओपी इस एसओपी का हिस्सा हो। इस प्रकार का तंत्र तैयार किए बिना हम इस लड़ाई में बहुत पीछे रह जाएंगे। नारकोटिक्स के हर बड़े केस में नेटग्रिड का उपयोग कर पूरा नेटवर्क ढूंढने की कोशिश करनी चाहिए, जिससे न सिर्फ केस मज़बूत बनेगा बल्कि हम पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने में भी सफल होंगे।

गृह मंत्री ने सभी एनटीएफ प्रमुखों से आग्रह किया कि वे एक एंटी नारकोटिक्स एक्शन चेकलिस्ट बनाएं, जिसमें केस की जांच किस प्रकार से की गई और केस पहचान कर जिला पुलिस ने कितने प्रयत्न किए, की जानकारी शामिल हो। इसका हर तीन महीने में रिव्यू करने से यह लड़ाई अपने आप नीचे तक पहुंच जाएगी।

हर राज्य को फाइनेंशियल ट्रेल, हवाला लिंक्स, क्रिप्टो लेनदेन और साइबर चेक्स के लिए अपने यहां एक विशेष दस्ता बनाना चाहिए तभी हम इस लड़ाई को पुख्ता तरीके से लड़ सकेंगे। नारकोटिक्स-फोकस्ड फॉरेंसिक लैब की एक यूनिट भी हर राज्य में होनी चाहिए, जिससे गुनहगार को आसानी से ज़मानत न मिल सके।