बालमन पर पड़ता है माँ के दिए संस्कारों का प्रभाव – अरविन्द भाई ओझा

The values ​​given by mother have an impact on the child's mind - Arvind Bhai Ojha

दीपक कुमार त्यागी

गाजियाबाद : सुभाष विहार मोदीनगर में चल रही हनुमत कथा में हमुमन जी की बाल लीलाओं का सुंदर वर्णन करते हुए कथा व्यास अरविन्द भाई ओझा ने कहा बालमन पर माँ के द्वारा दिये संस्कारों का प्रभाव पड़ता है बच्चा कोरे कागज की तरह होता है माता के द्वारा बचपन में उसपर जो लिख दिया जाता है वह जीवन भर लिखा रहता है माँ के संस्कार ही राम और रावण को बनाते हैं इसलिए माताओं को सावधानी से बच्चों का पालन-पोषण करना चाहिए। कहा माँ बच्चे को अपना दूध पिलाकर ह्रदय के संस्कारों का बीजारोपण करती है । बचपन में माताएं बच्चों को कहानियां सुना कर देश, धर्म, सेवा व संस्कृति से परिचय कराकर उससे जोड़ती है । साथ ही माताएं बच्चों को सुलाने के लिए लोरी सुनाकर प्रकृति से जोड़ती है और बच्चों का पुरूषार्थ जगती हैं।

इसलिए माँ अंजना के द्वारा दिए संस्कार ही हनुमान जी के जीवन में दिखाई पड़ते है।

उन्होंने आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि – सूर्य को मुख में लेने के लिए हनुमान जी, गरुड़ व सम्पाती तीनों ने उछाल ली पर केवल हनुमान जी ही सफल हुए थे क्योंकि श्री हनुमान जी को बचपन से ही ज्ञान की भूख थी और सूर्य ज्ञान के देवता हैं इसलिए सूर्य को मुख में लिया क्योंकि प्रकाश जीवन के अज्ञान के अंधेरे को मिटा देता हैं।

जीवन में शरीर से बल,विद्या,धन, प्रतिष्ठा प्राप्त करें और अभिमान को त्याग कर सरल,सहज और सजग होना चाहिए अन्यथा ये सब हमें पतन की ओर ले जाते हैं ।

हनुमानजी जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए महाराज जी ने कहा कि हनुमानजी सेवा के बल पर ही भगवान राम को अपने वश में करते हैं इसलिए उन्होंने विभीषण को राम जी की सेवा का मंत्र दिया था। हनुमानजी हमें सन्देश देते कि जो समस्त संसार की अर्थात पशु पक्षि जीव जंतु पेड़ पौधे सब में परमात्मा का वास मानकर उनकी सेवा करता है भगवान ऐसे सेवक पर प्रेम और कृपा की वर्षा करते हैं।

भगवान ने हमें हमें वाणी दी है तो ऐसी वाणी बोलनी चाहिए जिससे संसार में धर्म, सुमुती और सद्गुण बढ़े और हमारे पास धन संपदा है और भगवान राम हमारे जीवन में नही है तो हमारा जीवन बिलकुल ऐसे ही होता है जैसे वस्त्र विहीन शरीर पर आभूषण शोभा नहीं देते।

जीवन को सुख से जीना है तो इसे सुखद बनाने का साधन भक्ति है इसलिए हनुमान जी अपने भक्तों को राम और राज दोनों दिलाते है हनुमान चालीसा पर बोलते हुए उन्होंने कहा ये छोटा सा ऐसा ग्रन्थ है जो हमे भगवान तक पहुचने का मन्त्र व् पंथ बताता है और इसी में हमें भक्ति, भक्त, भगवंत और गुरु चारों मिलते हैं।

भगवान के नाम के जपने का यह प्रभाव है कि सारा संसार भगवान के वश में है और भगवान भक्त के वश में होते है उडुपी में कनकदास ने आसुओ से पुकारा तो भगवान के मूर्ति ही घूम गयी। आज जिस खिड़की से भगवान के दर्शन होते हैं उसे कनकदास की खिड़की कहते हैं।

आज कथा में दीपप्रज्वलन डॉ चंद्रशेखर शास्त्री और डॉ हरिदत्त गौतम, ललित त्यागी ने किया आज के यजमान दीपक सिंघल और प्रणिता,

जयवीर चौधरी और सुनीता, महिपाल वर्मा और सोनू वर्मा, विनोद शर्मा और ममता शर्मा, रिंकू कंसल और सीमा कंसल, नितिन सेन और कौशल सेन, अंकित चौधरी और सपना चौधरी, रोकी गोयल और शालू गोयल, महेश वर्मा और संगीता वर्मा रहे।