दीपों के त्यौहार पर राजस्थान विशेष कर जयपुर के बाज़ारों की विश्व विख्यात सजावट बेजोड़

The world famous decoration of the markets of Rajasthan especially Jaipur on the festival of lights is unmatched

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

रंग बिरंगे राजस्थान की शान निराली है। हर वर्ष दिवाली पर प्रदेश में दीपों के त्यौहार की बेजोड़ सजावट और रंग बिरंगी रोशनी बेमिसाल होती है। पर्यटकों को प्रिय राजस्थान के लिए दिवाली पर पाँच दिवसीय त्योहारों पर धन तेरस से भाई दूज तक पिंक सिटी जयपुर, ब्ल्यू सिटी जोधपुर, झीलों की नगरी उदयपुर, धार्मिक नगरी अजमेर और पुष्पक, डेजर्ट सिटी जैसलमेर, बीकानेर और बाड़मेर तथा चंबल के किनारे बसे कोटा नगरी की रोशनी के अलावा प्रदेश के अन्य नगरों की परंपरागत साज सज्जा और बहुरंगी रोशनी बोनस की तरह है।

राजस्थान की राजधानी जयपुर में दिवाली की सामूहिक सजावट विश्व प्रसिद्ध है।देसी विदेशी पर्यटक जयपुर के बाजरों विशेष कर चार दिवारी के अंदर के बाज़ारों की सजावट और रोशनी को देखने दूर दूर से आते है। इस बार दिवाली पर राजधानी जयपुर में लगभग 180 करोड़ रुपए की लागत से घर- आंगन जगमगाने की तैयारी की गई है। घरों में रोशनी और सजावट पर औसतन 3000 रुपए खर्च किए जा रहे हैं।राजधानी के 60 फीसदी से अधिक घरों में दिवाली पर रोशनी होगी। लोग डेकोरेटिव लाइट्स से अपने घरों को सजाएंगे। बाजार में स्मार्ट लाइट्स की कीमत 150 से 1500 रुपए और फैंसी लाइट्स की कीमत 25 से 400 रुपए तक है। इस प्रकार दिवाली सजावट पर लोग इस बार करीब 180 करोड़ रुपए खर्च करेंगे। व्यापारी भी लाइट्स के कारोबार को 200 करोड़ रुपए तक पहुंचने की उमीद कर रहे हैं।इस बार जयपुर का जौहरी बाजार 72 लाइट गेटों से जगमगा रहा है।जिनमें से 36 गेटों पर “जयश्री राम” लिखा हुआ है। चांदपोल बाजार में अशोक वाटिका की सजावट देखने लायक़ हैं, जबकि त्रिपोलिया बाजार में गणेशजी के स्वरूप पाँच अलग-अलग वाद्य यंत्र बजाते हुए नजर आ रहें है।शहर के एमआइ रोड सहित अन्य सभी बाजारों में भी सजावट देखने लायक़ है। इस बार पांच बत्ती पर भी विशेष रोशनी का आयोजन किया गया हैं। महेश नगर में रविवार को सामूहिक सजावट के तहत लाइटिंग की गई हैं, जबकि पुराने शहर परकोटे के बाजारों में सामूहिक सजावट देखने लायक़ है , जिससे बाजार रोशनी से जगमगाने लगें हैं। राजापार्क में सामूहिक सजावट में विशेष दीपक जगमगाते हुए नजर आ रहें हैं।

बाजार में सामूहिक सजावट के लिए व्यापारियों को अघरेलू श्रेणी की सामान्य दर पर बिजली दी जा रही हैं। जयपुर डिस्कॉम ने व्यापारियों को अघरेलू श्रेणी की सामान्य दर पर बिजली देने का फैसला लिया है, जो 25 किलोवाट से ज्यादा लोड पर लागू होगा। यदि छूट नहीं मिलती, तो व्यापारियों को सामान्य दर की डेढ़ गुना राशि का शुल्क देना पड़ता। इस बार यह छूट पांच की बजाय सात दिन के लिए दी जाएगी। जयपुर व्यापार महासंघ के महामंत्री सुरेश सैनी ने बताया कि महासंघ की मांग पर जयपुर डिस्कॉम ने यह छूट दी है।

पिंकसिटी में दिवाली के अवसर पर घरों को सजाने और रोशनी करने के लिए बाजार में धन तेरस पर करोड़ों रू की खरीददारी होने का अनुमान हैं।

गुलाबी नगर जयपुर के बाजार ही नहीं विधानसभा सचिवालय और अन्य सरकारी और गैर सरकारी सिटी पैलेस, गोविंद देव जी मंदिर, मोती मगरी गणेश मंदिर, बिरला भवन भी शानदार रौशनी की बानगी देते हैं। गलता जी के कुण्ड में स्नान का अपना अलग आकर्षण हैं।निकटवर्ती आमेर पैलेस और चार दिवारी के बाहर नये शहर में राजा पार्क सहित अन्य बाजरों की आभा भी देखने लायक़ हैं।इस दिसम्बर में होने वाले राइजिंग राजस्थान ग्लोबल समिट के लिए एयर पोर्ट सांगनेर जाने वाले रास्तों को विशेष रूप से सजाया संवारा गया हैं। जयपुर में पटाखें बनाने वाले शोरग़ल नये अंदाज़ों में धुँआ रहित एवं प्रदूषण मुक्त पटाखें ईजाद कर अपनी कारीगरी दिखा रहें हैं।

उदयपुर के निकट राजसमन्द जिले के श्रीनाथ जी मंदिर में दिवाली के दूसरे दिन छप्पन भोग और मनों चावल के शिखर के साथ अन्नकुट के दर्शन तथा गोवर्धन पूजा देखने लायक़ है।

इस अन्नकुट के एक भाग को स्थानीय आदिवासियों द्वारा लूटने की परंपरा अनेक वर्षों से बदस्तूर जारी है। इस मौक़े पर सैकड़ों गायों की क्रीड़ाऐं मन मोह लेती है।

दिवाली पर राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में बनने वाली स्वादिष्ट मिढ़ाइयाँ और भाँति भाँति के व्यंजन विशेष कर जोधपुर और बीकानेर के मिष्ठान भी हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करते है। राजस्थान में भाई दूज तक प्रदेश के विभिन्न अंचलों में दिवाली के अवसर पर होने वाले समारोह और मेले हर किसी को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करने वाले हैं।