फिर हुआ बेटियों का क़त्ल … बढ़ रहे है लिव इन के नतीजे, आखिर क्या बला है लिव-इन रिलेशन

Then the daughters were murdered… the consequences of live-in are increasing, what is this live-in relationship?

अशोक भाटिया

कुछ समय पहले एक खबर खूब चर्चा में रही कि आफ़ताब नाम के एक युवक ने अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा की हत्या करके उसके शव को 35 टुकड़ों में काटकर अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया। श्रद्धा वॉकर हत्याकांड की चिंगारी बुझी नहीं थी कि मुंबई से एक और दिल दहला देने वाला मामला सामने आ गया। यहां पर रहने वाले मनोज साने ने अपनी लिव-इन पार्टनर सरस्वती वैद्य की हत्या करके, उसके शव के टुकड़े ही नहीं किए, बल्कि शव के टुकड़ों को प्रेशर कुकर में उबाल डाला। वहीं, एक अन्य जगह लिव-इन पार्टनर द्वारा शादी से मना करने के बाद प्रेमिका ने आत्महत्या कर लिया। ऐसी एक-दो नहीं बल्कि अनगिनत घटनाएं हैं जिन्हें आप और हम चाय की चुस्की लेते हुए सरसरी नज़र से पढ़कर एक किनारे कर देते हैं। यहां तक कि हम ऐसी मौतों पर दुख भी नहीं जताते। मैंने कई बार अपने आस-पास लोगों को यह कहते हुए सुना है कि ऐसी चरित्रहीन लड़कियों के साथ ऐसा ही होता है। जबकि हम यह भूल जाते हैं की जिस तरह से भारत में लिव-इन-रिलेशनशिप का चलन बढ़ रहा है, कल को इसी परिस्थिति में हमारे घर के बेटे या बेटियाँ भी हो सकते हैं।

याद हो कि जब दिल्ली के नजफगढ़ में ही 22 वर्षीय निक्की यादव की हत्या ने देश को झकझोर कर रख दिया था। दिल्ली पुलिस ने नजफगढ़ के मित्राओं गांव के बाहरी इलाके में एक ढाबे में अपनी 22 वर्षीय लिव-इन पार्टनर की हत्या करने और उसके शव को फ्रिज में रखने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। सूत्रों के अनुसार, मृतका की पहचान निक्की यादव के रूप में हुई है, जिसे उसके प्रेमी साहिल गहलोत (24) ने कश्मीरी गेट आईएसबीटी के पास 9 और 10 फरवरी की दरमियानी रात को गला घोंटकर मार डाला था। आरोपी ने कथित तौर पर अपने मोबाइल के डेटा केबल का इस्तेमाल किया था। महिला का गला घोंटने के लिए उसकी कार में। बाद में उसी दिन उसने दूसरी महिला से शादी कर ली।

साहिल की कहानी आफताब पूनावाला से मिलती-जुलती है, जिसने पिछले साल मई में गुस्से में श्रद्धा वाकर की गला दबाकर हत्या कर दी थी। पूनावाला ने महरौली के एक जंगल में शरीर के अंगों का निपटान करने से पहले वाकर के शरीर को 35 टुकड़ों में तोड़ दिया और उन्हें 300 लीटर रेफ्रिजरेटर में जमा कर दिया।

बताया जाता है निक्की ने तो 10 फरवरी की सुबह गोवा जाने के लिए रेल की टिकट भी बुक करा रखी थी यानी जिस दिन साहिल की शादी थी उसी दिन दोनों गोवा जाने वाले थे लेकिन ठीक एक दिन पहले निक्की को साहिल की सगाई होने की खबर मिली। इस पर निक्की ने साहिल को उत्तम नगर में उस घर में बुलाया और सगाई के बारे में पूछा। इस पर साहिल ने कहा कि ना तो उसकी सगाई हुई है और ना ही 10 फरवरी को उसकी शादी है। निक्की को अपनी बात का यकीन दिलाने के लिए साहिल पहले उसे निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन लाया। निक्की अपने सामान के साथ गई लेकिन साहिल कोई सामान नहीं ले गया। वहां पहुंचकर साहिल ने बताया कि उसकी टिकट कन्फर्म नहीं हुई है इसलिए उसने निक्की से हिमाचल जाने की बात कही।

इसके बाद दोनों निजामुद्दीन से कश्मीरी गेट बस अड्डे आए। जिस कार में ये दोनों लोग थे वो साहिल के भाई की थी। इस दौरान भी दोनों के बीच सगाई और शादी को लेकर झगड़ा बढ़ गया। साहिल ने कार में ही डेटा केबल से निक्की का गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस को शक है कि साहिल ने निक्की को बहलाने के लिए गोवा जाने का प्लान बनाया था क्योंकि साहिल को मालूम था कि अगले दिन उसकी शादी है इसलिए पुलिस को लगता है कि साहिल मर्डर का प्लान बनाकर ही निक्की को कार में ले गया था।

आखिर ऐसी नौबत कैसे आई कि करीब पांच साल तक एक साथ लिव-इन में रहने वाले साहिल को अपनी मंगनी वाले दिन मर्डर करना पड़ा। दरअसल, हुआ ये कि निक्की के घरवालों को तो अपनी बेटी के अफेयर के बारे में, उसके लिव इन में रहने का पता नहीं था। सिर्फ निक्की की बहन जानती थी लेकिन उसने भी घरवालों को नहीं बताया था। वहीं, साहिल के घर वाले इस रिश्ते के बारे में जानते थे और उन्हें ये सख्त नापसंद था। आखिरकार घरवालों की मर्जी के सामने साहिल ने हथियार डाल दिए और वो शादी के लिए तैयार हो गया।

एक वक्त था जब लिव-इन रिलेशन को वेस्टर्न कल्चर यानी पाशचात्य संस्कृति का हिस्सा माना जाता था और भारत में इस तरह के ना के बराबर रिश्ते ही नज़र आते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों में यहां भी लिव-इन रिलेशिप तेजी से बढ़े हैं। खासकर शहरों में युवाओं के बीच बिना शादी के एक साथ रहना बढ़ता जा रहा है। ऐसे रिश्ते में लोग रूम शेयर करते हैं, बेड शेयर करते हैं। प्यार मोहब्बत भी होती और सेक्स भी, लेकिन नहीं होता तो कमिटमेंट और यही वजह है कि ऐसे रिश्तों में बढ़ रहा है क्राइम। लिव-इन रिलेशन में सामने आ रही हैं मर्डर की घटनाएं। पिछले करीब एक दो महीनों में ही देश में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां लिव इन पार्टनर ने लड़की की जान लि हैं ।

दिल्ली के रोहिणी में संजय नाम के एक शख्स पर अपनी लिव-इन पार्टनर के कत्ल के आरोप लगे हैं। संजय और पूनम पिछले एक महीने से साथ में रह रहे थे। दरअसल आगरा की रहने वाली पूनम शादीशुदा थी, लेकिन बावजूद इसके उसका संजय के साथ अफेयर चल रहा था। पूनम के पति और परिवारवालों को इस बात की जानकारी थी। एक महीने पहले वो संजय के साथ रहने के लिए उसके फ्लैट में आ गई। दोनों साथ रहने लगे, लेकिन तीन दिन पहले फ्लैट में पूनम की लाश मिली। संजय फरार हो चुका था। मकान मालिक की शिकायत पर पुलिस ने जब दरवाजा खोला तो अंदर पूनम का शव पड़ा था। सिर्फ एक महीने में ही संजय ने अपनी लिव-इन पार्टनर की जान ले ली। दिसंबर महीने में ही दिल्ली के तिलक नगर में भी लिव-इन पार्टनर की हत्या का मामला सामने आया था। मनप्रीत नाम का एक शख्स 35 साल की रेखा के साथ उसके फ्लैट में रह रहा था। रेखा की 16 साल की एक बेटी भी थी। एक दिसंबर के दिन रेखा की बेटी अपने कजिन के घर गई थी। वो अपनी मां को फोन लगा रही थी, लेकिन मां ने फोन नहीं उठाया। वो घर गई तो घर में ताला बंद था। इसके बाद उसने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने ताला तोड़ा तो अंदर रेखा की लाश पड़ी थी। रेखा को बड़ी ही बेरहमी से मारा गया था। चाकू से उसके चेहरे पर वार किए गए थे और उसकी उंगलियों को भी काट दिया गया था। मनप्रीत और रेखा 7 सालों से लिव-इन रिलेशन में थे। पिछले कुछ समय से दोनों के बीच अक्सर झगड़े होते थे। रेखा मनप्रीत को उसे उसके परिवार से मिलाने की जिद करती थी और मनप्रीत किसी झंझट में नहीं फंसना चाहता था। आखिरकार रेखा से छुटकारा पाने के लिए उसने उसे मौत दे दी।

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के खोड़ा इलाके में रमन नाम के एक शख्स पर अपनी लिव-इन पार्टनर की हत्या के आरोप लगे हैं। रमन और दिव्या कई सालों से साथ रहे रहे थे और दोनों की एक बेटी भी है, लेकिन रमन ने इस बीच एक दूसरी लड़की से शादी कर ली। किसी और से शादी के बावजूद वो दिव्या के साथ रहता रहा। दिव्या ने जब रमन पर शादी का दवाब बनाया तो उसने उससे छुटकारा पाने का प्लान बना डाला। मई में वो दिव्या को घुमाने के बहाने शिमला ले गया और सुनसान रास्ते में उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। रमन ने शव को जंगल में फेंक दिया और वापस अपने घर आ गया। इस घटना के बाद उसने पुलिस स्टेशन जाकर लड़की के गायब होने की खबर पुलिस को दी। दिव्या के कत्ल के बाद वो आराम से अपने घर में रहता रहा। करीब 6 महीने बाद जब दिव्या के परिवारवालों ने उसके लापता होने की खबर लिखवाई तब जाकर सच सामने आया।

पिछले चंद दिनों में ही लिव-इन पार्टनर की हत्या के ये दिल दहलाने वाले मामले सामने आए। ज्यादातर केस में यही देखा गया कि जब भी लड़की ने अपने पार्टनर पर शादी या कमिटमेंट का दवाब बनाया तो दूसरे पार्टनर को वो रिश्ता भारी लगने लगा और सामने मर्डर जैसी खौफनाक वारदातें। दरअसल लिव-इन रिलेशिप को लोग मौज मस्ती का एक जरिया मान रहे हैं जिसमें कोई दवाब या कमिटमेंट को नहीं चाहते। इस तरह के रिश्तों को लोग अपने परिवारवालों के सामने भी बताने से परहेज करते हैं।

कुछ बुध्हिजिवी इसे समाज का कोड़ मानने लगे हैं । अपनी कुछ राय बनाने के पहले यह जानना जरुरी है कि आखिर यह लिव-इन रिलेनशिप है क्या बला। इसको बेशक समाज में आज भी इज्जत की नजर से ना देखा जाता हो, लेकिन कानून की नजर में इसमें कुछ भी गलत नहीं है। हालांकि लिव-इन रिलेशन को लेकर कोई लिखित कानून हमारे देश में नहीं है, लेकिन कानून मौलिक अधिकार के तहत ही किसी भी दो व्यस्क को साथ रहने का अधिकार देता है इसलिए लिव-इन रिलेशनशिप को कानून की नज़र में गलत नहीं ठहराया जा सकता। हालांकि लिव-इन रिलेशन में महिला को वो अधिकार नहीं मिलते जो एक पत्नी को होते हैं। महिला अपने पार्टनर की प्रॉपर्टी की हकदार नहीं मानी जा सकती।

बताया जाता है कि यदि लिव-इन रिलेशनशिप से अगर बच्चा होता है तो उसे जायज माना जाएगा। कानून उसे वो सारे हक मिलेंगे जो शादीशुदा कपल के बच्चों को मिलते हैं’। बच्चे का अपने पिता की प्रॉपर्टी पर भी उतना ही हक होगा जितना दूसरे बच्चों का ।

लिव-इन रिलेशिप को लेकर बेशक भारत में कोई लिखित कानून न बना हो, लेकिन इस तरह के रिलेशन में अगर हिंसा का मामला सामने आता है तो उसके खिलाफ महिला अपनी शिकायत दर्ज करवा सकती है। प्रोटेक्शन ऑफ वूमन फ्रॉम डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट 2005 की धारा 2F में जो बातें शामिल हैं वो सारी बातें लिव-इन रिलेशिप पर भी लागू होती हैं। यानी अगर कोई महिला अपने लिव-इन पार्टनर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाती है तो उसे कानून सही माना जाएगा। शायद इसी कारण महिलाओं का अपने हक को मांगने का अधिकार के कारण पुरुष प्रेमी डर जाते है व वह अपने पार्टनर की हत्या कर देता है पर वो नहीं जानता कि ऐसे मामले ज्यादा दिन नहीं छुपते जैसे श्रद्धा हत्याकांड में हुआ था । हत्या के 6 महीने बाद भी हत्यारा पकड़ा गया था ।

अशोक भाटिया, वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार ,लेखक, समीक्षक एवं टिप्पणीकार