रविवार दिल्ली नेटवर्क
चंडीगढ़ : राज्य भर में गेहूँ की आवक में आई भारी गिरावट के बाद ख़ाद्य, सिविल सप्लाई और उपभोक्ता मामले के विभाग ने राज्य भर की मंडियों में गेहूँ की खरीद मुकम्मल करने का फ़ैसला किया है।
इस सम्बन्धी पत्रकारों के साथ जानकारी सांझा करते हुये ख़ाद्य, सिविल सप्लाई और उपभोक्ता मामले के मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने कहा कि राज्य में मंडियों को 5 मई से चरणबद्ध ढंग से बंद करने की शुरुआत की जायेगी। इस सम्बन्धी नोटिफिकेशन मंडी बोर्ड की तरफ से जारी की जायेगी।
मंत्री ने राज्य में गेहूँ की खरीद संबंधी महीना भर चली कवायद में शामिल किसानों, आढ़तियों, मंडी में काम करने वाले कामगारों, ट्रांसपोर्टरों और सरकारी अधिकारियों का धन्यवाद किया। उन्होंने खरीद की रफ़्तार और किसानों के बैंक खातों में न्यूनतम समर्थन मूल्य के बकाए तेज़ी से डालने पर तसल्ली अभिव्यक्त की। उन्होंने कहा कि ऐसा खऱाब मौसम के कारण पैदा हुई चुनौतियों के बावजूद हुआ है, जिस कारण राज्य के बहुत से हिस्सों में अनाज सिकुड़ गया था।
उन्होंने कहा कि सांसारिक स्तर पर गेहूँ की कीमतों में वृद्धि के बाद, ज़्यादातर राज्यों में गेहूँ की सरकारी खरीद में भारी गिरावट देखी गई, परन्तु एक बार फिर पंजाब ने केंद्रीय पुल में सबसे अधिक गेहूँ का योगदान डालने में देश का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि राज्य ने अब तक 93 लाख टन से अधिक गेहूँ की खरीद कर ली है।
सिकुड़े हुये दानों सम्बन्धी नियमों में ढील देने में देरी पर पूछे सवाल पर उन्होंने कहा कि भारत सरकार के ख़ाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने मंडियों में से नमूने लेने के लिए अधिकारियों का दूसरा समूह भेजने का फ़ैसला किया है जिससे दानों के सिकुडऩ की समस्या का गहराई से पता लगाया जा सके। उन्होंने भारत सरकार के दौरे पर आए अधिकारियों को राज्य सरकार की तरफ से पूर्ण सहयोग का भरोसा दिया।