राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात को लेकर कई कयास

There is a lot of speculation about Rajasthan Chief Minister Bhajanlal Sharma's meeting with Prime Minister Narendra Modi

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

राजस्थान की राजनीति और प्रशासनिक गतिविधियों में हाल के दिनों में एक नई ऊर्जा देखने को मिल रही है। इसका बड़ा उदाहरण मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाल ही में हुई मुलाकात है।प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्री की पिछले तीन महीनों में यह तीसरी मुलाकात थी। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि एक घंटे से अधिक समय तक चली यह भेंट केवल शिष्टाचार भेंट भर नहीं थी, बल्कि आने वाले महीनों में इसके राजनीतिक प्रभाव दिखेंगे। साथ ही यह मुलाकात राजस्थान की विकास योजनाओं, निवेश प्रस्तावों और प्रशासनिक फेरबदल की दिशा तय करने वाली साबित हो सकती है।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 27 अक्टूबर को नई दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री आवास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से इसे एक शिष्टाचार भेंट बताया गया। परंतु इस मुलाकात के पीछे कई गहन विषयों पर मंथन हुआ, जो राज्य की आगामी नीतियों और राजनीतिक समीकरणों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

सबसे अधिक कयास राज्य मंत्रिमंडल के संभावित पुनर्गठन को लेकर लगाए जा रहें है। भजन लाल सरकार के आगामी दिसम्बर में दो साल पूरे होने वाले है। मंत्रिपरिषद में अभी कुछ सीटें खाली है। साथ ही कुछ मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड कसौटी पर है। इधर नवंबर में राज्य के बारां जिले की अंता विधानसभा का उप चुनाव हो रहे है। दिसम्बर में ही भजनलाल सरकार रिसरजेंट राजस्थान और प्रथम प्रवासी राजस्थानी दिवस का आयोजन करने जा रही है। होली से पहले या बाद में स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव भी कराए जाने है । ऐसे में नहीं लगता कि तत्काल ही प्रदेश की राजनीति में कुछ होने जा रहा है। हां कुछ राजनीतिक नियुक्तियां की जा सकती है। राज्य के कई निगम और बोर्ड्स में ये नियुक्तियां होनी है।

इस बीच यह भी बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री शर्मा ने प्रधानमंत्री मोदी से हुई लंबी मुलाकात में अपनी सरकार और मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड उन्हें सौंपा । साथ ही राज्य सरकार द्वारा तैयार की गई “विकसित राजस्थान 2047” की रिपोर्ट भी दी। यह दस्तावेज़ केंद्र सरकार के “विकसित भारत @2047” मिशन से प्रेरित है। इसमें राजस्थान के समग्र विकास की रूपरेखा प्रस्तुत की गई है, जिसमें मुख्य रूप से पाँच प्रमुख क्षेत्र कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था , जल संसाधन पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना ईआरसीपी और शेखावाटी में यमुना जल,उद्योग और निवेश – पचपदरा पेट्रोकेमिकल प्रोजेक्ट, शिक्षा और स्वास्थ्य,ऊर्जा और पर्यावरण सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश बढ़ाना, जिससे राजस्थान “ग्रीन एनर्जी हब” बन सके।पर्यटन और संस्कृति “डेजर्ट टू डेस्टिनेशन” अभियान के तहत राजस्थान को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर और सशक्त रूप से स्थापित करना आदि विषयों को प्राथमिकता से शामिल किया गया।मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि राज्य सरकार ने इन क्षेत्रों में निवेशकों के लिए नियमों को सरल बनाया है और केंद्र के सहयोग से विशेष आर्थिक जोन (SEZ) विकसित करने की योजना पर कार्य चल रहा है।राजस्थान में बेरोजगारी को कम करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि केंद्र सरकार की “प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना” को और व्यापक रूप से लागू करने में मदद दी जाए। इसके साथ ही महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन देने हेतु “मुख्यमंत्री नारी शक्ति मिशन” को केंद्र की योजनाओं से जोड़ने का सुझाव रखा गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री की इन योजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि “राजस्थान जैसे विशाल और संसाधन-संपन्न राज्य को आत्मनिर्भर भारत के मार्गदर्शक मॉडल के रूप में स्थापित किया जा सकता है।”

मुलाकात के दौरान राजस्थान इन्वेस्ट समिट 2026 की रूपरेखा पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने बताया कि आगामी वर्ष में जयपुर और उदयपुर में बड़े स्तर पर निवेशक सम्मेलन आयोजित करने की योजना है, जिसमें देश-विदेश के प्रमुख औद्योगिक घराने शामिल होंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया कि वे इस समिट का उद्घाटन करें।साथ ही, खनिज और पेट्रोलियम सेक्टर में विदेशी निवेश के अवसरों पर भी विस्तृत चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने “खनिज नीति 2025” में पारदर्शिता और पर्यावरणीय संतुलन पर विशेष ध्यान दिया है। प्रधानमंत्री ने इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि केंद्र इन परियोजनाओं को राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा योजना से जोड़ने पर विचार करेगा।पचपदरा रिफाइनरी के 2025 के अंत तक उत्पादन शुरू करने के पर प्रधानमंत्री को आमंत्रित करने संबधी विषय पर भी चर्चा होना बताया जा रहा है ।इसके अलावा नीमच–बांसवाड़ा–दाहोद–नंदुरबार रेल परियोजना रेललाइन के अंतिम चरण के सर्वे और डी पी आर को शीघ्र स्वीकृति दिलाने की तथा जयपुर मेट्रो विस्तार परियोजना लिए केंद्र से वित्तीय सहायता पर भी चर्चा होना बताया जा रहा है।

दिल्ली दौरे के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल ने केन्द्रीय मंत्रियों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण,शिवराज सिंह चौहान आदि से भी मुलाकात की। मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे और प्रधानमंत्री से मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में सरगर्मियां बढ़ा दी है। यह चर्चा है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा शीघ्र ही मंत्रिमंडल विस्तार कर सकते हैं। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल किया जाएगा, जिससे शासन और संगठन दोनों में संतुलन बने। यह मुलाकात इस दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है कि राज्य और केंद्र के बीच तालमेल को और मजबूत किया जा सके। प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार राजस्थान के विकास में हर संभव सहयोग देगी, चाहे बात बुनियादी ढांचे की हो, रेलवे परियोजनाओं की या फिर जल संसाधन प्रबंधन की।

मुख्यमंत्री अपने दिल्ली दौरे को राजस्थान के लिए अच्छा बताया है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं भजन लाल शर्मा का यह दिल्ली दौरा राजनीतिक सामंजस्य और विकास दृष्टिकोण का एक संगम है। इससे राजस्थान की राजनीति में स्थिरता और विकास दोनों को नई दिशा मिलेगी। राज्य के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलने वाली साबित हो सकती है। चाहे बात निवेश की हो, रोजगार सृजन की या बुनियादी ढांचे के विकास की, दोनों नेताओं का साझा दृष्टिकोण यही है कि राजस्थान को “विकसित भारत” के अग्रणी राज्यों में शामिल किया जाए।

इस भेंट ने यह संकेत दिया है कि आने वाले समय में राजस्थान की राजनीति में विशेष कर मंत्रिपरिषद संभावित बदलावों के साथ ही तेज़ गति से विकास परियोजनाएँ लागू होंगी, प्रशासनिक निर्णयों में पारदर्शिता बढ़ेगी और जनता के जीवन में ठोस सुधार देखने को मिलेंगे।