रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का मुहुर्त निकालने वाले शास्त्री बनेंगे प्रस्तावक
अजय कुमार
प्रधानमंत्री और वाराणसी के सांसद नरेन्द्र मोदी 14 मई यानी कल तीसरी बार वाराणसी से नामांकन करेंगे।यहां से उनकी जीत लगभग तय मानी जा रही है,बस देखना यह होगा कि जीत का अंतर कितना बड़ा होता है।वाराणसी लोकसभा चुनाव की खास बात जहां प्रधानमंत्री मोदी की उम्मीदवारी है तो चर्चा इस बात की भी है कि पूरे देश में घूम-घूम कर मोदी को गाली देने वाले नेताओं की फौज में क्या कोई ऐसा नेता मौजूद नही हैं जो वाराणसी में आकर मोदी को चुनौती दे सके। यहां से इंडी गठबंधन की तरफ से अजय राय उम्मीदवार हैं।भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नामांकन के लिए चार प्रस्तावकों के नाम तय कर लिए हैं। इसमें सर्व प्रमुख नाम गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ का है। आचार्य गणेश्वर शास्त्री ने ही अयोध्या श्रीरामजन्मभूमि पर रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का मुहुर्त निकाला था। प्राण प्रतिष्ठा में मुख्य पुजारी भी थे। पार्टी सूत्रों के अनुसार इसके अलावा दूसरा प्रस्तावक माझी समाज से तो एक पद्म अलंकृत विभूति को भी शामिल किया गया है। इसमें पद्मश्री डा. राजेश्वर आचार्य के नाम की चर्चा है।इसके अलावा प्रस्तावकों में एक महिला भी होंगी। इस दृष्टि से पद्मश्री डा. सोमा घोष का नाम भी सूची में माना जा रहा है। वैसे पूर्व कुलपति और पद्मश्री डा. सरोज चूड़ामणि गोपाल का नाम भी प्रमुखता में है। मोदी का आज 13 मई को रोड शो का कार्यक्रम है।
बहरहाल, मोदी 2014 में काशी से पहली बार नामांकन करने आए तो मीडिया से बातचीत में उनके मन के भाव शब्द थे-‘न मुझे किसी ने भेजा है, न मैं यहां आया हूं, यह तो मां गंगा ने बुलाया है। एक बालक जैसे मां की गोद में आता है वैसी मैं अनुभूति कर रहा हूं।’ अप्रैल 2019 में दूसरी बार नामांकन करने वाराणसी आए तो गंगा तट पहुंचे और अपने भाव, संकल्प व सरोकार को लेकर दृढ़ता जताई। काशी के प्रबुद्धजनों को संबोधित करते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री की पारी की शुरुआत मैंने मां गंगा और बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से की थी। तब गंगा तट पर संकल्प लेते वक्त मन में था कि काशी की उम्मीदों पर खरा उतर भी पाऊंगा या नहीं। काशी और देश को लेकर देखे गए सपनों को पूरा कर लिया, यह दावा भले ही न कर पाऊं, लेकिन यह जरूर है कि उसकी दिशा और रफ्तार दुरुस्त है।’
हाल ही में उन्होंने मीडिया से बातचीत में 2014 के संकल्प का जिक्र करते हुए कहा कि आज 10 साल बाद भावुकता से कह सकता हूं कि ‘मां गंगा ने मुझे गोद लिया है’। दस साल बीत गए हैं काशी से इतना नाता जुड़ गया है कि अब काशी के लिए मेरी काशी ही शब्द आता है। मां-बेटे जैसा रिश्ता है काशी के साथ। तीसरी बार मोदी 14 मई को वैशाख शुक्ल सप्तमी तिथि में नामांकन करेंगे। शास्त्रीय मान्यता है कि इस तिथि में ही स्वर्गलोक में मां गंगा की उत्पत्ति हुई और वे भगवान शिव की जटाओं में आईं। तिथि विशेष पर नक्षत्रराज पुष्य, सर्वार्थ सिद्धि योग व रवि योग का अद्भुत संयोग भी है।