रविवार दिल्ली नेटवर्क
नई दिल्ली। हरियाणा की तरफ से यमुना में पानी नहीं छोड़े जाने से दिल्ली के कई इलाकों में जलापूर्ति प्रभावित हो सकती है। 1965 के बाद यमुना का पानी सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। वजीराबाद ताल में जलस्तर 666.8 फीट है जो 1965 के बाद सबसे कम है। यहां सामान्य जलस्तर 674.5 फीट रहता है। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने कहा कि उत्तर, पश्चिम, मध्य, दक्षिणी दिल्ली के साथ-साथ नई दिल्ली और दिल्ली छावनी के कई इलाकों में जलापूर्ति प्रभावित रहने की चेतावनी जारी की गई है। इस महीने की शुरुआत में, वजीराबाद में जल स्तर 674.5 फीट के सामान्य स्तर के मुकाबले 667.6 फीट नीचे चला गया।
अधिकारियों के अनुसार, कैरियर लाइन्ड कैनाल (सीएलसी) और दिल्ली सब ब्रांच (डीएसबी) के माध्यम से हरियाणा से कम पानी आ रहा है। वजीराबाद और चंद्रवाल डब्ल्यूटीपी पर संचालन प्रभावित हुआ है। स्थिति में सुधार होने तक पानी की आपूर्ति प्रभावित रहेगी। चंद्रावल और वजीराबाद की क्षमता क्रमश: 90 एमजीडी और 135 एमजीडी है। दिल्ली कैंट सहित पूर्वोत्तर दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, उत्तरी दिल्ली, मध्य दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली और एनडीएमसी क्षेत्रों में पानी का दबाव कम रहेगा। यदि हरियाणा पर्याप्त पानी को नहीं छोड़ता है तो दिल्ली में जल संकट गहरा सकता है।
डीजेबी ने एक बयान में कहा, डीएसबी, सीएलसी में पानी की कम प्राप्ति और वजीराबाद में यमुना नदी के तालाब के जलस्तर में 674.50 फीट के सामान्य स्तर के मुकाबले 666.80 फीट की कमी के कारण चंद्रावल और वजीराबाद जल शोधन संयंत्रों में जल उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। दिल्ली जल बोर्ड ने पूरी दिल्ली में जलापूर्ति को युक्तिसंगत बनाया है।
डीजेबी ने एक बयान में कहा, ‘गुरुवार और उसके बाद सुबह-शाम कम दबाव में पानी की आपूर्ति उपलब्ध रहेगी, जब तक कि हरियाणा द्वारा डीएसबी, सीएलसी और यमुना में पर्याप्त पानी नहीं छोड़ा जाता है।’ अधिकारियों के अनुसार जिन क्षेत्रों में कम दबाव में पानी उपलब्ध होगा उनमें सिविल लाइंस, हिंदू राव अस्पताल और उसके आसपास के क्षेत्र, कमला नगर, शक्ति नगर और उसके आसपास के क्षेत्र, करोल बाग, पहाड़ गंज और एनडीएमसी क्षेत्र, पुराना और नया राजेंद्र नगर, पटेल नगर (पूर्व और पश्चिम), बलजीत नगर, प्रेम नगर, इंद्रपुरी और इसके आसपास के क्षेत्र, कालकाजी, गोविंदपुरी, तुगलखाबाद, संगम विहार, अंबेडकर नगर, प्रह्लादपुर और इसके आसपास के क्षेत्र, रामलीला ग्राउंड, दिल्ली गेट, सुभाष पार्क, मॉडल टाउन, गुलाबी बाग, पंजाबी बाग, जहांगीरपुरी, मूलचंद, साउथ एक्सटेंशन, ग्रेटर कैलाश, बुराड़ी और इसके आसपास के इलाके, छावनी इलाकों के हिस्से और दक्षिणी दिल्ली शामिल हैं। दिल्ली के लोग लगभग दो महीने से पानी की कमी का सामना कर रहे हैं। पहली बार यह समस्या अप्रैल में सामने आई थी। बोर्ड ने इस महीने की शुरुआत में हरियाणा को एक और पत्र लिखा था, जिसमें हरियाणा से यमुना की सहायक नदी सोम से दिल्ली में और पानी छोड़ने का अनुरोध किया गया था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस महीने की शुरुआत में हरियाणा से मानवीय आधार पर यमुना में अतिरिक्त पानी छोड़ने का अनुरोध किया था।
शहर भर में मांग के अनुरूप पानी के टैंकर भी उपलब्ध रहेंगे। दिल्ली को रोजाना 380 मिलियन गैलन पानी की मांग-आपूर्ति के अंतर का सामना करना पड़ रहा है। यमुना से पानी की कम उपलब्धता के कारण राजधानी में पानी का मुख्य स्रोत का अंतर 465MGD तक बढ़ सकता है।