सोना तेरी इन आंँखों में…

There's gold in your eyes...

डॉ. वीरेंद्र प्रसाद

तेरा दिल खोल के हँसना
मेरा बंधन खोल रहा है
सोना तेरी इन आंँखों में
मेरा जीवन बोल रहा है।

बोले कोयल मंजर की बोली
बोले सूरज समझ ले तारे
गाते गीत मधुर प्रीत के
झरने नदियां चरण पखारे
मैं भी मोहित कमल नयन के
चांद सा मुखड़ा हर पल निहारे
सोना तेरी इन अधरों में
मेरा जीवन घोल रहा है।
सोना तेरी इन आंँखों में
मेरा जीवन बोल रहा है।

दीपक जलते, जलते है पतंगा
मन चकोरे आसमां निहारे
उठती है जब पीर की बदली
मन का पंछी उड़-उड़ कर हारे
जीवन के इन तुफानों में
मेरा मन बस तुम्हें पुकारे
सोना तेरे केश जाल में
मेरा जीवन डोल रहा है।
सोना तेरी इन आंँखों में

मेरा जीवन बोल रहा है।