सीता राम शर्मा ” चेतन “
हेलो राहुल जी, कांग्रेस, विपक्ष हम आपके साथ होना चाहते हैं ! हम मोदी सरकार के विरुद्ध भी जाना चाहते हैं ! हम सचमुच पूरी तरह निष्पक्ष होकर सिर्फ और सिर्फ एक सच्चे भारतीय नागरिक, निष्पक्ष मतदाता और अपने तथा देश की भलाई और विकास के लिए एक स्वच्छ, निष्पक्ष, राष्ट्रभक्त, पूर्ण ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ राजनेता, सरकार और राजनीतिक दल चाहते हैं ! आप सभी पूरी ईमानदारी से बताइएगा कि क्या आपमें से कोई हमारी और देश की इस इच्छा, आकांक्षा, महत्वाकांक्षा के अनुरूप हैं ? हो सकते हैं ? आप मत बताइए, पर हम सब जानते हैं कि आपमें से कोई भी नेता और दल आज ना इतना ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ और योग्य है और ना ही हो सकता है, जिसे मोदी सरकार की कुछ कमियों, कमजोरियों को देखते समझते हुए उसके विरुद्ध आपमें से किसी को भी राष्ट्रीय सत्ता सौंपने का जोखिम हम आम जनता ले सकें । अब एक सबसे महत्वपूर्ण बात आपलोगों से, जिसे सुनकर आपको आश्चर्य तो शायद ज्यादा नहीं होगा पर क्रोध अवश्य आएगा और वह बात यह है कि हम आम भारतीय नागरिकों को वर्तमान मोदी सरकार से जो एक सबसे बड़ी और मुख्य शिकायत थी, वह थी उसके द्वारा भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचारियों और राष्ट्र के विरुद्ध बोलने, काम करने वाले राष्ट्रघातियों के विरुद्ध अत्यंत कठोर कार्रवाई नहीं करना । सौभाग्य से बहुत देर से ही सही, अब जब वह यह अच्छा काम भी कर रही है और आप सभी इसलिए उसके विरुद्ध बौखलाए इकट्ठा होकर अपनी छाती पिटते रो और चिल्ला रहे हैं, तो भला आपके इस विलाप में हम आपके साथ आएं भी तो कैसे और क्यों ? दशकों से हम आम जनता और देश के हक, विकास और जरूरत का पैसा आप और आपके दल भ्रष्टाचार के माध्यम से लूट खसोट कर अपना विकास करते रहे हैं तो अब जबकि आपलोगों की बेईमानी और भ्रष्टाचार पर कार्रवाई हो रही है तो आपकी तकलीफ, आपकी बैचेनी, तिलमिलाहट या फिर आपका पापी रुदन और आक्रोश स्वाभाविक है, जिसे हम बखूबी समझ सकते हैं । पर साहब, सच मानिए, हमें आपका ये रुदन, क्रोध और आक्रोश बहुत अच्छा लग रहा है क्योंकि भ्रष्टाचार पर कार्रवाई से कराहते साहब लोग, आप याद कीजिए, हमने आपको हराकर और हटाकर 2014 में मोदी सरकार को सत्ता हर घर शौचालय बनवाने, हर जन का जनधन खाता खुलवाने, हर बेघर को अपना घर दिलवाने, देश के हर गांव शहर में स्वच्छता अभियान चलाने, हर गरीब महिला की रसोई में गैस चूल्हा जलवाने, हर घर में नल से पानी पिलवाने या फिर बिजली पहुंचाने के साथ कश्मीर से धारा 370 का कोढ़ मिटाने और नापाक पाकिस्तान को उसकी औकात बताने के लिए ही नहीं सौंपी थी, हमने तो सत्ता इसलिए भी सौंपी थी कि देश के सबसे बड़े कोढ़, भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को मिटाने के लिए मोदी सरकार कुछ करे । क्योंकि तब हम जान चुके थे कि यदि भ्रष्टाचार और सत्ता शासन के आप जैसे भ्रष्टाचारी नहीं होते तो अपने विकास के बहुत सारे काम तो हम खुद-ब-खुद कब के कर लिए होते । नहीं कर सके तो उसके जिम्मेवार आपके जैसे नेता और आपके दल थे । आपमें से ही कई लोग थे । आप लोगों का भ्रष्टाचार था । आपकी कर्तव्यहीनता थी । दशकों तक आपके द्वारा लगाए जाने वाले गरीबी हटाओ के झूठे और पाखंडी नारे थे । साहब लोग, हम जानते हैं कि हमारी ये बातें और हमारे ऐसे सवाल आपको चुभते होंगे, पर जनाब सच मानिए अब ऐसे सवाल तो हम सदैव पूछेंगे आप लोगों से, इसलिए आपको इनकी आदत डाल लेनी चाहिए । बिना समय गंवाए हमारे ऐसे सवालों के जवाब भी ढूंढने चाहिए आप लोगों को, क्योंकि ऐसे हीं नहीं, इनसे भी कहीं अधिक तीखे और जरुरी सवाल तो अब आपसे देश की जांच एजेंसियां भी पूछेंगी । हां, यदि आपमें से कोई भ्रष्टाचारियों की जमात का हिस्सा नहीं रहे हैं, आपने देश, देश की जनता और अपने पद के साथ विश्वासघात और भ्रष्टाचार नहीं किया है तो सच मानिए, आपको कोई तकलीफ नहीं होगी । इसलिए छोड़िए भ्रष्टाचारियों को अपने हाल पर, वे चाहे आपके सर्वोच्च नेता और नेतृत्व हों या फिर संगी साथी, उनका साथ छोड़िए । उनके पापी सत्याग्रह, आंदोलन, धरना-प्रदर्शन का हिस्सा तो कदापि मत बनिए । यह सर्वमान्य और सर्वव्यापी सत्य है कि हर दल में कुछ ईमानदार लोग भी हैं । यदि आप उनमें से हैं तो समय रहते अपनी नीति, मति, राह और गति बदलिए । जनता का साथ दीजिए । खैर, फिलहाल तो बात मुख्य रुप से भ्रष्टाचारी नेता और दलों से, खासकर राहुल, कांग्रेस और विपक्षी दलों से, तो राहुल जी और अचानक इनके प्रिय संगी साथी बने तमाम बहुदलीय नेतागण, आपसे आम जनता यह पूछना चाहती है कि आप सबको देश की सरकार पर भरोसा क्यों नहीं है ? मीडिया पर भरोसा क्यों नही है ? जांच एजेंसियों पर भरोसा क्यों नहीं है ? और तो और न्यायालय पर भी भरोसा क्यों नहीं है ? यदि सब बिकी हुई है तो कृप्या बताइए कि भरोसा किस पर है ? देश किस पर भरोसा करे ? क्या आप जैसे नेताओं और दलों पर भरोसा करें, जो आए दिन हम करोड़ों आम जनता के बहुमत द्वारा चुनी हुई देश की सरकार पर सवाल उठाते हैं, जो सवाल उठाते हैं देश की सेना, देश के लोकतांत्र, देश की वैधानिक और न्यायिक संस्थाओं पर ? और साथ देते हैं देश के दुश्मनों का, अपराधियों का, भ्रष्टाचारियों का, शत्रु राष्ट्रों का ! अरे कमाल है जनाब ! ये कौन से लोकतंत्र, मानवाधिकार और अभिव्यक्ति की आजादी की बात करते हैं आपलोग, जिसमें आपलोग देश के सर्वोच्च नेतृत्व के साथ उनकी जाति के करोड़ों लोगों के लिए अपमानजनक शब्दों का उपयोग करें और वह मौन रहकर अपमानित होते रहें ! नहीं, बिल्कुल नहीं देंगे आपको ऐसी आजादी, क्योंकि आपलोग मानें या ना मानें, देश में लोकतंत्र है । संविधान है । नियम कानून है । इसलिए साहब, पुराने पापी कर्म और राजशाही, खानदानी भ्रम को छोड़िए और याद रखिए आपलोगों का ये रोना, बिलखना, चीत्कारना और डर कर, घबरा कर, बौखला कर, छटपटा कर एकजुट होना हम आम जनता को इस बात का बिल्कुल साफ-साफ और एकमात्र स्पष्ट संदेश यह दे रहा है कि आप, आपके दल और संगी साथी आज सिर्फ और सिर्फ इसलिए घबराए, बौखलाए एकजुट हो रहे हैं और बिलबिलाते चिल्ला रहे हैं क्योंकि आपको पता है कि अब ना तो देश की सरकार, जांच एजेंसियों और न्याय व्यवस्था पर आपका कोई जोर चलेगा और ना ही बहुत आसानी से आपकी ये जमात आम जनता को अपने झूठ और रुदन से बेवकूफ बना पाएगी । जनता बखूबी जानती है कि आपका ये प्रलाप आपके पाप के परिणाम भुगतने की उस विवशता का नतीजा है, जिसकी आपने कभी कल्पना ही नहीं की थी । तो साहब, सच मानिए और खूब चीखिए चिल्लाइए, सफेद वस्त्रों में छिपे अपने भ्रष्टाचार की कालिख से पूते वास्तविक काले चेहरे की तरह काले वस्त्र भी पहनिए, भ्रष्टाचार के अवैध और अनैतिक धन से भीड़ जुटाइए, कल तक एक-दूसरे के विरोध में दहाड़ने वाले आपलोग आज एकजुट भी हो जाइए, हम आम जनता पर और देश पर आपके इस विधवा विलाप और पाखंड का कोई असर नहीं होने वाला । हम जानते हैं अभी आप लोगों की स्थिति चोर-चोर मौसेरे भाई वाली है । हां, एक अंतिम बात और हिदायत याद जरूर रखिएगा, भ्रष्टाचार के विरुद्ध जारी इस लड़ाई में आपके लाख पाखंड और हर षड्यंत्र के बाद भी हर भारतीय केंद्र सरकार के साथ है और आगे भी रहेगा ।