- मैं हमेशा ही दबाव में बेहतर प्रदर्शन करना चाहता हूं
- हमारे गेंदबाजों इस पूरे साल बेहतरीन गेंदबाजी की
- ऋषभ की पारी को कप्तान रोहित, पांडया व बटलर ने सराहा
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : विस्फोटक विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने मैच के मिजाज मुताबिक गियर बदल नॉटआउट 125 रन की बेहतरीन पारी खेल भारत को इंग्लैंड के खिलाफ रविवार को मैनचेस्टर में तीसरा और अंतिम वन डे क्रिकेट मैच पांच विकेट से जिता सीरीज भी 2-1 से उसके नाम कर दी। ऋषभ पंत अपनी इस पारी खुद तो भी जिंदगी भर याद रखेंगे कि मैदान पर मौजूद खिलाड़ी और हर क्रिकेट प्रेमी भी याद रखेगा। जब ऋषभ बल्लेबाजी के लिए उतरे भारत ने दो विकेट 25 रन पर खो दिए थे । शीर्ष क्रम के लडख़ड़ाने के बाद शुरू में खुद पर काबू रखने के बाद पारी के 42 वें और इंग्लैंड के डेविड विली के सातवें ओवर की शुरू की पांच गेंदों पर लगातार पांच चौके जडऩे के बाद जो रूट के अगले ओवर की पहली ही गेंद को रिवर्स स्वीप कर चौका जड़ भारत को 47 गेेंदों और पांच विकेट के बाकी रहते जीत दिला दी। ऋषभ की इस पारी को उनके साथ छठे विकेट के लिए 133 रन की भागीदारी करने वाले हार्दिक पांडया,भारत के कप्तान रोहित शर्मा व इंग्लैंड टीम के कप्तान जोस बटलर सहित हर किसी ने दिल खोल कर सराहा। हार्दिक पांडया(71रन, 55 गेंद, दस चौैके ) 36 वें ओवर में आउट हो गए और तब भारत को जीत के लिए 55 रन की ओर दरकार थी। जब 43 वें ओवर की पहली गेंद पर पंत ने रूट की गेंद पर रिवर्स स्वीप कर चौका जड़ भारत को जिताया तो ड्रेसिंग रूप से खुद कप्तान रोहित शर्मा ने उनका अभिवादन किया।
113 गेंद खेल कर दो छक्के और 16 चौकों की मदद से भारत को मैच जिताने वाली पारी के बाद मैन ऑफ द मैच घोषित किए जाने बाद ऋषभ पंत ने कहा, ‘उम्मीद है मैं भारत के लिए अपनी इस पहली वन डे सेंचुरी को जिंदगी भर याद रखूंगा। मैदान पर खेलते वक्त मेरा ध्यान एक समय केवल एक गेंद खेलने पर था। जब आपकी टीम दबाव में होती है तब आपको जरूरत इसी तरह बल्लेबाजी करनी की होती है। मुझे इंग्लैंड के खिलाफ खेलना पसंद है। मैं इंग्लैंड के खिलाफ इसका लुत्फ उठाने के लिए जो कुछ भी मुमकिन होता है करता हूं। फिर चहे यह आखिर में जीत के लिए रनों के लक्ष्य को दनादन अंदाज में हासिल करना ही क्यों न हो। मैं हमेशा ही दबाव में बेहतर प्रदर्शन करना चाहता हूं। मेरा मानना है कि रविवार को मैंने ऐसा कर अपनी टीम को मंजिल तक पहुंचाया। आज जितना ज्यादा क्रिकेट खेलते हैं उतना ही अनुभव हासिल करते हैं। यह बल्लेबाजी के लिए अच्छी पिच थी । मैं अपनी भारतीय टीम के गेंदबाजों की तारीफ करुंगा कि उन्होंने इंग्लैंड को 259 तक ही सीमित रखा। हमारे गेंदबाजों ने रविवार को तीसरे और आखिरी अंतिम वन डे ही नहीं बल्कि पूरी सीरीज में बेहतरीन गेंदबाजी की। सच तो यह है कि हमारे गेंदबाजों ने केवल इस वन डे सीरीज में ही नहीं बल्कि पूरे साल गजब की गेंदबाजी की। मैं हमेशा ही दबाव में बेहतर प्रदर्शन करना चाहता हूं। मेरा मानना है कि रविवार को मैंने ऐसा कर अपनी टीम को मंजिल तक पहुंचाया।’
पंत रंग में होते तो उन्हें बल्लेबाजी करते देखना बहुत सुखद होता है : हार्दिक
तीन वन डे मैचों की सीरीज में 100 रन बनाने के साथ छह विकेट लेकर मैन ऑफ द सीरीज रहे हार्दिक पांडया ने कहा, ‘ ऋषभ ने स्थिति की नजाकत और भागीदारी की जरूरत को समझ कर अपनी पारी को बहुत ही चतुराई से आगे बढ़ाया। हमारे लिए उनके साथ मेरी भागीदारी जरूरी थी। सबसे अच्छी बात यह रही कि ऋषभ ने जिस शानदार ढंग से भारत को लक्ष्य के पार पहुंचा जीत दिलाई वह वाकई काबिलेतारीफ था। हम सभी जानते हैं कि ऋषभ पंत बेहद प्रतिभशाली क्रिकेटर है। जब ऋषभ पंत रंग में होते तो उन्हें बल्लेबाजी करते देखना बहुत सुखद होता है। उनके क्रीज पर उतरते ही आपके दिल की धड़कन बढ़ जाती हैं और वह जिस तरह के शॉट खेलते हैं उससे आप हैरान रह जाते हैं।
मुझे सफेद गेंद से खेलना बहुत भाता है। हम सभी जानते हैं कि इंग्लैड को इंग्लैंड में हराना बहुत मुश्किल है। हमारे लिए विश्व कप से पहले इंग्लैंड के खिलाफ अपनी योजनाओं को आजमाना अहम था। हमारे यह दिखाने का मौका था कि हममें कितना दम है। मेरे लिए गेंद संभालते ही इंग्लैंड के रनों के प्रवाह को रोकना अहम था। मैं बराबर ज्यादा से ज्यादा ऐसी गेंदें फेंकना चाहता था जिन पर रन न बने । हमने इंग्लैंड के दो विकेट जल्द निकाल दिए लेकिन वे फिर भी बढिय़ा ढंग से आगे बढ़ रहे थे। मुझे शॉर्ट गेंदें करना पसंद है। मुझे यह कतई पसंद नहीं कि लोग मेरी गेंदोंं को उड़ाए और यही चुनौती मुझे खेल में बनाए रखती है। जब तक मैं विकेट ले रहा हूं तब मेरी गेंद पर छक्का पड़ जाए तो कोई फर्क नहीं पड़ता।
पंत को मौका देंगे तो उसकी कीमत तो चुकानी ही पड़ेगी : बटलर
इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने कहा, ‘हमने रविवार को कम रन बनाए। गेंदबाजी से जरूरत के मुताबिक हमारा आगाज अच्छा रहा। हमने मौके बनाए लेकिन दो खिलाडिय़ों( ऋषभ पंत और हार्दिक पांडया) हमारे हाथ से मैच छीन लिया। ऋषभ पंत बेखौफ खिलाड़ी है और उन्हें हर फॉर्मेट में बल्लेबाजी करते देखना बहुत बढिय़ा लगता हे। ऋषभ की सोच ही उन्हें बाकी सबसे अलग करती है। हम यदि मौकों को भुनाते तो हम मैच पर अच्छी पकड़ बना सकते थे क्योंकि निचले क्रम में भारत के पास बहुत मजबूत बल्लेबाजी नहीं है। हमने जितना स्कोर बनाया उसके मद्देनजर जीत के लिए जरूरत हमें सभी मौकों को भुनाने की थी।जहां तक पंत को मोइन अली की स्टंप से चूकने की बात है तो मैं यह कहूंगा जब आप ऋषभ पंत को मौका देंगे तो उसकी कीमत तो चुकानी ही पड़ेगी। हमने जितने रन बनााए उसे देखते हुए जीत ेक लिए हमें हर मौके को भुनाने की जरूरत थी। हम अपनी बल्लेबाजी को लेकर चिंतित नहीं है। हमने टी-20 और वन डें पूरी गर्मियों बढिय़ा बल्लबाजी की है। हम क्रीज पर ज्यादा वक्त बितान की जरूरत थी। रीस टॉपले ने मिले मौकों को खूब भुनाया।