गोपेन्द्र नाथ भट्ट
18 वीं लोकसभा की 543 सीटों के लिए शनिवार को सातवें चरण में 57 लोकसभा सीटों का मतदान खत्म होने के साथ ही शनिवार को विश्व के सबसे बड़े लोकतन्त्र भारत में चुनाव का महापर्व सम्पन्न हो गया। 19 मई से शुरू हुआ यह महापर्व यानी लोकसभा आम चुनाव के लिए मतदान का कार्य 1 जून को सात चरणों में पूरा हुआ है। इस लंबी अवधि के दौरान मौसम का अपना मिजाज रहा और दक्षिण एवं पूर्वी भारत में तूफान और मानसून का आगमन और शेष भारत में भीषण गर्मी से लोग त्रस्त भी रहें।
आम चुनाव के मतदान का काम संपन्न होते ही शनिवार को शाम 6 बजे के बाद से ही एग्जिट पोल की बाढ़ सी आ गई और अधिकांश एग्जिट पोल के रुझान यह दर्शा रहे है कि लोकसभा चुनाव के चार जून को आने वाले आधिकारिक चुनाव परिणाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने और देश के प्रथम प्रधानमन्त्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की बराबरी करने का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। तमाम कयासों के बावजूद भारतीय जनता पार्टी और एनडीए को उत्तर से दक्षिण भारत तथा पूर्व से पश्चिम भारत तक अपेक्षित सफलता मिल रही है और विशेष रूप से दक्षिण का द्वार भी खुल रहा है।
चुनाव अभियान की थकान भरी व्यस्तताओं के बाद जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ध्यान साधना के लिए देश के अंतिम छोर पर भारत माता का चरण वंदन कर रहे तीन समुद्रों के संगम स्थल सुप्रसिद्ध कन्याकुमारी के स्वामी विवेकानंद की स्टेच्यू पर भगवा चोला पहने ध्यान साधना के लिए गए थे तो वे भाजपा एवं एनडीए की जीत के प्रति आश्वस्त दिखाई दे रहे थे। यह एक संयोग ही है कि प्रधानमन्त्री मोदी का परिवेश पगड़ी को छोड़ कर स्वामी विवेकानंद जैसा ही था। यह भी संयोग ही है कि स्वामी विवेकानंद का वास्तविक नाम भी नरेन्द्र नाथ दत्त था। उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था। स्वामी विवेकानंद ने युवाओं के लिए कहा था ”उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाए”। वे युवाओं में आशा और उम्मीद देखते थे। उनके लिए युवा पीढ़ी परिवर्तन की अग्रदूत है। एग्जिट पोल के परिणामों को सही माना जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता अब अपने चरम सीमा पर पहुंच गई है और दलगत राजनीति से ऊपर देश में मोदी राजनीति के एक ब्रांड एंबेसडर की तरह उभर कर सामने आए है। गुजरात के बड़नगर से चाय बेचते हुए राजनीति में आया यह बिरले व्यक्तित्व का धनी नेता आज अपनी अपार लोकप्रियता के साथ किसी समय अत्यन्त लोकप्रिय रहें पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी से भी अधिक ऊंचाई की छलांग लगाने जा रहा है। एग्जिट पोल के परिणाम और रुझान यदि परिणामों में तब्दील होते है तो यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि भाजपा मोदी के नेतृत्व में अबकी बार 400 पार के दावे को हकीकत में बदल ऐतिहासिक विजय की ओर अग्रसर हो रही है। मोदी तीन बार मुख्यमंत्री और तीन बार प्रधानमंत्री का एक नया रिकार्ड एवं इतिहास भी बनाने जा रहे है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके चाणक्य केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लगता है इस बार पहली बार राजनीति का यह मिथक तोड़ा है कि भाजपा केवल हिंदी भाषी प्रदेशों खास कर उत्तर भारत की पार्टी है। एग्जिट पोल के परिणाम यदि हकीकत में बदलते है तो लगता है इस बार भारत का नक्शा भगवामय हो रहा है और भाजपा का यह अश्वमेघ विजय अभियान इस बार रुकने वाला नही लगता।
हां ! भारतीय जनता पार्टी को राजस्थान और हरियाणा,बिहार के अलावा कुछ अन्य प्रदेशों में पिछले चुनावों के मुकाबले कुछ नुकसान जरूर हुआ है लेकिन भाजपा इसकी क्षतिपूर्ति अन्य प्रदेशों कर्नाटक,पश्चिम बंगाल,उड़ीसा,आंध्र प्रदेश, तेलांगना, महाराष्ट्र आदि से जीत की बढ़त से कर रही है। साथ ही उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों
में पिछले चुनाव की तरह भारी जीत दर्ज कर सकती है। इसके अलावा,भाजपा के तमिलनाडु और केरल में भी अपना खाता खोलने की संभावना है,जबकि कुछ टीवी चैनल अपने एग्जिट पोल के नतीजों में इंडिया ब्लॉक की जीत के संकेत भी दे रहे है लेकिन उसकी संभावनाएं कम ही दिखती है। हालांकि भाजपा को यह मलाल अवश्य रह सकता है कि देश में भौगोलिक दृष्टि से सबसे बड़े प्रांत राजस्थान के साथ ही उत्तर भारत के कुछ प्रदेशों हरियाणा आदि में पिछले आम चुनाव की तरह क्लीन स्वीप नही कर पाएगी। राजस्थान में जीत की हैट्रिक का सपना टूटना भी भाजपा को चुभता रहेगा। अलबत्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जीत की हैट्रिक लगा कर एक नया इतिहास रचते अवश्य दिखाई दे रहे हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गुट के बीच इस बार सीधी लड़ाई देखी गई । सत्तारूढ़ भाजपा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार सत्ता मिलने की उम्मीद है। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने इस चुनावी सीजन में “400 पार” का नारा दिया, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को भविष्यवाणी की कि इंडिया ब्लॉक कम से कम 295 लोकसभा सीटें जीतेगा लेकिन कम से कम पांच से अधिक एग्जिट पोल ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाले एनडीए के लिए स्पष्ट बहुमत की भविष्यवाणी कर दी है। इसके साथ ही एग्जिट पोल में यह भी अनुमान लगाया गया है कि सत्तारूढ़ गठबंधन तमिलनाडु और केरल आदि दक्षिणी राज्यों में भी अपना खाता खोल सकती है। कांग्रेस शासित कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश आदि में भी में भी भाजपा के जीत हासिल करने का अनुमान है। इस तरह अनुमान है कि नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) 543 सदस्यीय लोकसभा में 350 से भी अधिक सीटें जीत सकती है और यह आंकड़ा और भी आगे बढ़ सकता है। हालांकि सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी या गठबंधन को 272 सीटों की जरूरत है।
आगामी 4 जून को जब ईवीएम मशीनों से परिणामों का पिटारा खुलेगा तो यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वाकई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अबकी बार चार सौ पार की भविष्यवाणी सटीक साबित होने जा रही है । साथ ही क्या मोदी के करिश्में ने इस बार आम चुनाव में महाखेला कर प्रतिपक्ष की चारों खाने चित्त कर दिया है?