संजय सक्सेना
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखाड़ा परिषद की मांग पर कुंभ के दौरान साधू-संतो के स्नान के साथ जुड़ा शब्द ‘शाही’ और पेशवाई शब्द हटाने की सहमति दी है। उन्होंने कहा कि अखाड़े जो प्रस्ताव देंगे, सरकार उस पर सार्थक कदम उठाएगी। बता दें कि शाही स्नान का नाम बदलने के अभियान को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवीन्द्र पुरी पहले ही समर्थन दे चुके हैं। उन्होंने परिषद की बैठक में यह प्रस्ताव लाने का वचन दिया था। संत समाज के साथ, महापौर, सांसद, विधायक, सनातन धर्म के मर्मज्ञों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर उचित कार्रवाई की मांग की थी।
परिषद की बैठक में अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि भारत धर्मनिरपेक्ष देश है, जहां संविधान सर्वोपरि है। संविधान ने समस्त नागरिकों को बराबर अधिकार दिया है। इसके बावजूद जाति-धर्म के नाम पर विशेष वर्ग के लोगों को अतिरिक्त सुविधा दी जा रही है। ऐसे में देशभर में समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए। अखाड़ों के संत प्रवचन, वैचारिक गोष्ठी, संवाद के जरिए माहौल बनाएंगे। उन्होंने लव जिहाद व हिंदुओं के मतांतरण को गंभीर समस्या बताते हुए सख्त कानून बनाने की मांग की।