संजय सक्सेना
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या सनातन धर्म की पावन पूरी में से प्रथम पूरी है। हजारों वर्षों से विश्व मानवता का मार्ग अयोध्या ने प्रशस्त किया। अयोध्या एक ऐसी भूमि जहां कोई युद्ध करने का साहस नहीं कर सकता। योगी ने कहा कि पिछले वर्ष जनवरी में पीएम मोदी के हाथों 500 वर्षों के संघर्ष के बाद रामलला फिर से प्रतिष्ठित हुए। पीएम ने अयोध्या के नागरिकों के प्रति अपना अनुराग व्यक्त किया था। अयोध्या ने उनके साथ न्याय नहीं किया। लेकिन, श्रीराम ने हर प्रकार का संरक्षण दिया।
रामनगरी में चार दिवसीय रामायण मेले का उद्घाटन करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा पांच से आठ दिसंबर तक सरयू तट स्थित रामकथा पार्क में गीत-संगीत व अध्यात्म की त्रिवेणी प्रवाहमान होगी। सीएम सुबह अयोध्या पहुंचे। इस दौरान उन्होंने हनुमानगढ़ी व रामलला के दरबार में भी हाजिरी लगाई। जानकी महल ट्रस्ट में चल रहे विवाहोत्सव में भी सीएम के शामिल होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या सांस्कृतिक रूप से विश्व में आगे बढ़ रहा। रामायण सीरियल को लोग देखने के लिए एक घंटे टीवी के सामने बैठते थे। डॉक्टर लोहिया ने रामायण उत्सव कार्यक्रम देश में प्रारंभ किए थे। जिसके मन में राम और जानकी के प्रति समर्पण नहीं है, उनको त्याग देना चाहिए। सीएम ने कहा कि डॉ लोहिया राजीनीति में आदर्शवादी थे। समाजवादी पार्टी परिवारवादी है। अपराधी गुंडों के संरक्षण के बिना यह उसी तरह तड़पते हैं, जैसे पानी बिना मछली। लोहिया के नाम पर राजनीति करेंगे लेकिन उनके आदर्श नहीं मानते। सीएम ने कहा कि याद कीजिए 500 साल पहले अयोध्या कुंभ में बाबर के आदमी ने क्या किया था? संभल में भी यही हुआ था। बांग्लादेश में भी यही हो रहा है। तीनों का स्वभाव और डीएनए एक ही है। अगर कोई मानता है कि बांग्लादेश में ऐसा हो रहा है, तो वही तत्व यहां भी आपको सौंपने के लिए इंतजार कर रहे हैं।
योगी ने कहा कि उन्होंने सामाजिक एकता को तोड़ने का पूरा इंतजाम कर रखा है। ये बातें करने वाले कुछ लोग ऐसे हैं, जिनकी विदेशों में संपत्ति है। अगर यहां कोई संकट आया, तो वे भाग जाएंगे। दूसरों को मरने के लिए यहीं छोड़ देंगे।
प्रख्यात समाजवादी चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया की परिकल्पना पर पहले चित्रकूट और बाद में अयोध्या में रामायण मेले का आयोजन शुरू किया गया था। कांग्रेस शासन में तत्कालीन सीएम श्रीपति मिश्र ने 1982 में अयोध्या के रामायण मेला का उद्घाटन किया था। इसके लिए रामायण मेला समिति को व्यवस्था और संतों के प्रवचन आदि के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई। सरकारी तौर पर तभी से संस्कृति विभाग अपने फंड से सांस्कृतिक कार्यक्रमों और रामलीलाओं के प्रस्तुतीकरण का दायित्व उठाता आ रहा है।