
रविवार दिल्ली नेटवर्क
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद में क्वालिटी कंसेप्ट्स फॉर एकेडमिक एक्सीलेंसः इंपॉवरिंग एजुकेर्ट्स थ्रू क्वालिटी सर्किल्स, लीन अप्रोचेज एंड 5 एस पर हुई तीन दिनी फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम- एफडीपी में क्वालिटी सर्किल फोरम ऑफ इंडिया- क्यूसीएफआई के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर श्री थॉमस मैथ्यू बतौर ट्रेनर बोले, 5 एस पांच जापानी शब्दों- सेइरी, सीटन, सेइसो, सीकेत्सु, शित्सुके का समूह है। इनका उपयोग घर, कार्यालय और समाज को सुव्यवस्थित करने में किया जाता है। श्री मैथ्यू ने बताया सेइरी का मतलब है- वर्गीकरण करना यानी हमारे लिए क्या जरूरी है और क्या नहीं? सीटन से अभिप्राय है- वस्तुओं को व्यस्थित तरीके से रखना। सेइसो का अर्थ है- स्वच्छता यानि अपने वर्कप्लेस को स्वच्छ रखना। सीकेत्सु का मलतब है- मानकीकरण करना और शित्सुके का अभिप्राय है- अनुशासन। 5 एस का लक्ष्य एक स्वच्छ, सुव्यवस्थित वातावरण बनाना है। क्यूसीएफआई के नॉर्थ जोन डायरेक्टर डॉ. अविनाश चन्द्र उपाध्याय और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर श्री थॉमस मैथ्यू ने टीएमयू के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन के अलावा वीसी प्रो. वीके जैन से उनके कार्यालयों में शिष्टाचार भेंट की। इस मौके पर डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन की भी गरिमामयी मौजूदगी रही। अंत में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
श्री मैथ्यू ने क्वालिटी सर्किल्स के तहत उन्होंने पाई चार्ट, बार ग्राफ, फिशबोन डायग्राम जैसे विभिन्न ग्राफिकल टूल्स के निर्माण और विश्लेषण का प्रशिक्षण दिया गया। लीन अप्रोच पर बोलते हुए बताया, यह प्रबंधन प्रणाली कार्यक्षमता बढ़ाने, समय की बचत करने पर केंद्रित है। इसमें न्यूनतम संसाधनों में अधिकतम परिणाम प्राप्त करना लक्ष्य होता है। लीन सिद्धांत एक कुशल और प्रभावी संगठन बनाने के लिए एक मागदर्शन प्रदान करते हैं। ये सिद्धांत कार्य प्रक्रियाओं में बेहतर प्रवाह बनाने और निरंतर सुधार की संस्कृति विकसित करने को प्रोत्साहित करते हैं। एफडीपी में डायरेक्टर एग्जामिनेशन डॉ. प्रदीप अग्रवाल, एग्रीकल्चर के डीन प्रो. प्रवीन कुमार जैन, प्रो. रवि जैन, प्रो. अशेन्द्र कुमार सक्सेना, डॉ. वैभव रस्तोगी, डॉ. वरुण तोषनीवाल, डॉ. नम्रता जैन, डॉ. नेहा आनंद, डॉ. वरुण कुमार सिंह, डॉ. विनीता जैन के अलावा 35 प्रतिभागी मौजूद रहे।